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17 मार्च, 2023 को, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने यूक्रेन के बच्चों के गैरक़ानूनी स्थानांतरण और गैरक़ानूनी निर्वासन के कथित युद्धापराधों के आधार पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूसी बाल अधिकार आयुक्त, मारिया लवोवा-बेलोवा के खिलाफ़ गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया।

रूस की दुष्प्रचार मशीन ने परमाणु हमले की धमकियों, पश्चिमी देशों द्वारा “बच्चों पर प्रयोग किए जाने” और रूस विरोधी “उन्माद” के झूठे दावों, आईसीसी के न्यायाधीशों की गिरफ़्तारी की मांग, और यूक्रेन के बच्चों को “उनकी सुरक्षा के लिए निकाले जाने” के दावों के साथ आईसीसी के फ़ैसले पर त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त की। रूस की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने हेग को हाइपरसोनिक मिसाइल हमले की धमकी दी और वारंट की तुलना टॉयलेट पेपर से की। क्रेमलिन के लिए दुष्प्रचार करने वाले व्लादिमीर सोलोविओव और मार्गरीटा सिमोनियन ने दावा किया कि परमाणु हमले पुतिन को गिरफ़्तार का दुस्साहस करने वाले किसी भी देश का इंतज़ार कर रहे हैं। इस बीच, रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने “प्रबुद्ध पश्चिम” पर “बच्चों के बचाव को अपराध बताने” का आरोप लगाया, और कहा कि ये पश्चिमी देश ही “बच्चों पर लिंग परिवर्तन वाले प्रयोग” कर रहे हैं। साथ ही, रूसी संसद के अध्यक्ष व्याचेस्लाव वोलोदिन ने दावा किया कि “पश्चिम उन्मादी है” और पुतिन के खिलाफ़ किसी भी “अपमानजनक कदम” को रूस के खिलाफ़ आक्रामकता के रूप में देखा जाएगा। उन्होंने आगाह किया, “अमेरिकियों, पुतिन को हाथ मत लगाना!” इसी तरह, वाशिंगटन में रूस के दूतावास ने वारंट को “अमेरिका द्वारा सही ठहराए जाने” को “मंद स्कित्ज़ोफ़्रेनिया की याद दिलाने वाल” बताया और अन्यत्र किए जा रहे “अमेरिकी अत्याचारों” की ओर इशारा किया। कई रूसी सीनेटरों ने आईसीसी न्यायाधीशों के खिलाफ़ गिरफ्तारी का वारंट जारी करने और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय को “खत्म” करने का प्रस्ताव रखा। यह रिपोर्ट आईसीसी के आरोपों के संदर्भ की तथा तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने और कथित युद्धापराधों के दोष से ध्यान हटाने के रूस के प्रयासों की पड़ताल करती है।

24 फरवरी 2022 के बाद से, जब क्रेमलिन ने कीव में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को गिराने के प्रयास में यूक्रेन पर अपना पूर्ण हमला शुरू किया था, रूसी सेना के सदस्यों ने यूक्रेन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्ज अनेक युद्धापराध और मानवता के खिलाफ़ अपराध किए हैं, जिनमें अनेक यूक्रेनी बच्चों के खिलाफ़ अपराध भी शामिल हैं। 5 जून 2023 को, संयुक्तराष्ट्र महासचिव ने कथित तौर पर यूक्रेन के सैकड़ों बच्चों की हत्या करने और उन्हें अपंग बनाने, उनका मानव ढाल के रूप में उपयोग करने, तथा स्कूलों और अस्पतालों पर हमले करने की वजह से रूस के सशस्त्र बलों और संबद्ध हथियारबंद गुटों को उन पक्षों की सूची में शामिल किया जिन्होंने “सशस्त्र संघर्ष की स्थितियों में बच्चों के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन” किए हैं।

क्रेमलिन यूक्रेन के भविष्य को छीनने का प्रयास करके एक राष्ट्र के रूप में उसके अस्तित्व को मिटाने के लिए कृतसंकल्प प्रतीत होता है। बढ़ते सबूतों से स्पष्ट है कि रूस यूक्रेन की पहचान, इतिहास और संस्कृति को दबाने के अपने व्यवस्थित प्रयासों के प्रमुख घटकों के रूप में जबरन स्थानांतरण, पुनर्शिक्षा और, कुछ मामलों में, यूक्रेन के बच्चों को गोद लेने के तरीकों का उपयोग करता है। यूक्रेनी सरकार का अनुमान है कि रूसी अधिकारियों ने 19,553 बच्चों को उनके घरों से “निर्वासित और/या जबरन विस्थापित” किया है, जिन्हें रूस के कब्ज़े वाले क्षेत्रों में और कभी-कभी रूस में, यहां तक कि रूस के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी तथाकथित “ग्रीष्मकालीन शिविरों” में  स्थानांतरित किया गया है। 1 अगस्त 2023 तक, यूक्रेन 395 बच्चों को सफलतापूर्वक वापस ला चुका था।

रूसी संघ के राष्ट्रपति के कार्यालय में बाल अधिकार आयुक्त मारिया लवोवा-बेलोवा ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि यूक्रेन के 700,000 से अधिक बच्चे अब रूस में हैं, उनका दावा है कि अधिकांश के साथ उनके अभिभावक भी थे और उन्होंने इसे “मानवतावादी प्रयास” के रूप में चित्रित किया गया है।” येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की ह्यूमैनिटेरियन रिसर्च लैब (येल एचआरएल), जो विदेश विभाग समर्थित कंफ्लिक्ट ऑबज़र्वेटरी में साझेदार है, ने बताया कि रूस ने पूर्ण हमले की शुरुआत के बाद से “यूक्रेन से कम से कम 6,000 बच्चों को व्यवस्थित रूप से रूसी कब्ज़े वाले क्रीमिया तथा रूसी मुख्यभूमि स्थित पुनर्शिक्षा और दत्तक ग्रहण केंद्रों के नेटवर्क में स्थानांतरित किया है।” येल एचआरएल के निष्कर्षों से “प्रतीत होता है कि अधिकांश शिविर रूस समर्थक पुनर्शिक्षा प्रयासों में लगे हुए हैं, और कुछ शिविरों ने बच्चों को सैन्य प्रशिक्षण भी दिया है।” संरक्षित व्यक्तियों का गैरक़ानूनी स्थानांतरण और निर्वासन नागरिकों की सुरक्षा पर चतुर्थ जिनेवा संधि का गंभीर उल्लंघन है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य युद्धापराध है।

ज़िम्मेदारी से ध्यान बटाने के लिए, रूस अपने दुर्व्यवहार को “मानवीय सहायता” से जुड़े कदम के रूप में चित्रित करने के प्रयास के तहत दुष्प्रचार और अधिप्रचार करता है। रूस दुष्प्रचार और अधिप्रचार केंद्रित गतिविधियों का भी संचालन करता है, जिसका उद्देश्य रूस के कब्ज़े वाले यूक्रेनी इलाक़ों में या उसके द्वारा रूस निर्वासित किए गए बच्चों को गुमराह करना है ताकि उन्हें विश्वास दिलाया जा सके कि क्रेमलिन उन्हें “कीव स्थित नाज़ी शासन” से बचा रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने इस बारे में कहा, “इस आपराधिक नीति का उद्देश्य सिर्फ लोगों को चुराना भर ही नहीं है, बल्कि ये भी सुनिश्चित करना है कि निर्वासित लोग यूक्रेनियों के बारे में भूल जाएं और वापस लौटने में सक्षम नहीं रह पाएं।”

जवाबदेही ज़रूरी है। यही कारण है कि अमेरिका अत्याचारों के तमाम सबूतों को इकट्ठा करने, उनका दस्तावेज़ीकरण करने और उन्हें संरक्षित करने के यूक्रेनी और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रयासों का पूरा समर्थन कर रहा है, इसलिए यूक्रेन के बच्चों के साथ क्या हुआ, रूस का दुष्प्रचार और अधिप्रचार उसका एकमात्र रिकॉर्ड नहीं है।

“उन्होंने कहा कि मेरी मां को मेरी ज़रूरत नहीं थी:” रूस द्वारा यूक्रेन के बच्चों के गैरक़ानूनी स्थानांतरण, निर्वासन और गोद लेने के अवैध तंत्र की कार्य प्रणाली

येल एचआरएल के अनुसार, फरवरी 2022 में यूक्रेन पर क्रेमलिन का पूर्ण हमला शुरू होने से कुछ समय पहले रूस ने यूक्रेन के अपने नियंत्रण वाले या कब्ज़े वाले इलाक़ों से बच्चों को रूस में स्थानांतरित करना शुरू कर दिया था। रूस ने यूक्रेन से बच्चों के स्थानांतरण के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया है। इनमें से तीन तरीके हैं: 1) यूक्रेन में अपने कब्ज़े वाले क्षेत्रों में रूसी और रूस द्वारा तैनात अधिकारियों ने तथाकथित “फ़िल्ट्रेशन” ऑपरेशन के दौरान बच्चों को गैरक़ानूनी तरीके से निर्वासित किया है; 2) यूक्रेन में अपने कब्ज़े वाले क्षेत्रों में रूसी और रूस द्वारा तैनात अधिकारियों ने यूक्रेन के सरकारी संस्थानों से बच्चे लिए हैं; और 3) यूक्रेन में अपने कब्ज़े वाले क्षेत्रों में रूसी और रूस द्वारा तैनात अधिकारी बच्चों को क्रीमिया और रूस के कथित मनोरंजन शिविरों में ले गए।

फ़िल्ट्रेशन

एमनेस्टी इंटरनेशनल और उक्रेन्स्का प्रावदा की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के “फ़िल्ट्रेशन” ऑपरेशन के दौरान कुछ बच्चे अपने माता-पिता से अलग हो गए। “फ़िल्ट्रेशन” प्रक्रिया के तहत, रूस यूक्रेनी नागरिकों को रूसी कब्ज़े पर उनसे कथित खतरे का मूल्यांकन करने के लिए हिरासत में लेता है। इन व्यक्तियों को फ़िल्ट्रेशन से गुजरने के बाद तीन में से एक नियति का सामना करना पड़ता है, जिनमें शामिल हैं: उन्हें रूसी दस्तावेज़ जारी किया जाना और उनका रूसी-कब्ज़े वाले यूक्रेन में रहना, उन्हें रूस में जबरन निर्वासित किया जाना, या उन्हें पूर्वी यूक्रेन या रूस की जेलों में बंद किया जाना। “फ़िल्ट्रेशन” प्रक्रिया के तहत बच्चों और माता-पिता को अलग किया जा सकता है और उनसे अलग-अलग पूछताछ की जा सकती है। कभी-कभी बच्चों से उनके माता-पिता या अभिभावकों की सहमति या उपस्थिति के बिना पूछताछ की जाती है और उनकी तलाशी ली जाती है।

मारियुपोल के 12 वर्षीय लड़के साश्को ने कहा कि रूसी सैनिकों ने उसे और उसकी मां को यूक्रेन के डोनेत्स्क क्षेत्र के रूसी कब्ज़े वाले इलाक़े के एक गांव बेज़िमेन में एक “फ़िल्ट्रेशन” केंद्र में स्थानांतरित कर दिया। उसकी मां को पूछताछ के लिए ले जाया गया, और तब से उसने उन्हें नहीं देखा है। साश्को ने कहा, “उन्होंने (रूसी सैनिकों ने) मुझे मेरी मां को अलविदा तक नहीं कहने दिया… उन्होंने कहा कि मेरी मां को मेरी ज़रूरत नहीं थी, और मुझे बाल संरक्षण गृह में और फिर किसी पालक परिवार के पास भेज दिया जाएगा।” साश्को ने अपनी दादी ल्यूडमिला से संपर्क करने में क़ामयाब होने से पहले रूसी कब्ज़े वाले डोनेत्स्क में एक “ट्रॉमा सेंटर” में दो महीने बिताए, फिर साश्को को घर लाने के लिए उसकी दादी ने डोनेत्स्क की यात्रा की। मारियुपोल के अन्य बच्चे, जो “फ़िल्ट्रेशन” ऑपरेशन के दौरान अपने माता-पिता से अलग हो गए थे, कथित तौर पर मास्को में नज़र आए और उन्हें रूस में परिवारों को गोद देने की तैयारी की जा रही थी।

संस्थानों से स्थानांतरण/निर्वासन

रूस यूक्रेन के देखभाल केंद्रों में रहने वाले बच्चों को भी निर्वासित करता है। लवोवा-बेलोवा ने दावा किया कि इन बच्चों के माता-पिता या अभिभावक नहीं हैं, लेकिन एसोसिएटेड प्रेस ने पाया कि रूस ने “यूक्रेनी बच्चों को उनकी सहमति के बिना रूस या रूस-अधिकृत क्षेत्रों में निर्वासित किया है, उनसे झूठ बोला है कि उन्हें उनके माता-पिता नहीं चाहते हैं, उन्हें दुष्प्रचार के लिए इस्तेमाल किया गया है, और उन्हें रूसी परिवारों को सौंपा गया है और नागरिकता दी गई है।” 17 वर्षीय टिमोफ़ी चमेल ने कहा कि डोनेत्स्क में अधिकारियों ने उन्हें “गैजेट्स और कपड़े” तथा “आरामदायक” जीवन का वादा करके मॉस्को जाने के लिए लुभाने की कोशिश की। उन्होंने उससे कहा, “अगर आपके माता-पिता ने आपको छोड़ दिया है, तो उन्हें आपकी ज़रूरत नहीं है। हम आपकी मदद करेंगे।”। टिमोफ़ी ने मना कर दिया।

यूक्रेन के सरकारी संस्थानों में रहने वाले सभी बच्चे “अनाथ” नहीं हैं। इनमें कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे परिवारों के बच्चे या वे बच्चे भी शामिल हो सकते हैं जिनके माता-पिता रूस की बमबारी में मारे गए लेकिन अभी भी जिनके अन्य रिश्तेदार या क़ानूनी अभिभावक हो सकते हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, “[यूक्रेन में] सरकारी बाल गृहों में बच्चों को अक्सर अनाथ करार दिया जाता है, लेकिन अधिकांश के पास परिवार होते हैं। बीमारी, मादक द्रव्यों के सेवन या वित्तीय कठिनाइयों से जूझ रहे माता-पिता, जिनमें जटिल चिकित्सकीय स्थितियों वाले बच्चों या विकलांग बच्चों की देखभाल करना शामिल है, अपने बच्चों को – अस्थायी या स्थायी रूप से – यूक्रेन के सरकार-संचालित संस्थानों में रख सकते हैं। फिर रूस “सुरक्षा चिंताओं” या “चिकित्सकीय देखभाल” के बहाने कथित अनाथों को “सुरक्षित निकालता” है, उन्हें रूस के कब्ज़े वाले क्षेत्रों में अस्पतालों या “परिवार केंद्रों” में भेजता है, और फिर उन्हें रूस में “पालने या गोद लेने” के लिए निर्वासित करता है। जहां उनमें से कुछ को रूसी नागरिकता लेने के लिए मजबूर किया जाता है। साइबेरियाई शहर सालेकहार्ड की ओल्गा द्रुझिनिना ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने रूस के कब्ज़े वाले यूक्रेनी शहर डोनेस्त्क से चार बच्चों को गोद लिया है। सुश्री द्रुझिनिना ने कहा, “हमारा परिवार एक छोटे रूस की तरह है… रूस ने चार क्षेत्रों पर कब्ज़ा कर लिया, और द्रुज़िनिन परिवार ने चार बच्चों को पालने के लिए अपना लिया।” येल एचआरएल के अनुसार, 2022 की गर्मियों में लवोवा-बेलोवा ने कहा कि यूक्रेन से 350 “अनाथों” को गोद लिया गया था और “एक हजार से अधिक बच्चे” गोद लिए जाने के लिए कतार में थे। यूक्रेन पर संयुक्तराष्ट्र के स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग का निष्कर्ष है कि “आयोग ने जिन स्थितियों की जांच की है, उनमें से किसी में भी बच्चों का स्थानांतरण अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून द्वारा निर्धारित आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है। स्थानांतरण सुरक्षा या चिकित्सा कारणों से भी उचित नहीं थे।

“ग्रीष्मकालीन शिविरों” में स्थानांतरण

यूक्रेन के रूसी कब्ज़े वाले क्षेत्रों में रूस द्वारा तैनात “अधिकारी” और रूसी संघ के सैनिक यूक्रेन के बच्चों को रूसी कब्ज़े वाले क्रीमिया या रूस के अंदर तथाकथित “मनोरंजन शिविरों” की यात्रा के लिए चुनते हैं। येल एचआरएल ने यूक्रेन के 6,000 से अधिक बच्चों की पहचान की, जिन्हें कम से कम ऐसे 43 केंद्रों में रखा गया है। येल एचआरएल ने जिन ग्यारह शिविरों की पहचान की है, वे यूक्रेन की रूस से लगने वाली सीमा से 500 मील से अधिक दूरी पर स्थित हैं, जिनमें से दो साइबेरिया में और एक रूस के सुदूर पूर्वी इलाक़े में है। येल एचआरएल के अनुसार, बच्चों को शिविरों में भाग लेने के लिए उनके माता-पिता से सहमति “दबाव बनाकर ली जाती है और अक्सर उसका उल्लंघन किया जाता है।” एपी समाचार एजेंसी के अनुसार रूसी अधिकारियों ने यूक्रेन के बच्चों को यह विश्वास दिलाने की कोशिश की कि उन्हें “उनके माता-पिता नहीं चाहते थे।” येल एचआरएल के अनुसार, माता-पिता का कहना है कि “रहने की अवधि और उनके बच्चों के साथ पुनर्मिलन की प्रक्रियाओं” के बारे में उनसे झूठ बोला जा रहा है। कुछ मामलों में, शिविर आयोजकों ने बच्चों को उनके माता-पिता के मना करने के बावजूद शिविरों में भेज दिया। इसी रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 10 प्रतिशत शिविरों ने बच्चों की यूक्रेन वापसी की योजना को स्थगित कर दिया और माता-पिता को उनके बच्चों की स्थिति और स्थान के बारे में जानकारी नहीं दी। उसके बाद से दो शिविरों के बच्चों को रूस में पालक परिवारों के साथ रखा गया है। यूक्रेन के बच्चों का यह स्थानांतरण और निर्वासन रूस के संघीय, क्षेत्रीय और स्थानीय सरकारी अधिकारियों द्वारा “केंद्रीय रूप से समन्वित” है, जिसमें रूस और यूक्रेन के रूसी कब्ज़े वाले क्षेत्रों में “मनोरंजन शिविर” कार्यक्रम का प्रचार करना शामिल है।

जैसा कि 2023 की मानव तस्करी रिपोर्ट में बताया गया है, अमेरिकी विदेश विभाग रूस द्वारा यूक्रेन के बच्चों को रूसी संघ में जबरन स्थानांतरित किए जाने पर बहुत चिंतित है। इन बच्चों पर मानव तस्करी के चंगुल में फंसने का अत्यधिक खतरा है; और यदि उनका जबरन श्रम या व्यावसायिक यौन कृत्यों के लिए शोषण किया जा रहा है, तो यह मानव तस्करी की श्रेणी में आएगा। चूंकि इन बच्चों और इनके परिवारों के हाल और ठिकाने के बारे में जानकारी, मानवीय संगठनों की इन तक पहुंच समेत, सीमित है, ऐसे में वर्तमान में यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त डेटा नहीं है कि क्या इन बच्चों का इस तरह शोषण किया जा रहा है कि जिसे मानव तस्करी का दर्जा दिया जा सके।

यूक्रेन के बच्चों का दुष्प्रचार के साधन के रूप में उपयोग करना, मानवतावाद को बदनाम करना

रूस का दुष्प्रचार और अधिप्रचार पारिस्थितिकी तंत्र क्रेमलिन के जबरन स्थानांतरण, पुनर्शिक्षा और यूक्रेन से लाए बच्चों को गोद लिए जाने को बच्चों को युद्ध (जो रूस ने शुरू किया था) से बचाने वाले मानवीय कार्यों के रूप में गलत चित्रण का प्रयास करता है। रूस का सरकारी मीडिया अक्सर टेलीविजन कैमरों के सामने यूक्रेन से आए नए बच्चों की परेड कराता है, जिसमें रूसी अधिकारियों को उन्हें चूमते और गले लगाते हुए, उन्हें खिलौने और उपहार से भरी टोकरियां देते हुए, उन्हें रूसी पासपोर्ट सौंपते हुए और उन्हें “युद्ध से बचाए गए परित्यक्त बच्चों” के रूप में चित्रित करते हुए दिखाया जाता है। सरकार से जुड़ी संस्थाएं टेलीग्राम और यूट्यूब पर “यूक्रेन से रूस में बच्चों के निरंतर प्रवाह को दर्शाते हुए” प्रचार वीडियो प्रकाशित करती हैं।

रूस यूक्रेन के बच्चों को स्थानांतरित करने और निर्वासित करने के लिए और अधिक बहाने गढ़ने के उद्देश्य से यूक्रेन और पश्चिम को बदनाम करने के लिए झूठे दावे भी फैलाता है। उदाहरण के लिए, दो तथाकथित वृत्तचित्र फ़िल्में यूक्रेन, पश्चिमी देशों और पश्चिमी मानवतावादी संगठनों पर यूक्रेन के बच्चों के ज़रिए अवैध अंग तस्करी में शामिल होने का आरोप लगाते हुए दुष्प्रचार फैलाती हैं। आरटी चैनल की एक फ़िल्म, “टैंक्स फॉर किडनीज़”, बेतुका आरोप लगाती है कि यूक्रेन की सरकार एक अंतरराष्ट्रीय अवैध बाल अंग तस्करी गिरोह में शामिल है। इसके अलावा, फिल्म का एक अभिप्राय ये है कि नैटो और डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (मेडेसिन्स सैन्स फ़्रंटियर्स) ने विगत में सर्बिया में इसी तरह के एक अभियान का समर्थन किया था। एक दूसरी फ़िल्म, “लेट मॉम हियर दिस” (रूसी में “Пусть мама услышит”), जिसे क्रेमलिन समर्थक सोशल मीडिया चैनल “रशिया इज़ मी” द्वारा प्रसारित किया गया, में गुमनाम स्रोतों और “विशेषज्ञों” का दावा है कि “व्हाइट एंजेल्स” जो कथित तौर पर यूक्रेन की पुलिस के तत्वावधान में काम करने वाला संगठन है, “गुप्त प्रयोगशालाओं” में बच्चों की हत्या करता है और उनके अंगों को यूरोप और अमेरिका में अपने ग्राहकों को बेचता है। इस भयानक दुष्प्रचार को फैलाने के अलावा, फिल्म लाचार बच्चों का शोषण करती है। साक्षात्कारकर्ता के कई भ्रामक सवालों के बाद, एक लड़की को यह दावा करने के लिए प्रेरित किया जाता है कि वह रूस में रहना चाहेगी, भले ही उसकी मां उसे वापस यूक्रेन ले जाने का फ़ैसला करे।

झूठ और चालबाज़ी

यूक्रेन के बच्चों को रूसी कब्ज़े वाले यूक्रेनी इलाक़ो में स्थानांतरित करने और/या रूस में निर्वासित करने की बात स्वीकार करते हुए, रूसी अधिकारियों ने क्रेमलिन की घातक गतिविधियों को ढंकने के प्रयास में झूठे दावे भी फैलाए हैं। उदाहरण के लिए, लवोवा-बेलोवा ने तर्क दिया कि रूस मानवीय सहायता की दृष्टि से कार्य कर रहा है और यह प्रयास पूरी तरह से बच्चों के माता-पिता या अन्य क़ानूनी अभिभावकों की सहमति पर निर्भर है। मई 2022 में, पुतिन ने माता-पिता के संरक्षण में नहीं रह रहे अनाथों और बच्चों के लिए रूसी संघ की नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसान बनाने वाले एक अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए। जनवरी 2023 में, पुतिन ने लवोवा-बेलोवा को रूसी कब्ज़े वाले यूक्रेन के क्षेत्रों में रहने वाले “नाबालिगों की पहचान करने के लिए अतिरिक्त उपाय अपनाने” का निर्देश दिया। फरवरी 2023 में लवोवा-बेलोवा के साथ बैठक में, उन्होंने “[यूक्रेनी] बच्चों को गोद लेने के संबंध में हमारे नागरिकों द्वारा की जानेवाली पूछताछ की बढ़ती संख्या” के बारे में दावा किया। फिर भी लवोवा-बेलोवा ने बार-बार इस बात से इनकार किया है कि बच्चे गोद लिए जा रहे हैं, मार्च 2023 में दावा किया गया कि 380 अनाथ बच्चों को “अस्थायी रूप से रूस में परिवारों के साथ रखा गया जब तक कि उनके माता-पिता उन पर दावा नहीं करते।” रोस्तोव की क्षेत्रीय सरकार की एक रिपोर्ट के आधार पर, स्वतंत्र जांच मीडिया वज़निए इस्तोरी (महत्वपूर्ण ख़बरें) ने आकलन किया किया कि रूस में परिवारों द्वारा पाले जा रहे यूक्रेन के बच्चों की संख्या 1,184 है, जो लवोवा-बेलोवा द्वारा उद्धृत आंकड़े से तीन गुना अधिक है।

यूक्रेन के बच्चों को बरगलाने और उनमें अपनी विचारधारा भरने के लिए दुष्प्रचार और अधिप्रचार

रूसी अधिकारियों ने यूक्रेन के बच्चों को रूस समर्थक बनने के लिए “पुनर्शिक्षित” करने के रूसी सरकार के व्यवस्थित प्रयासों को नकारने वाले झूठे दावे भी फैलाए। लवोवा-बेलोवा ने “पुनर्शिक्षा” के बारे में सबूतों को “षड्यंत्र सिद्धांत” और “फ़र्ज़ी समाचार” कहा। हालांकि, येल एचआरएल का कहना है कि “राजनीतिक पुनर्शिक्षा” को इन शिविरों के प्राथमिक उद्देश्य के रूप में देखा जाता है। “पुनर्शिक्षा” की प्रक्रिया में रूस समर्थक शैक्षणिक, सांस्कृतिक और “देशभक्ति” शिक्षा शामिल है, और इसके तहत युद्ध संग्रहालयों और रूसी सांस्कृतिक स्थलों का दौरा भी कराया जाता है। कुछ मामलों में, बच्चों को रूस के पूर्व सैनिकों द्वारा सैन्य प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है, जिसमें सैन्य वाहन चलाने और आग्नेयास्त्रों का उपयोग करने संबंधी शिक्षा शामिल है। रूस इन शिविरों को “एकीकरण कार्यक्रम” के रूप में प्रचारित करता है, जिसका स्पष्ट लक्ष्य “यूक्रेन के बच्चों को रूसी सरकार की राष्ट्रीय संस्कृति, इतिहास और समाज की संकल्पना के अनुरूप ढालना” है।

बीबीसी के अनुसार, लवोवा-बेलोवा ने खुद बताया कि कैसे रूस यूक्रेन के असहाय बच्चों को रूस समर्थक “विचारधारा और विश्व दृष्टिकोण” विकसित करने के लिए प्रेरित करता है। लवोवा-बेलोवा ने उन तीस बच्चों की कथित कहानी बताई, जिन्हें रूसी सरकार रूस के सशस्त्र बलों द्वारा नष्ट किए गए यूक्रेनी शहर मारियुपोल से मॉस्को क्षेत्र में लाई थी। लवोवा-बेलोवा ने कहा कि बच्चों ने शुरू में पुतिन विरोधी विचार व्यक्त किए और यूक्रेन का गान गाया, और उसने बच्चों की बातों को “घटिया” बताया। लेकिन,  लवोवा-बेलोवा ने दावा किया, “रूसी परिवारों के साथ रहने” के बाद, बच्चों का दृष्टिकोण बदल गया – उनका “नकारात्मक” दृष्टिकोण “रूस के लिए प्यार” में बदल गया। मई 2023 में, लवोवा-बेलोवा ने कहा, “हमें भिन्न शैक्षिक और सूचनात्मक कार्यक्रम तैयार करने होंगे। हमें [यूक्रेन के] बच्चों को पुनर्शिक्षित करना होगा।”

ऐसे कई उदाहरण हैं जिनका यूरोपीय परिषद के मानवाधिकार आयुक्त ने यूक्रेन के बच्चों पर “रूस समर्थक विश्वदृष्टिकोण और यूक्रेनी पहचान को अपमानित करने वाले ऐतिहासिक कथानक” थोपने के रूसी प्रयासों के रूप में उल्लेख किया है। स्वतंत्र मीडिया संस्थान वाज़निए इस्तोरी ने निज़नी नोवगोरोद के एक अनाथालय में रूसी “देशभक्ति” शिक्षा कार्यक्रमों का दस्तावेज़ीकरण किया, जहां यूक्रेन के बच्चों ने नाज़ी जर्मनी पर सोवियत संघ की जीत के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम में भाग लिया। अनाथालय के सोशल मीडिया पेजों पर बताया गया है कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में “महान” रूस के लिए “गौरव का बीज” बोना है। अनाथालय ने रूसी संघ के सैनिकों की भी मेज़बानी की, जिन्होंने बच्चों को यह दावा करते हुए “विशेष सैन्य अभियान” से जुड़ी “वीरता की कहानियां” सुनाईं कि रूस यूक्रेन से फासीवादियों, नाज़ियों और “दुश्मनों” को “हटा रहा” था। यूक्रेन को “नाज़ीमुक्त” करने के बारे में दुष्प्रचार करने वाले क्रेमलिन ने यूक्रेन से बच्चों के गैरक़ानूनी स्थानांतरण के लिए नव-नाज़ी विचारधाराओं का समर्थन करने वाले अधिकारियों को काम पर रखा है। रॉयटर्स के अनुसार, लवोवा-बेलोवा के वरिष्ठ सहयोगियों में से एक, एलेक्सी पेत्रोव, “एक किशोर के रूप में श्वेत वर्चस्ववादी और नव-नाज़ी आंदोलनों के साथ ऑनलाइन जुड़े हुए थे।”

स्वतंत्र रूसी मीडिया संस्थान वर्स्टका के पत्रकारों ने दावा किया कि खेरसॉन के 14 यूक्रेनी अनाथ बच्चों को क्रीमिया में “क्रूर परिस्थितियों वाले अनाथालय” में स्थानांतरित कर दिया गया था। इसका मिशन वहां रहने वाले बच्चों में “देशभक्ति और नागरिक भावना को बढ़ावा देना” है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे “बहुराष्ट्रीय रूस के नागरिकों के रूप में अपनी पहचान बनाएं।” सेव यूक्रेन प्रोजेक्ट की वकील मिरोस्लावा खारचेंको, जो निर्वासित बच्चों को यूक्रेन वापस लाने में मदद करती हैं, ने यूक्रेनस्का प्रावदा को बताया, “वे [रूसी] कहते हैं कि यूक्रेन ने [बच्चों] को छोड़ दिया है। वे उन्हें अपने माता-पिता से नफ़रत करना सिखाते हैं, और फिर हमारे देश से [नफ़रत करना], और फिर रूस से प्यार करना सिखाते हैं।” रूसी कब्ज़े वाले क्रीमिया प्रायद्वीप पर येवपटोरिया में एक शिविर में समय बिताने वाली खेरसॉन की 13 वर्षीय एकातेरिना और अन्य बच्चों ने कहा कि शिविर प्रबंधन ने बच्चों को यूक्रेन के बारे में बात करने से मना किया, उन्हें हर सुबह रूस के राष्ट्रगान के लिए खड़े होने के लिए मजबूर किया और ख़ेरसॉन को “फिर से रूसी” बनाने का वादा करते हुए कीव पर बमबारी जारी रखने की धमकी दी। रूसी कब्ज़े वाले क्रीमिया के एक शिविर में रखे गए बेरीस्लाव के 16 वर्षीय विताली ने कहा, “जब वे हमें वहां लेकर आए तो उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन आतंकवादियों से बना है जो लोगों को मारते हैं।’ वे ‘यूक्रेन की जय!’ कहने पर हमें रॉड से पी और उन्होंने हमें कोसा और हमें ‘खोखोल’ [यूक्रेनियों के लिए एक अपमानजनक रूसी शब्द] कहा। जब एक लड़की ने अपने कमरे में यूक्रेन का झंडा लटकाया तो उन्होंने झंडा जला दिया।” यूक्रेन के राष्ट्रीय प्रतिरोध केंद्र के अनुसार, ज़ापोरिज़या क्षेत्र में रूसी कब्ज़े वाले क्षेत्र के अधिकारियों ने बच्चों को यूक्रेन में लड़ रहे रूस के सैनिकों के समर्थन में पत्र लिखने के लिए मजबूर किया। अन्य स्रोतों ने भी, जिनमें स्वदेश लौटे यूक्रेनी बच्चे भी शामिल हैं, इसी तरह की वैचारिक शिक्षा व्यवस्था की जानकारी दी है। लवोवा-बेलोवा ने कहा, “क्या यह देशभक्ति का एहसास नहीं कराता, जब विदेशी बच्चे मौजूद नहीं हों, और वे सभी हमारे हों?”

चाहे जितना वक़्त लगे, अमेरिका रूस के दुर्व्यवहारों के लिए जवाबदेही तय करने हेतु प्रयासरत रहेगा

रूसी सरकार ने रूस के फ़िल्ट्रेशऩ अभियान के तहत और अन्य तरीकों से बच्चों सहित लाखों यूक्रेनी नागरिकों को यूक्रेन के अपने कब्ज़े वाले हिस्सों में गैरक़ानूनी तरीके से स्थानांतरित कर दिया है या या रूस में निर्वासित कर दिया है। यह चतुर्थ जिनेवा संधि का गंभीर उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य युद्धापराध है। आईसीसी के अभियोजक कार्यालय का आरोप है कि रूस द्वारा यूक्रेन के बच्चों को निर्वासित करना, जिनमें से कुछ को रूस में गोद लेने के लिए रखा गया है, “इन बच्चों को अपने ही देश से स्थायी रूप से बाहर निकालने के इरादे को उजागर करता है।” यूक्रेन के महाअभियोजक जनरल एंड्री कोस्टिन का कहना है कि “बच्चों का अपहरण और निर्वासन सशस्त्र संघर्ष के दौरान बच्चों के खिलाफ़ छह गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों में से एक माना जाता है और यह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून, अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता क़ानून और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक क़ानून द्वारा निषिद्ध है।” यह जनसंहार पर 1949 की संधि के तहत पांच निषिद्ध कृत्यों में से एक है। अन्य विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि “बच्चों का, भले ही वे अनाथ हों, सामूहिक स्थानांतरण एक युद्धापराध है।” यूक्रेन के नागरिकों का निर्वासन, जिनमें वे बच्चे भी शामिल हैं जिन्हें जबरन उनके परिवारों से अलग कर दिया गया है, फरवरी 2023 में अमेरिकी विदेश मंत्री के इस निष्कर्ष के आधारों में से एक था कि रूसी सैनिकों और अन्य रूसी अधिकारियों ने यूक्रेन में मानवता के खिलाफ अपराध किए हैं। अपने ब्रिटेन और ईयू साझेदारों के साथ, अमेरिका अत्याचार अपराध सलाहकार (एसीए) समूह के माध्यम से बच्चों के खिलाफ़ रूस के अपराधों की यूक्रेन द्वारा जांच और मुक़दमे का समर्थन कर रहा है।

पुतिन के युद्ध का यूक्रेन के बच्चों पर विनाशकारी प्रभाव पीढ़ियों तक महसूस किया जाएगा। अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा है और चाहे जितना वक़्त लगे, हम रूस के भयावह दुर्व्यवहारों के लिए जवाबदेही तय करने हेतु गंभीर प्रयास करते रहेंगे।

U.S. Department of State

The Lessons of 1989: Freedom and Our Future