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अमेरिकी विदेश विभाग
विदेश मंत्री एंटनी जे. ब्लिंकन
भाषण
अगस्त 8, 2022

फ़्यूचर अफ़्रीका
प्रिटोरिया, दक्षिण अफ़्रीका

विदेश मंत्री ब्लिंकन: बहुत-बहुत धन्यवाद। सबको नमस्कार। यहां आकर अच्छा लग रहा है, इस असाधारण विश्वविद्यालय में उपस्थित होना सुखद है। प्रोफेसर महाराज को, प्रिटोरिया विश्वविद्यालय के पूरे नेतृत्व को, इस शानदार परिसर में आज हमारी मेज़बानी करने के लिए धन्यवाद।

और विदेश मंत्री महोदया, मेरी मित्र नालेडी, मेरे बारे में उदारतापूर्वक बताने के लिए धन्यवाद। लेकिन विशेष रूप से उस साझेदारी के लिए धन्यवाद जो हम स्थापित कर रहे हैं, न केवल अपने देशों के बीच बल्कि वास्तव में आपस में, जिसे मैं बहुत महत्व देता हूं। और इसके लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं।

आगे बढ़ने से पहले मैं एक क्षण के लिए एक और व्यक्ति का स्वागत करना चाहता हूं, दक्षिण अफ़्रीका में हमारे मनोनीत राजदूत रूबेन ब्रिजेटी, जो इस सप्ताह राष्ट्रपति रामाफ़ोसा को अपना परिचय पत्र प्रस्तुत करेंगे। रूबेन, आप कहां हैं? (तालियां।)

रूबेन पूर्व में अफ़्रीकी संघ में अमेरिकी राजदूत के रूप में तथा हमारी सरकार में अन्य वरिष्ठ पदों पर, साथ-साथ कई विश्वविद्यालयों के अध्यक्ष और डीन के रूप में कार्य कर चुके हैं। मैं हमारे राष्ट्रों के बीच संबंधों के इनसे बेहतर प्रबंधक की कल्पना नहीं कर सकता।

सीधे शब्दों में कहें तो मेरे लिए एक बार फिर दक्षिण अफ़्रीका आना बहुत सुखद है। मुझे वास्तव में पहले भी कई बार यहां आने का सौभाग्य मिल चुका है जिसमें राष्ट्रपति क्लिंटन, राष्ट्रपति ओबामा और तत्कालीन उपराष्ट्रपति बाइडेन के साथ हमारी यात्राएं शामिल हैं। और मेरी स्मृति में उन यात्राओं के अनुभवों की पक्की छाप है।

राष्ट्रपति क्लिंटन को आपकी संसद को संबोधित करने वाला पहला अमेरिकी राष्ट्रपति बनते देखना, जिनके साथ हमारी कांग्रेस के अश्वेत कॉकस का एक प्रतिनिधिमंडल भी था, जिसमें रंगभेद विरोधी आंदोलन के कई बड़े समर्थक शामिल थे, जो हमारे राष्ट्रों के संबंधों को समृद्ध करने वाले विशाल अफ़्रीकी प्रवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

एक कीनियाई पिता और एक अमेरिकी मां के बेटे, हमारे पहले अश्वेत राष्ट्रपति को रॉबेन द्वीप पर दो-गुणा-दो मीटर की उस कोठरी में खड़ा देखना, जिसमें कभी दक्षिण अफ़्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति को क़ैद रखा गया था।

या वुवुज़ेला का शोर सुनना जब अमेरिकी पुरुष फ़ुटबॉल टीम अफ़्रीका में आयोजित पहली विश्व कप प्रतियोगिता में खेल रही थी। तो इनमें से कुछ ध्वनियों को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है, और प्रतियोगिता के आरंभिक चरण में ही कुछ टीमों के छंटने की पीड़ा भी अभी तक है। (हंसी।) लेकिन दुनिया उम्मीद पर क़ायम है।

आज, जैसा कि विदेश मंत्री महोदया ने कहा, मुझे उप-सहारा अफ़्रीका और अमेरिका के बीच साझेदारी के लिए हमारी सरकार की नई रणनीति निर्धारित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यह एक ऐसी रणनीति है जो हमारे देश के इस क्षेत्र से जुड़ाव हेतु व्यापक दृष्टिकोण पर आधारित है, जिसे मुझे पिछले नवंबर में नाइज़ीरिया में प्रस्तुत करने का अवसर मिला था।

और यहां फ़्यूचर अफ़्रीका परिसर में रणनीति को पेश करना बहुत उपयुक्त है, जो कि एक ऐसी संस्था है जिसका मिशन है हमारे समय की कुछेक सर्वाधिक कठिन चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न विषयों, पृष्ठभूमि और राष्ट्रीयताओं के लोगों को एक साथ लाना।

हमारा भविष्य यहां अध्ययन के लिए आने वाले विद्वानों और चिकित्सकों जैसे युवाओं पर निर्भर करता है। और, जैसा कि आपने सुना है, 2050 तक, हमारी धरती पर चार में से एक व्यक्ति अफ़्रीकी होगा। वे न केवल इस महाद्वीप की बल्कि विश्व की नियति को निर्धारित करेंगे।

यह इसलिए भी उपयुक्त है क्योंकि दक्षिण अफ़्रीका का स्वतंत्रता संग्राम और उसका नेतृत्व करने वालों का साहस और बलिदान दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करता रहा है। हम जानते हैं कि हमारे देश की तरह आपके देश में भी आज़ादी की लंबी यात्रा अधूरी है। फिर भी आपने जो उल्लेखनीय प्रगति की है वह चहुंओर दिखती है।

1956 में, फ्रीडम चार्टर के समर्थन में रैली करने के लिए 156 कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किया गया था। चार्टर एक दस्तावेज़ था जिसमें यह दावा करने का दुस्साहस था कि दक्षिण अफ़्रीका उसके निवासियों का है। जब यहां प्रिटोरिया में राजद्रोह का मुकदमा शुरू हुआ, तो आरोपियों में चार्टर तैयार करने वालों में से एक प्रोफ़ेसर जेड.के. मैथ्यूज़, और एएनसी के एक उभरते हुए कार्यकर्ता जो मैथ्यूज़, पिता-पुत्र, भी शामिल थे, उस महिला के दादा और पिता जो आज दक्षिण अफ़्रीका की अंतरराष्ट्रीय संबंध और सहयोग मंत्री हैं: डॉ. नालेडी पैंडर। (तालियां।)

और शायद यहां उपस्थित लोगों के लिए ये बात भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, कि विदेश मंत्री के नाम के पहले लगी “डॉक्टर” की उपाधि यहां प्रिटोरिया विश्वविद्यालय में ही अर्जित की गई थी।

हम उस प्रगति को आपके साथी दक्षिण अफ़्रीकियों की उपलब्धियों में भी देख पा रहे हैं – स्प्रिंगबोक्स टीम के पुरुषों, बनयाना बनयाना टीम की महिलाओं की हालिया जीतों में। (तालियां।) संगीत पर मकेबा और मसेकेला के स्थायी प्रभावों में, एमापियानो और (तालियां) – आप समझ गए – ब्लैक कॉफ़ी जैसे डीजे की नई लोकप्रियता में, जिन्होंने अभी-अभी ग्रैमी जीता है।

अंत में, यहां दक्षिण अफ़्रीका में अपनी रणनीति प्रस्तुत करना उपयुक्त है क्योंकि हमारे राष्ट्रों और लोगों के बीच इतना घनिष्ठ बंधन है, और हम सभी जीवंत लोकतंत्रों के अंग हैं जिनकी विविधता हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

हमारी रणनीति इस मान्यता में निहित है कि उप-सहारा अफ़्रीका एक प्रमुख भूराजनीतिक बल है, जिसने हमारे अतीत को आकार दिया है, जो हमारे वर्तमान को आकार दे रहा है, और हमारे भविष्य को निर्धारित करेगा।

यह एक ऐसी रणनीति है जो इस क्षेत्र की जटिलता को दर्शाती है – इसकी विविधता, इसकी शक्ति और इसके प्रभाव को – और यह इस बात पर ध्यान केंद्रित करती है कि हम अफ़्रीकी देशों और लोगों के साथ मिलकर, न कि अफ़्रीकी देशों और लोगों के लिए, क्या करेंगे।

सीधे शब्दों में कहें, तो अमेरिका और अफ़्रीकी राष्ट्र हमारी किसी भी साझा उद्देश्यों को हासिल नहीं कर सकते हैं, चाहे वह महामारी से उबरना हो, व्यापक आधार वाले आर्थिक अवसर पैदा करना हो, जलवायु संकट से निपटना हो, ऊर्जा की उपलब्धता का विस्तार करना हो, लोकतंत्रों को पुनर्जीवित करना हो, मुक्त और खुली अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को मज़बूत करना हो – हम इनमें से कुछ भी हासिल नहीं कर सकते यदि हमने बराबरी के साझेदारों के रूप में एक साथ काम नहीं किया।

इसलिए आज मैं उन चार प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं, जिन पर हम समझते हैं हमें साथ मिलकर काम करना होगा और जो उप-सहारा अफ़्रीका के लिए अमेरिकी रणनीति के केंद्र में हैं।

सबसे पहले, हम खुलेपन को बढ़ावा देंगे, जिससे हमारा मतलब है व्यक्तियों, समुदायों और राष्ट्रों की अपना रास्ता खुद चुनने और हमारी दुनिया को आकार देने संबंधी क्षमताओं को बढ़ावा देना।

जब 1963 में नवस्वतंत्र अफ़्रीकी राष्ट्रों के नेता अफ़्रीकी संघ के पूर्ववर्ती, अफ़्रीकी एकता संगठन की स्थापना के लिए एकजुट हुए, तो उन्होंने अपना चार्टर इस प्रकार शुरू किया: “हम आश्वस्त हैं कि अपनी नियति को नियंत्रित करना सभी का अहरणीय अधिकार है। ”

यह अफ़्रीकियों की अनेक पीढ़ियों के संघर्ष से पैदा हुआ एक दृढ़ विश्वास था जिनका भाग्य अतीत में औपनिवेशिक शक्तियों द्वारा निर्धारित किया जाता था। यह अहरणीय अधिकार नियमों और सिद्धांतों की एक प्रणाली पर निर्भर करता है जिसे अफ़्रीकियों ने संयुक्तराष्ट्र और अफ़्रीकी संघ जैसी संस्थाओं में अपने नेतृत्व के माध्यम से बीते दशकों में तैयार किया है।

इसके बावजूद अक्सर अफ़्रीकी राष्ट्रों को स्वयं के नीति नियंता के बजाय अन्य राष्ट्रों की प्रगति के साधन के रूप में देखा जाता है। बारंबार उन्हें महान शक्तियों की प्रतिस्पर्धाओं, जिनका इसके लोगों के दिनप्रतिदिन संघर्षों से कोई वास्ता नहीं, में कोई एक पक्ष चुनने के लिए कहा जाता रहा है।

अमेरिका अफ़्रीका के विकल्पों को निर्धारित नहीं करेगा। किसी और को भी ऐसा नहीं करना चाहिए। इन विकल्पों को चुनने का अधिकार अफ़्रीकियों को है, सिर्फ और सिर्फ अफ़्रीकियों को।

साथ ही, अमेरिका और दुनिया अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के नियमों की रक्षा के लिए अफ़्रीकी राष्ट्रों के समर्थन की उम्मीद करेंगे, जिन्हें आकार देने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया है। इनमें प्रत्येक देश का अपनी स्वतंत्रता, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान करने का अधिकार भी शामिल है, एक ऐसा सिद्धांत जो कि इस समय यूक्रेन में दांव पर है।

हम मानते हैं कि सभी राष्ट्रों को किसी देश की सीमाओं को ताक़त की ज़ोर पर बदले नहीं जाने के अधिकार के समर्थन में खड़े होने में सक्षम होना चाहिए, क्योंकि अगर हम कहीं भी इस सिद्धांत के उल्लंघन की अनुमति देंगे, तो हम इसे हर जगह कमज़ोर बना रहे होंगे।

खुलेपन का अर्थ विचारों, सूचनाओं, निवेश के मुक्त प्रवाह की राह तैयार करना भी है, 21वीं सदी में जिसके लिए डिजिटल कनेक्टिविटी की आवश्यकता है। इसलिए अमेरिका अफ़्रीकी सरकारों, व्यवसायों, उद्यमियों के साथ साझेदारी कर रहा है ताकि उस बुनियादी ढांचे का निर्माण और प्रसार किया जा सके जो उस कनेक्टिविटी को सक्षम बनाता है – एक मुक्त, विश्वसनीय, इंटरऑपरेबल, सुरक्षित इंटरनेट; डेटा केंद्र; क्लाउड कम्प्यूटिंग।

मार्च में ऐसा ही हुआ, जब मोज़ाम्बिक स्पेसएक्स की स्टारलिंक तकनीक को लाइसेंस देने वाला पहला अफ़्रीकी देश बन गया। यह इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए उपग्रहों का उपयोग करती है, और यह पूरे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के लिए कम लागत पर इंटरनेट की उपलब्धता का विस्तार करने में मददगार साबित होगी।

मोज़ाम्बिक जैसी जगहों पर इंटरनेट सेवा के इतनी कमज़ोर होने का एक कारण यह है कि सेवा प्रदाता ऐसे डेटा केंद्रों पर निर्भर होते हैं जो कि सैकड़ों या हज़ारों किलोमीटर दूर हैं। हम इसे बदलने के लिए अफ़्रीकी देशों और व्यवसायों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

यूएस डेवलपमेंट फ़ाइनेंस कॉरपोरेशन दक्षिण अफ़्रीका सहित पूरे क्षेत्र में डेटा केंद्रों के विकास, निर्माण और संचालन के लिए 300 मिलियन डॉलर का निवेश कर रहा है।

हमने हाल ही में समुद्र होकर दूरसंचार केबल बिछाने के लिए 600 मिलियन डॉलर का ठेका दिया है जो दक्षिण पूर्व एशिया से मध्य पूर्व, हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका, यूरोप तक – 17,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक विस्तृत – महाद्वीपों में लोगों को उच्च गति का, विश्वसनीय और सुरक्षित इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करेगा।

यह बुनियादी ढांचा इस तरह से बनाया गया है कि इसका लाभ दशकों तक मिलता रहेगा। आखिरकार, हमने देखा है कि जब अंतरराष्ट्रीय बुनियादी ढांचे के सौदे दबाव और भ्रष्टाचार के ज़रिए किए जाते हैं, जब वे बुरे तरीक़े से बनाए जाते हैं या पर्यावरण के लिए विनाशकारी होते हैं, जब उनके लिए श्रमिकों को बाहर से बुलाया जाता है या उनका शोषण होता है, या जिनके लिए देशों पर भारी बोझ डाला जाता है, तो उसके परिणाम क्या होते हैं।

इसलिए देशों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि उनके पास विकल्प हों, वे उनका पारदर्शी रूप से आकलन करने में सक्षम हों, स्थानीय समुदायों के इनपुट के साथ बिना दबाव या ज़बरदस्ती के।

और, जब तक उन्हें ऐसा करने की स्वतंत्रता रही, अफ़्रीकी देशों ने यह भी देखा है कि राष्ट्रों के अपने चुने रास्ते पर चलने का अधिकार ऐसा ही करने के नागरिकों के अधिकार से जुड़ा होता है।

यह बात मुझे हमारी दूसरी प्राथमिकता पर लाती है: लोकतंत्र के वादे को पूरा करने के लिए अफ़्रीकी साझेदारों के साथ काम करना।

पूरे अफ़्रीका में अधिकतर लोग सरकार के किसी अन्य रूप के मुक़ाबले लोकतंत्र को पसंद करते हैं। आबादी का इससे भी बड़ा बहुमत लोकतंत्र के सर्वसत्तावादी विकल्पों का विरोध करता है। अफ़्रीका स्थित सर्वेक्षण संस्था एफ़्रोबैरोमीटर के अनुसार 70 प्रतिशत से अधिक लोगों ने सैन्य शासन को अस्वीकार किया, जबकि 80 प्रतिशत से अधिक एक व्यक्ति रक आधारित शासन को अस्वीकार करते हैं।

अफ़्रीकी नागरिक लोकतंत्र चाहते हैं – यह बात स्पष्ट है। प्रश्‍न यह है कि क्‍या अफ़्रीकी सरकारें लोकतंत्र को अपने नागरिकों के जीवन में स्पष्ट परिलक्षित सुधार करने वाला शासन बना सकती हैं। यह एक ऐसी चुनौती है जो केवल अफ़्रीका के लिए ही नहीं है। यह अमेरिका सहित दुनिया के हर हिस्से में लोकतंत्रों के सामने मौजूद है। और यह एक ऐसी समस्या है जिसे पुराने दृष्टिकोण को बनाए रखकर हल नहीं किया जा सकता।

तो ये ऐसे काम हैं जिन्हें हम अलग तरीके से करेंगे। हम लोकतंत्र को ऐसे क्षेत्र के रूप में नहीं देखेंगे जहां अफ़्रीका की समस्याएं हैं और अमेरिका के पास समाधान। हम मानते हैं कि हमारे लोकतंत्रों को एक जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनसे हमें साथ मिलकर, बराबर के साझेदार के रूप में, अन्य सरकारों, सिविल सोसायटी और नागरिकों के साथ मिलकर निपटने की आवश्यकता है।

यही वह भावना थी जिसने पिछले दिसंबर में राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा आयोजित आयोजित लोकतंत्र शिखर सम्मेलन में शामिल 100 देशों को प्रेरित किया था। यही अफ़्रीकी नेताओं के शिखर सम्मेलन – जिसकी अमेरिका 2014 के बाद पहली बार इस दिसंबर में मेज़बानी करेगा – को प्रेरित करेगी, और साझा प्राथमिकताओं पर काम करने के लिए संवेग दे सकेगी।

हम भ्रामक सूचना, डिजिटल निगरानी, ​​लक्षित भ्रष्टाचार जैसे लोकतंत्र के 21वीं सदी के ख़तरों से निपटने के लिए साझेदारों के साथ मिलकर काम करेंगे। हम सुशासन के लिए एक नया दृष्टिकोण, ग्लोबल फ्रैजिलिटी एक्ट लाएंगे, जो मोज़ाम्बिक – जिसकी हमने चर्चा की थी – सहित संघर्ष की परिस्थितियों वाले क्षेत्रों में अधिक शांतिपूर्ण, अधिक समावेशी, अधिक मज़बूत समाज को बढ़ावा देने में दशक भर निवेश करेगा – जिनमें तटीय पश्चिम अफ़्रीकी देश बेनिन, आइवरी कोस्ट, घाना, गिनी और टोगो शामिल हैं।

इनमें से प्रत्येक स्थान पर, हम अपने स्थानीय साझेदारों से यह सवाल पूछकर शुरुआत कर रहे हैं कि हमारी मदद किन क्षेत्रों में सर्वाधिक परिवर्तन ला सकती है। और हम दशकों में संघर्ष की रोकथाम से मिली सीख को आधार बना रहे हैं, जैसे कि सामुदायिक नेताओं, सरकारी अधिकारियों और सुरक्षा बलों के बीच संबंधों को विकसित करना, जो हिंसा के रूप में फूटने से पहले तनाव को घटाने की दृष्टि से महत्वपूर्ण होती हैं; और अधिक बारंबारता से आने वाले और अधिक गंभीर सूखे जैसे जलवायु परिवर्तन के अस्थिरकारी प्रभावों के खिलाफ़ तैयारी करना।

अमेरिकी कांग्रेस के द्विदलीय समर्थन के परिणामस्वरूप, इस पहल के लिए प्रतिवर्ष 200 मिलियन डॉलर मिलना तय है – हर साल, 10 वर्षों के लिए। इस तरह की समयावधि हमें तात्कालिक सुधारों से आगे की योजनाएं बनाने में सक्षम बनाती है।

हम लोकतंत्र और सुरक्षा के बीच संबंध पर ध्यान देंगे। इतिहास गवाह है कि मज़बूत लोकतंत्र अधिक स्थिर होते हैं और उसके संघर्ष का शिकार बनने की संभावना कम होती है – और कमज़ोर लोकतंत्रों में निहित खराब शासन, अलगाववाद और भ्रष्टाचार उन्हें चरमपंथी आंदोलनों के साथ-साथ विदेशी हस्तक्षेप की दृष्टि से अधिक संवेदनशील बनाता है। इनमें क्रेमलिन समर्थित वैगनर समूह शामिल है, जो संसाधनों की लूट के लिए अस्थिरता का फ़ायदा उठाता है और परिणामों की चिंता से बेपरवाह होकर दुर्व्यवहार करता है, जैसा कि हमने माली और मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में देखा है।

अमेरिका का मानना है कि अफ़्रीकी देश वास्तविक सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, और अनेक समुदायों को आतंकवाद और हिंसा के दोहरे अभिशाप से जूझना पड़ रहा है। लेकिन इन समस्याओं का जवाब वैगनर नहीं है, न ही कोई अन्य भाड़े का लड़ाकू समूह। जवाब है अधिक प्रभावी और जवाबदेह अफ़्रीकी सुरक्षा बलों की स्थापना की दिशा में काम करना, जो लोगों के अधिकारों का सम्मान करते हों; तथा लोगों को हाशिए पर डालने वाली प्रथाओं से निपटना जो कि अक्सर लोगों को आपराधिक या चरमपंथी समूहों की ओर धकेलते हैं। जवाब है हिंसा को समाप्त करने और शांति की राह खोलने के लिए निरंतर कूटनीति जारी रखना – ऐसी कूटनीति जिसका नेतृत्व अफ़्रीकी नेताओं, क्षेत्रीय संगठनों और नागरिकों के हाथों में हो।

अफ़्रीकी देश इन प्रयासों के समर्थन के लिए अमेरिका पर भरोसा कर सकते हैं, जैसा कि हमने चाड, इथियोपिया, सूडान, पूर्वी डीआरसी जैसे स्थानों में अपनी साझेदारी के माध्यम से प्रदर्शित किया है, जो इस सप्ताह मेरी यात्रा का मुख्य केंद्रबिंदु है।

और आख़िर में, जवाब है स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के माध्यम से सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण। अफ़्रीकी नेता क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए इन परिवर्तनों के महत्व पर अधिकाधिक ज़ोर दे रहे हैं। इसमें ईकोवास शामिल है, जो इस बात पर बहस कर रहा है कि क्या उसके 15 सदस्य देशों को तीसरे कार्यकाल की कोशिश करने वाले राष्ट्रपतियों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। प्रतिबंध के सबसे मुखर समर्थकों में घाना और नाइजीरिया के राष्ट्रपति शामिल हैं, जबकि दोनों ही अपने दूसरे कार्यकाल में हैं।

कल, कीनिया के लोग एक नए नेता का चुनाव करेंगे, और आगे इसी महीने अंगोला की जनता भी यही काम करेगी। 2023 में, डीआरसी, नाइजीरिया और सेनेगल के लोग चुनावों में भाग लेंगे। इनमें से प्रत्येक चुनाव अफ़्रीकी नागरिकों और राष्ट्रों के लिए इस बात की पुष्टि करने का कि नेतागण अपने लोगों के प्रति जवाबदेह हैं, तथा इस क्षेत्र और दुनिया भर में लोकतंत्र के पक्ष को मज़बूत करने का अवसर है।

तीसरे, हम कोविड-19 से हुई तबाही से उबरने के लिए मिलकर काम करेंगे और अपनी जनता के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक आधार वाले, स्थायी आर्थिक अवसरों की नींव रखेंगे।

हम जानते हैं कि महामारी ने अफ़्रीका को एक भयंकर चोट दी है – ज़िंदगियां तबाह हुई हैं, आजीविका के साधन बिखर गए हैं। महामारी ने 55 मिलियन से अधिक अफ़्रीकियों को गरीबी के चंगुल में धकेल दिया है, दशकों की मेहनत से अर्जित प्रगति को बाधित कर दिया है। यूक्रेन पर रूस के अकारण हमले से आर्थिक पीड़ा और गहरी हो गई है।

राष्ट्रपति पुतिन द्वारा अपने पूर्ण आक्रमण की शुरुआत किए जाने से पहले ही, दुनिया भर में 193 मिलियन लोगों को खाद्य सहायता की आवश्यकता थी। विश्व बैंक का मानना ​​है कि रूस के आक्रमण से इस अभूतपूर्व संख्या में 40 मिलियन अतिरिक्त लोग जुड़ सकते हैं। इनमें से ज़्यादातर अफ़्रीका में हैं।

अमेरिका इस अभूतपूर्व संकट की घड़ी में अफ़्रीकी देशों के समर्थन के लिए मौजूद है, क्योंकि साझेदार एक-दूसरे के लिए ऐसा ही करते हैं, और क्योंकि अफ़्रीकियों की एक व्यापक आधार वाली आर्थिक रिकवरी शुरू करने और भविष्य के झटकों के खिलाफ़ सुदृढ़ बनाने में मदद करना हमारी साझा समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।

तो मैं संक्षेप में बताना चाहूंगा कि हम यह कैसे कर रहे हैं। हम ऋण राहत जैसी प्रमुख चुनौतियों के संदर्भ में कदम उठाने के लिए अन्य देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को एकजुट कर रहे हैं। दक्षिण अफ़्रीका और जी20 के अन्य सदस्यों के साथ, हमने पहली बार चीन और अन्य कर्ज़दाताओं को साथ लाकर ऋण राहत के लिए एक साझा तंत्र विकसित किया है। इस सामूहिक प्रतिबद्धता के बल पर ज़ाम्बिया के लिए आईएमएफ़ की एक योजना के माध्यम से 1.4 बिलियन डॉलर की व्यवस्था हो रही है, जिससे देश को एक स्थिर आर्थिक राह पर लौटने में और ज़ाम्बियावासियों के लिए अधिक मज़बूत और समावेशी विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

हम जीवनरक्षक सहायता भी प्रदान कर रहे हैं। इस साल, अमेरिका ने अफ़्रीका को 6.6 बिलियन डॉलर से अधिक की मानवीय और खाद्य सहायता दी है।

कुछ महीने पहले, मई में, मैंने संयुक्तराष्ट्र में वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर मंत्रिस्तरीय बैठक का आयोजन किया था ताकि फ़ंडिंग में आ रही कमी को दूर करने के लिए दानदाताओं को एकजुट किया जा सके और प्रभावित देशों को उन क्षेत्रों पर ज़ोर देने का मौक़ा मिल सके जिनमें कि उन्हें समर्थन की आवश्यकता है। हमारे अफ़्रीकी सहयोगियों ने स्पष्ट किया कि आपात सहायता से परे, वे वास्तव में कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ता, नवाचार, और आत्मनिर्भरता के लिए अधिक निवेश चाहते हैं। हम उन मांगों के अनुरूप कदम उठा रहे हैं।

हमारी फ़ीड द फ़्यूचर नामक पहल अगले पांच वर्षों में 20 साझेदार देशों में 11 अरब डॉलर का निवेश करेगी। इन देशों में से 16 अफ़्रीका में हैं। और संयुक्त अरब अमीरात के साथ हमने जो एक नई पहल शुरू की है, वह जलवायु अनुकूल कृषि में निवेश और नवाचार को बढ़ावा दे रही है।

लेकिन ये सब सिर्फ कृषि क्षेत्र में ही नहीं हो रहा है। नवाचार और विकास को अनलॉक करने के प्रयास के तहत अमेरिका अफ़्रीकी साझेदारों के साथ कई क्षेत्रों में काम कर रहा है। जैसा कि हमारा तरीक़ा है, हम अफ़्रीका के नेतृत्व वाली अफ़्रीका महाद्वीपीय मुक्त व्यापार क्षेत्र जैसी पहलक़दमियों को आगे बढ़ा रहे हैं, जो पूर्ण कार्यान्वयन के बाद दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा आर्थिक ब्लॉक होगा। इसी तरह हम अफ़्रीकी संघ के एजेंडा 2063 का भी समर्थन कर रहे हैं।

अब एक पल के लिए बुनियादी ढांचे के बारे में सोचें। अभी हाल ही में आयोजित जी7 बैठक में, राष्ट्रपति बाइडेन ने पार्टनरशिप फ़ॉर ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इनवेस्टमेंट की शुरुआत में नेतृत्वकारी भूमिका निभाई थी, जो अगले पांच वर्षों में बड़ी परियोजनाओं के लिए विश्व स्तर पर 600 बिलियन डॉलर जुटाएगी। अमेरिका इस प्रयास के लिए 200 बिलियन डॉलर जुटाने के लिए प्रतिबद्ध है, और हम पहले से ही ऐसी परियोजनाओं का कार्यान्वयन कर रहे हैं जो स्वास्थ्य, डिजिटल बुनियादी ढांचे, महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण, ऊर्जा और जलवायु पर केंद्रित हैं।

युवाओं की बात करते हैं। कल, मैं मंडेला वाशिंगटन फ़ेलोशिप के पूर्व अध्येताओं से मिला। राष्ट्रपति ओबामा द्वारा आठ साल पहले शुरू कार्यक्रम के तहत उप-सहारा अफ़्रीका के सभी देशों से 5,000 से अधिक भावी नेता अकादमिक और नेतृत्व संबंधी प्रशिक्षण के लिए अमेरिका आ चुके हैं – कौशल क्षमता और उतना ही महत्वपूर्ण परस्पर संबंधों के निर्माण के लिए जो कि जीवन भर काम आएंगे। व्यापक याली नेटवर्क, जो अग्रणी अफ़्रीकी युवा प्रतिनिधियों को साधन, संसाधन और एक वर्चुअल समुदाय उपलब्ध कराता है, में अब 700,000 से अधिक सदस्य हैं।

इस बात पर विचार करें कि हम स्वास्थ्य क्षेत्र में क्या कर रहे हैं। 2003 में, राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने एचआईवी की रोकथाम, पता लगाने, उपचार और देखभाल के कार्यों में परिवर्तनकारी निवेश हेतु पेपफ़ार योजना शुरू की थी। मुझे लगता है, यह मेरे जीवनकाल में अमेरिका द्वारा की गई सबसे बड़ी पहलकदमियों में से एक है। उस समय से, हमने इस प्रयास में 100 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है, लगभग सारा निवेश उप-सहारा अफ़्रीका के साझेदार देशों में। हमने साथ मिलकर अनुमानित 21 मिलियन लोगों की जान बचाई है। हमने एचआईवी मुक्त जन्म लेने वाले साढ़े पांच लाख बच्चों सहित लाखों लोगों को संक्रमण से बचाया है।

इसके बारे में जरा एक पल के लिए सोचें। ये बड़ी संख्याएं हैं, हम संख्याओं के बारे में बात करते हैं, और ये कभी-कभी हमें वास्तव में यह समझने नहीं देती हैं कि दरअसल इसका पूरा मतलब क्या है। इनमें से प्रत्येक संख्या एक व्यक्तिगत जीवन, एक व्यक्तिगत नियति, एक व्यक्तिगत कहानी है। और इस अविश्वसनीय प्रयास के परिणामस्वरूप ऐसी कहानियां जुड़ती जा रही हैं और ये हमारी दुनिया में बड़ा योगदान करेंगी।

आज पेपफ़ार 70,000 स्वास्थ्य केंद्रों, 3,000 प्रयोगशालाओं, 300,000 स्वास्थ्यकर्मियों, और अनगिनत ड्रीम्स दूतों का समर्थन करती है, जो किशोरियों और युवतियों को एचआईवी से सुरक्षित रखने में मदद करते हैं, मैं समझता हूं उनमें से कुछ आज यहां हमारे बीच मौजूद हैं।

ये प्रयास लाखों अफ़्रीकियों के जीवन में स्थायी बदलाव ला रहे हैं। यही हमने महामारी के दौरान भी देखा है, जब हमारे द्वारा अफ़्रीकी देशों को मुफ़्त दिए गए 170 मिलियन से अधिक – आने वाले दिनों में और भी – सुरक्षित और प्रभावी कोविड टीकों के अलावा बीते दशकों में हमारे द्वारा साथ मिलक स्थापित स्वास्थ्य प्रणालियों ने अनगिनत जिंदगियों की रक्षा की। हमने जिन क्लीनिकों का निर्माण किया था, उनमें कोविड के सर्वाधिक गंभीर रूप से पीड़ित लोगों का उपचार किया गया। जिन सामुदायिक स्वास्थ्यकर्मियों के प्रशिक्षण में हमने मदद की थी, उन्होंने घर-घर जाकर लोगों को टीके लगाए। हमने जिन अनुसंधान केंद्रों को साझेदारियों के तहत साथ मिलकर विकसित किया है, उनकी मदद से कोविड के नए रूपों की पहचान करने और उपचार ढूंढने में सफलता मिली है।

इस बीच, अफ़्रीका सीडीसी जैसे राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्वास्थ्य संस्थानों के साथ हमारी साझेदारी ने नए रोग प्रकोपों ​​​​का पता लगाने और उन्हें रोकने में मदद की है, जिसमें हाल ही में घाना के साथ वहां मारबर्ग के पहले रोगी के मामले को संभालने के लिए की गई साझेदारी शामिल है।

और जहां महामारी ने अभावों को उजागर किया है, वहां हम उनसे निपटने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

गत फरवरी में, मैंने विदेश मंत्री पैंडर समेत 40 देशों के विदेश मंत्रियों को और साथ ही अफ़्रीकी संघ जैसे बहुपक्षीय संस्थाओं को साथ लाने का काम किया। हमने एक वैश्विक कार्ययोजना तैयार की जो प्रमुख प्राथमिकताओं को परिभाषित करती है, जैसे टीकों का अधिक समतापूर्ण वितरण सुनिश्चित करना, और हमने ठोस लक्ष्य निर्धारित किए। फिर हमने अपनी परस्पर पूरक क्षमताओं के उपयोग के ज़रिए उन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपने राष्ट्रों के बीच ज़िम्मेदारियों का विभाजन किया। और यह सुनिश्चित करने के लिए हम नियमित रूप से मिलते हैं कि हम अपनी प्रगति पर नज़र रख सकें।

दक्षिण अफ़्रीका, इंडोनेशिया और जी20 के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर, हमने विश्व बैंक और विश्व स्वास्थ्य संगठन में महामारी की रोकथाम, उससे निपटने की तैयारियों और पहलक़दमियों के लिए एक ऐतिहासिक नया कोष शुरू किया है। यह ज़रूरतमंद देशों और क्षेत्रों की स्वास्थ्य सुरक्षा को मज़बूत करने तथा संकट और उपेक्षा के चक्र को तोड़ने के लिए स्थायी समर्थन प्रदान करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा। हम हर बार इस अनुभव से गुजरते हैं: कोई बड़ा संकट आता है; हम एकजुटता दिखाते हैं; हम संसाधन जुटाते हैं; संकट खत्म होता; हम पुरानी स्थिति में लौट जाते हैं। हम ऐसा करने का और जोखिम नहीं उठा सकते, और हम ऐसा नहीं करेंगे।

हमने टीकों के मामले में आत्मनिर्भरता की अफ़्रीकी देशों की इच्छा भी सुनी है। हम इसे पूरा करने में आपकी मदद करने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं। नवंबर में, मैंने उन टीका उत्पादन केंद्र में से एक का दौरा किया, जिनकी स्थापना में हम सेनेगल की मदद कर रहे हैं। और अभी पिछले महीने, अगली पीढ़ी के एमआरएनए टीकों के विकास के साथ-साथ दवाइयों की खोज हेतु तकनीकी विशेषज्ञता साझा करने के लिए अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ़ एलर्जी एंड इंफ़ेक्शियस डिज़ीज़ ने अफ़्रीजेन के साथ साझेदारी की है, और यह काम यहीं दक्षिण अफ़्रीका में हो रहा है।

ये सारा सहयोग हमारे पारस्परिक हित में है, क्योंकि जैसा कि महामारी ने दिखाया है, जब तक हममें से कोई भी ख़तरे में है, हम सभी ख़तरे में हैं।

इसी के साथ मैं उस आखिरी क्षेत्र की बात करता हूं जहां कि हमारी साझेदारी महत्वपूर्ण है: आगे बढ़कर स्वच्छ ऊर्जा को अपनाना जिससे कि अपनी धरती की रक्षा होती है, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के विरुद्ध अनुकूलन होता है और नए आर्थिक अवसर पैदा करने के लिए ऊर्जा मिलती है।

संयुक्तराष्ट्र अफ़्रीका को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की दृष्टि से दुनिया में सर्वाधिक जोखिम वाला क्षेत्र मानता है। ज़्यादा वक़्त नहीं बीता, जब हमें उन प्रभावों की कल्पना करनी पड़ती थी। आज, हम उन्हें जी रहे हैं। आपने इसे अप्रैल में देखा कि कैसे भयावह बाढ़ ने डरबन के आसपास 400 से अधिक लोगों की जान ले ली। उस तरह के तूफ़ान, जो उस बाढ़ की वजह बना था, की संभाव्यता जलवायु परिवर्तन के कारण अब दोगुनी हो गई है, और उनकी आवृत्ति और तीव्रता में आगे वृद्धि ही होगी क्योंकि पृथ्वी निरंतर अधिख गर्म हो रही है। जैसा कि अमेरिका में देखा गया है, जो लोग पहले से ही जूझ रहे हैं, उन पर सबसे अधिक मार पड़ रही है।

मैं विदेश मंत्री से पूरी तरह सहमत हूं कि इस संकट के लिए सभी देश समान रूप से ज़िम्मेवार नहीं हैं। अमेरिका में दुनिया की लगभग 4 प्रतिशत आबादी है; लेकिन हम वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में लगभग 11 प्रतिशत का योगदान करते हैं, जिसके कारण हम चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक हैं। उप-सहारा अफ़्रीका, जो दुनिया की आबादी का 15 प्रतिशत हिस्सा है, केवल 3 प्रतिशत उत्सर्जन करता है। और ऐतिहासिक रूप से, हमारी जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने विकास के लिए जो रास्ता अपनाया, हम दूसरों से उसे छोड़ने के लिए कह रहे हैं क्योंकि हम जलवायु पर उसके प्रभाव को समझ चुके हैं।

हम मानते हैं कि यह असंतुलन अमेरिका जैसे देशों पर कहीं बड़ी ज़िम्मेदारी डालता है, दोनों ही तरह से: अपने उत्सर्जन को कम करने, और साथ ही अन्य देशों को स्वच्छ ऊर्जा अपनाने और जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन हेतु मदद देने की। इसीलिए, कॉप26 में, राष्ट्रपति बाइडेन ने सर्वाधिक जोखिम वाले देशों में लोगों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के अनुकूलन में मदद के लिए प्रतिवर्ष 3 बिलियन डॉलर उपलब्ध कराने हेतु अमेरिकी कांग्रेस के साथ काम करने की प्रतिबद्धता जताई थी। इस सहायता का अधिकांश हिस्सा उप-सहारा अफ़्रीका को जाएगा क्योंकि दुनिया के 20 सर्वाधिक जलवायु-संवेदनशील देशों में से 17 यहीं स्थित हैं। और हम आगे इसी वर्ष मिस्र में आयोजित कॉप27 में इन प्रयासों और ऐसे अन्य कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।

पूरे अफ़्रीका के नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि जहां वे जलवायु परिवर्तन को कम करने में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, वहीं उन्हें लोगों की तात्कालिक और बढ़ती ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अधिक ऊर्जा की और अधिक भरोसेमंद आपूर्ति की आवश्यकता है। हम आपके आग्रह को समझते हैं।

हम जानते हैं कि स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण हर देश या समुदाय में एक जैसा नहीं दिखेगा – कि इसे विशिष्ट क्षमताओं और परिस्थितियों के अनुरूप बनाने की आवश्यकता होगी। और जब आप विस्तारित ऊर्जा उपलब्धता और आर्थिक विकास की अपनी ज़रूरतों को पूरा करने, और साथ ही अपने निर्धारित जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने के लिए के लिए सर्वश्रेष्ठ तरीकों पर विचार कर रहे हैं, तो अमेरिका आपके साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम उन कामगारों और समुदायों की मदद करने में भी आपका समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिन्हें स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के कारण अल्पकाल में सर्वाधिक बोझ वहन करना पड़ेगा। ये सब उस पहल का अभिन्न अंग हैं जिसे हम एक न्यायसंगत ऊर्जा संक्रमण कहते हैं।

लेकिन मुझे लगता है कि केवल ख़तरों और बोझ के चश्मे से जलवायु के बारे में सोचना, या इसे आपदा को रोकने और अवसर पैदा करने के बीच एक विकल्प के रूप में देखना ठीक नहीं है। हमारे पास अफ़्रीकियों और अमेरिकियों के लिए ऊर्जा उपलब्धता का विस्तार करने और नए अवसर पैदा करने का पीढ़ियों में एक बार मिलने वाला अवसर है। राष्ट्रपति बाइडेन की बात का मतलब यही होता है जब वे कहते हैं, “जलवायु परिवर्तन के बारे में सोचते हुए मैं नौकरियों के बारे में सोचता हूं।”

हम पहले से ही यह दिखा रहे हैं कि यह कैसे किया जा सकता है। घाना में, हम पश्चिम अफ़्रीका का पहला हाइब्रिड सोलर-हाइड्रो प्लांट बनाने के लिए साझेदारों के साथ काम कर रहे हैं। यह उर्जा उपलब्धता बढ़ाएगा, लागत घटाएगा और उत्सर्जन में हर साल 47,000 टन से अधिक की कटौती करेगा। यह लगभग 10,000 कारों को उपयोग से हटाने के बराबर है। कीनिया में, जहां 90 प्रतिशत ऊर्जा अक्षय स्रोतों से आती है, अमेरिकी कंपनियों ने ऑफ़-ग्रिड ऊर्जा बाज़ारों में 570 मिलियन डॉलर का निवेश किया है, जिससे स्वच्छ ऊर्जा आधारित 40,000 नौकरियां सृजित हुई हैं।

हम इस महाद्वीप के प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र को संरक्षित और पुनर्स्थापित करने के लिए भी मिलकर काम कर रहे हैं, जो उत्सर्जन को कम करने और अफ़्रीका की अद्वितीय एवं असाधारण जैव विविधता को संरक्षित करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसका मतलब है सरकारों और समुदायों को वनों की कटाई के बजाय संरक्षण का विकल्प चुनने के लिए वास्तविक प्रोत्साहन, न कि केवल वायदा, देना क्योंकि कांगो बेसिन – दुनिया के लिए एक फेफड़े जैसा – में जंगलों को खोने के स्थायी परिणाम स्थानीय समुदायों के साथ दुनिया भर के लिए भी विनाशकारी और अपरिवर्तनीय होंगे।

यदि आप थोड़ा ठहरकर एक पल के लिए उन प्राथमिकताओं पर विचार करें जो मैंने आज निर्धारित की हैं, तो आपको वास्तव में दिखेगा कि उनमें से हर एक को पहले अफ़्रीकियों ने आगे बढ़ाया था – हमारे स्वास्थ्य और हमारी जलवायु की परस्पर संबद्धता, यह सिद्धांत कि सभी राष्ट्रों को चाहिए अपनी नियति स्वयं चुनने का अधिकार है, यह विचार कि राष्ट्रों के भीतर और उनके बीच असमानता हमारी साझा सुरक्षा और समृद्धि के लिए ख़तरा है। दशकों से, अफ़्रीकी नागरिक, अफ़्रीकी देश और अफ़्रीकी देशों के समूह इन प्राथमिकताओं पर ज़ोर देते रहे हैं। और आज, अमेरिका और सभी देशों के लोगों के कल्याण के लिए, ये दुनिया की प्राथमिकताएं बन चुकी हैं।

अभी इसी समय, दक्षिण अफ़्रीका के उत्तरी केप में, दुनिया का सबसे बड़ा रेडियो टेलीस्कोप – मीरकैट – अंतरिक्ष की अबतक की सर्वाधिक स्पष्ट छवियों को तस्वीरों में उतार रहा है। जनवरी में जारी तस्वीरों की एक श्रृंखला में ऊर्जा का तीव्र विस्फोट नज़र आता है – 25,000 प्रकाश वर्ष दूर आकाशगंगा में सौ मिलियन सितारों द्वारा उत्पन्न दीप्त लाल और नारंगी रंग की आभा।

इन छवियों में से केवल एक की तस्वीर उतारने में 70 टेराबाइट डेटा की आवश्यकता होती है। इसे प्रोसेस करने में तीन साल लगे – जो कि यहां दक्षिण अफ़्रीका में हो रहे अत्याधुनिक अनुसंधान का हिस्सा है। और यह उस देश में हो रहा है जहां, जैसा कि एक विद्वान ने लिखा है, और मैं उद्धृत करता हूं, “1994 से पहले, सार्वजनिक निवेश… रंगभेदी सरकार के उद्देश्यों के लिए एक साधन मात्र था।” बता दूं कि यह डॉ. पैंडर का कथन है, जब वह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री थे। (तालियां।)

जब मीरकैट द्वारा खींची गई तस्वीरें प्रकाशित हुईं, तो दक्षिण अफ़्रीकी रेडियो एस्ट्रोनॉमी ऑबज़र्वेटरी के मुख्य वैज्ञानिक ने कहा, “सर्वश्रेष्ठ दूरबीनें अप्रत्याशित तरीके से हमारे क्षितिज का विस्तार करती हैं।” जरा सोचिए, एक पल के लिए, उन तस्वीरों द्वारा विस्तारित सभी क्षितिजों के बारे में। दुनिया भर के वैज्ञानिकों के बारे में सोचें जो मानव अस्तित्व के महानतम रहस्यों, जैसे कि पृथ्वी से परे जीवन है या नहीं, को उजागर करने के लिए मीरकैट के डेटा का उपयोग कर रहे हैं। दक्षिण अफ़्रीकी स्कूली बच्चों के बारे में सोचें जो नियमित रूप से मीरकैट-64 के विशाल एंटेना को देखने जाते हैं – और उन सब कामों की कल्पना करें वे जिन्हें करने के लिए प्रेरित होंगे।

सबसे अच्छी दूरबीनों का सच सबसे अच्छी साझेदारियों पर भी लागू होता है: वे अप्रत्याशित तरीकों से हमारे क्षितिज का विस्तार करती हैं। समस्याओं के समाधान के लिए – ज़रूर – पर चकित करने, अन्वेषण करने, प्रेरित करने के लिए भी। अफ़्रीकी देशों और अमेरिका के लिए इतने सारे क्षेत्रों में साथ मिलकर काम करने के लिए और भी बहुत कार्य हैं, जिनमें कुछ ऐसे भी होंगे जिन्हें हमने अभी तक खोजा भी नहीं है। साझेदारों के रूप में, हमें उस क्षितिज को पाना है।

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। (तालियां।)


मूल स्रोत: https://www.state.gov/vital-partners-shared-priorities-the-biden-administrations-sub-saharan-africa-strategy/

अस्वीकरण: यह अनुवाद शिष्टाचार के रूप में प्रदान किया गया है और केवल मूल अंग्रेज़ी स्रोत को ही आधिकारिक माना जाना चाहिए।

U.S. Department of State

The Lessons of 1989: Freedom and Our Future