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अमेरिकी विदेश विभाग
प्रवक्ता का कार्यालय
संबोधन
तत्काल जारी करने के लिए
अप्रैल 19, 2021

फिलिप मेरिल पर्यावरण केंद्र
अनापोलिस, मेरीलैंड

(असंपादित/ड्राफ़्ट)

विदेश मंत्री ब्लिंकन : सभी को नमस्कार। और विल, शानदार परिचय के लिए आपका धन्यवाद। और इतनी बेहतरीन व्यवस्था और पृष्ठभूमि के लिए धन्यवाद – निश्चित रूप से विदेश मंत्री के रूप में अपने संक्षिप्त कार्यकाल में मेरे लिए अब तक की सबसे अच्छी सेटिंग और पृष्ठभूमि। और चेसापीक बे फाउंडेशन को बे को बचाने की स्थायी प्रतिबद्धता के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

चेसापीक बे क़रीब 12,000 साल पहले ग्लेशियर के पिघलने से बनी थी। आज इसका 200 मील में विस्तार है, और यह पौधों एवं जीवों की 3,600 से अधिक प्रजातियों का घर है। एक लाख नदी-नाले इस खाड़ी में रोज़ाना 50 बिलियन गैलन से अधिक जल उड़ेलते हैं। इसके जलग्रहण क्षेत्र में 18 मिलियन से अधिक लोग रहते हैं, और अनेकों लोग अपनी आजीविका के लिए इस पर निर्भर करते हैं। अकेले स्थानीय सीफूड उद्योग में ही क़रीब 34,000 लोगों को रोज़गार मिला हुआ है और जिससे सालाना लगभग 900 मिलियन डॉलर की आमदनी प्राप्त होती है।

और फिर भी, जैसा कि विल ने बताया, मानव गतिविधियों की वजह से बढ़ता तापमान खाड़ी में बदलाव ला रहा है। इसका जलस्तर बढ़ रहा है। और स्थानीय भूमि – जिसमें ये जगह भी शामिल है जहां मैं अभी खड़ा हूं – खाड़ी का निर्माण करने वाले ग्लेशियरों के पिघलने के कारण डूब रही है। यदि ऐसा इसी गति से जारी रहा, तो केवल 80 वर्षों में, खाड़ी किनारों से मीलों अंदर तक पहुंच जाएगी, और इस प्रक्रिया में 3 मिलियन लोगों के घरों को, सड़कों, पुलों और खेतों को लील जाएगी। खाड़ी के कई पौधे और जीव ख़त्म हो जाएंगे। मछली उद्योग का भी यही हाल होगा। मेरे बच्चों के बच्चों के लिए, यहां का परिदृश्य बिल्कुल ही अलग होगा।

जब तक हमारे लिए संभव है हमें ऐसे बदलावों को रोकना होगा।

इसीलिए राष्ट्रपति बाइडेन ने पद संभालने के तुरंत बाद पेरिस समझौते में फिर से शामिल होने के लिए क़दम उठाए, और दुनिया भर में हमारे प्रयासों का नेतृत्व करने के लिए सेक्रेटरी केरी को जलवायु मामलों के लिए राष्ट्रपति का विशेष दूत, अमेरिका का पहला, नियुक्त किया। इसी उद्देश्य से राष्ट्रपति बाइडेन ने इस सप्ताह 40 विश्व नेताओं को जलवायु शिखर सम्मेलन के लिए वाशिंगटन आमंत्रित किया है।

और, यही कारण है कि बाइडेन-हैरिस प्रशासन जलवायु संकट का सामना करने के लिए इतिहास का सबसे व्यापक प्रयास करेगा। यह पहले से ही संपूर्ण सरकार के स्तर पर और पूरे देश भर में एक समग्र प्रयास का रूप ले चुका है। हमारा भविष्य आज हमारे द्वारा चुने गए विकल्पों पर निर्भर करता है।

विदेश मंत्री के रूप में, मेरा काम यह सुनिश्चित करना है कि हमारी विदेश नीति अमेरिकी लोगों के लिए लाभप्रद हो – उनके सम्मुख मौजूद सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना करते हुए और उनके जीवन को बेहतर बनाने वाले बड़े अवसरों का फ़ायदा उठाकर। कोई और चुनौती इस तरह सिक्के के दोनों पहलुओं को इतना स्पष्ट नहीं करती, जितना की जलवायु संकट।

यदि अमेरिका जलवायु संकट से निपटने के लिए दुनिया का नेतृत्व करने में विफल रहा, तो हम आज की दुनिया की अधिकांश चीज़ों को गंवा देंगे। यदि हम सफल रहे, तो हमारे पास गुणवत्ता वाले रोज़गार सृजित करने का पीढ़ियों में मिला सबसे बड़ा अवसर होगा; हम एक अधिक न्यायसंगत, स्वस्थ और टिकाऊ समाज का निर्माण कर सकेंगे; और हम इस शानदार धरती की रक्षा कर सकेंगे। हमारी लिए आज परीक्षा की यही घड़ी है।

आज, मैं इस बात पर प्रकाश डालना चाहता हूं कि अमेरिकी विदेश नीति कैसे इस कसौटी पर खरा उतरने में योगदान करेगी।

अधिक समय नहीं बीता है, जब हमें जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की कल्पना करनी पड़ती थी। अब किसी को कल्पना करने की ज़रूरत नहीं है।

पिछले 60 वर्षों में, हर दशक अपने पूर्ववर्ती के मुक़ाबले अधिक गर्म रहा है।

मौसमी परिघटनाएं अधिक व्यापक होती जा रही हैं। इस फरवरी में शीतलहर के दौरान नेब्रास्का से टेक्सस तक का तापमान सामान्य से 40 डिग्री कम था। अकेले टेक्सस में, हज़ारों लोगों को घर छोड़ना पड़ा था, 4 मिलियन से अधिक लोगों की हीटिंग और बिजली की आपूर्ति बंद हो गई थी, 125 से अधिक लोगों की मौत हो गई। ये अटपटा लग सकता है कि ग्लोबल वार्मिंग से मौसम ठंडा कैसे हो रहा है। लेकिन आर्कटिक के गर्म होते जाने के चलते सर्दियों का मौसम दक्षिण की ओर पांव बढ़ाता है। और यह रिकॉर्ड ठंड के दौर में योगदान कर सकता है जैसा कि टेक्सस में देखा गया।

दावानल के 2020 के मौसम में 10 मिलियन एकड़ से अधिक का इलाक़ा स्वाहा हो गया। यानि पूरे मेरीलैंड राज्य से भी बड़ा इलाक़ा। हमने कैलिफ़ोर्निया के इतिहास के छह सबसे बड़े दावानलों में पांच का सामना किया और कोलोराडो के इतिहास के सबसे बड़े दावानल का गवाह बने।

प्राकृतिक आपदाओं ने अमेरिका में 2020 में कुल मिलाकर क़रीब 100 बिलियन डॉलर का नुक़सान किया।

इसी तरह, 2019 का वर्ष 48 निचले राज्यों के लिए सर्वाधिक बारिश वाला साल रहा था। भारी वर्षा और बाढ़ के कारण मिडवेस्ट और ग्रेट प्लेंस के इलाक़ों में किसान 19 मिलियन एकड़ खेतों में बुआई नहीं कर पाए थे।

और 2000 से 2018 के बीच अमेरिकी साउथवेस्ट इलाक़े ने 16वीं सदी के बाद के सबसे बुरे अकाल का सामना किया – 16वीं सदी के बाद का सबसे बुरा।

हमारे पास इस तरह के ऐतिहासिक रिकॉर्ड कम होते जा रहे हैं।

और इसकी लागत – आर्थिक नुक़सान, आजीविका ख़त्म होना और जनहानि – बढ़ती जा रही है।

और जब तक हम इन बदलावों की दिशा नहीं बदल देते, स्थिति और भी गंभीर होती जाएगी।

अधिक निरंतररता और अधिक तीव्रता वाले तूफ़ान; सूखाड़ का लंबा दौर; अधिक व्यापक बाढ़; अधिक तेज़ गर्मी और अधिक कड़ाके की ठंड; समुद्रस्तर में तेज़ वृद्धि; अधिक लोगों का विस्थापन; अधिक प्रदूषण; अधिक अस्थमा।

उच्च स्वास्थ्य लागत; किसानों के लिए कम स्थिर मौसम। और इन सबकी निम्न-आय वाले, काले और भूरे समुदायों पर सर्वाधिक मार पड़ेगी।

उपरोक्त में अंतिम भाग महत्वपूर्ण है। जलवायु संकट की लागत हमारे समाज के उन लोगों के लिए बेहिसाब रूप से अधिक है जिनमें इसे वहन करने की क्षमता सबसे कम है। लेकिन ये भी सच है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने की प्रक्रिया में हमें ग़ैरबराबरी और प्रणालीगत नस्लवाद से लड़ने का सर्वाधिक ताक़तवर साधन हाथ लगता है। हमने यदि सही प्रयास किया, तो उससे हमें इस दुष्चक्र को तोड़ने में मदद मिल सकती है।

इन सभी कारणों से हमें जलवायु संबंधी आपदाओं को रोकने में सफल होना पड़ेगा। लेकिन पेरिस समझौते के ज़रिए छह साल पहले हमारे द्वारा तय किए गए लक्ष्यों को लेकर दुनिया पहले ही पिछड़ चुकी है। और हम सब जानते हैं कि वे लक्ष्य अपने आप में पर्याप्त भी नहीं है। आज, विज्ञान की स्पष्ट राय है: हमें तबाही से बचने के लिए धरती की तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस के भीतर रखने की आवश्यकता है।

उस लक्ष्य को हासिल करने में अमेरिका की अहम भूमिका है। हमारे पास दुनिया की आबादी का केवल 4 प्रतिशत है, लेकिन हम वैश्विक उत्सर्जन में लगभग 15 प्रतिशत का योगदान करते हैं। यह हमें ग्रीनहाउस गैसों का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक बनाता है। यदि हम स्वदेश में अपने हिस्से का काम करें, तो हम इस संकट को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

लेकिन उतना भर ही पर्याप्त नहीं होगा। भले ही अमेरिका कल नेट-ज़ीरो उत्सर्जन हासिल कर ले, अगर हम शेष दुनिया से आने वाले 85 प्रतिशत से अधिक उत्सर्जन की समस्या से नहीं निपट पाए, तो हम जलवायु परिवर्तन के खिलाफ़ लड़ाई हार जाएंगे।

इस कार्य में पीछे रहने का हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर भारी असर पड़ेगा।

अमेरिका के समक्ष मौजूद किसी भी सुरक्षा चुनौती को ले लें, जलवायु परिवर्तन के कारण उसके और भी गंभीर होने की आशंका है।

जलवायु परिवर्तन मौजूदा संघर्षों को जटिल बनाता है और नए संघर्षों की आशंका को बढ़ाता है – विशेषकर उन देशों में जहां सरकारें कमजोर हैं और संसाधन दुर्लभ हैं। रेड क्रॉस जिन 20 देशों पर जलवायु परिवर्तन का सर्वाधिक ख़तरा मानता है, उनमें से 12 पहले से ही सशस्त्र संघर्ष का सामना कर रहे हैं। पानी जैसे आवश्यक संसाधनों का अभाव होने के साथ ही, सरकारों को बढ़ती आबादी की ज़रूरतों को पूरा करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा, और हमें अधिक दुश्वारियां और अधिक संघर्ष देखने को मिलेंगे।

जलवायु परिवर्तन से संघर्ष के नए क्षेत्र भी बन सकते हैं। फरवरी में, एक रूसी गैस टैंकर ने आर्कटिक के उत्तरी समुद्री मार्ग होते हुए पहली बार यात्रा की है। कुछ समय पहले तक, यह मार्ग साल में केवल कुछ ही हफ्तों के लिए ही नौवहनीय होता था। लेकिन आर्कटिक क्षेत्र के वैश्विक औसत की दोगुनी दर से गर्म होने के कारण यह अवधि बहुत लंबी होती जा रही है। रूस नए स्थानों पर नियंत्रण के प्रयास में इस बदलाव का फ़ायदा उठा रहा है। वह आर्कटिक में अपने सैनिक ठिकानों का आधुनिकीकरण कर रहा है और नए अड्डों का निर्माण कर रहा है, जिनमें से एक अलास्का से सिर्फ 300 मील की दूरी पर है। चीन भी आर्कटिक में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है।

जलवायु परिवर्तन प्रवासन का भी वाहक साबित हो सकता है। 2020 में अटलांटिक में 13 चक्रवात आए थे, जोकि अब तक का रिकॉर्ड है। मध्य अमेरिका पर इनकी विशेष मार पड़ी थी। ग्वाटेमाला, होंडुरास, और अल सल्वाडोर में 6.8 मिलियन लोगों के घरों और आजीविका को तूफ़ानों ने नष्ट कर दिया, और लाखों एकड़ में लगी फसलों को तबाह कर दिया, जिससे वहां भुखमरी में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई है। तूफ़ानों के महीनों बाद भी, पूरे के पूरे गांव अभी भी कीचड़ में डूबे हुए हैं, और लोग कबाड़ बेचने के लिए अपने ध्वस्त घरों के मलबे बीन रहे हैं।

जब आपदाएं उन लोगों पर प्रहार करती हैं जो पहले से ही ग़रीबी और असुरक्षा में जी रहे हैं, तो अक्सर यह उन पर अंतिम चोट की तरह होती है, जिससे उन्हें बेहतर जगह की तलाश में अपने समुदायों को छोड़ना पड़ता है। मध्य अमेरिका के अनेक लोगों के लिए, इसका मतलब है अमेरिका में प्रवेश की कोशिश करना – भले ही हम बार-बार कह रहे हों कि सीमा बंद है, और भले ही यात्रा में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हो, ख़ासकर महिलाओं और लड़कियों के लिए जिन पर कि यौन हिंसा का ख़तरा बढ़ जाता है।

ये सभी चुनौतियां हमारी सेना पर अधिकाधिक दबाव बना रही हैं। अमेरिकी नौसेना अकादमी यहां से केवल पांच मील उत्तर में है, और नॉरफ़ोक नौसैनिक अड्डा, जोकि दुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक ठिकाना है, यहां से दक्षिण में लगभग 200 मील की दूरी पर है। दोनों नौसैनिक ठिकानों – और उनके महत्वपूर्ण मिशनों को – जलवायु परिवर्तन के आसन्न ख़तरों का सामना हैं। और ये दर्जनों सैन्य ठिकानों में से सिर्फ दो हैं जिन पर कि जलवायु परिवर्तन से ख़तरा है। इसके अलावा, हमारी सेनाएं अक्सर प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत और बचाव प्रयासों में योगदान करती हैं, और ऐसी आपदाओं की निरंतरता और उनके विनाशक प्रभावों में वृद्धि हो रही है। जनवरी में, रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने घोषणा की थी कि सेना तत्काल प्रभाव से जलवायु परिवर्तन को अपनी योजना और संचालन में और अपनी जोख़िम आकलन प्रक्रिया से एकीकृत करेगी। रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने कहा था, उन्हीं के शब्दों में, “रक्षा विभाग अमेरिकी लोगों की सुरक्षा के लिए जो कुछ भी करता है उनमें से शायद ही कोई ऐसा काम हो जोकि जलवायु परिवर्तन से अप्रभावित रहेगा।”

यह सब कहने के बाद भी, केवल ख़तरों के चश्मे से जलवायु के बारे में सोचना ग़लती होगी। वो इस वजह से। धरती पर हर देश को दो काम करने हैं – उत्सर्जन को कम करना और जलवायु परिवर्तन के अपरिहार्य प्रभावों के लिए तैयार होना। अमेरिकी नवोन्मेष और उद्योग दोनों ही मामलों में अग्रणी साबित हो सकता है। राष्ट्रपति बाइडेन की बातों का यही मतलब है जब वह कहते हैं, उन्हीं के शब्दों में, “जब मैं जलवायु परिवर्तन के बारे में सोचता हूं, तो मैं नौकरियां के बारे में सोचता हूं।”

इसके पैमाने पर गौर करने के लिए इस बात पर विचार करें कि 2040 तक, दुनिया को 4.6 ट्रिलियन डॉलर के बुनियादी ढांचे के अभाव का सामना करना पड़ेगा। उस बुनियादी ढांचे का निर्माण कैसे किया जाता है, इसमें अमेरिका की बड़ी भूमिका होगी। न केवल यह अमेरिकी कामगारों और व्यवसायों के लिए अवसर पैदा करेगा, बल्कि हम ये भी सुनिश्चित करेंगे कि यह हरित और टिकाऊ हो, और इसे पारदर्शी तरीक़े से किया जाए; इसके तहत श्रमिकों के अधिकारों का सम्मान हो; इसमें स्थानीय आबादी की राय को महत्व मिले; और इसके कारण विकासशील देश और समुदाय कर्ज के भंवर में नहीं फंसें। यह हमारे लिए एक अवसर है।

या विभिन्न देशों द्वारा स्वच्छ ऊर्जा में बड़े पैमाने पर हो रहे निवेश पर विचार करें। नवीकरणीय ऊर्जा अब उन देशों में थोक बिजली का सबसे सस्ता स्रोत है जिनमें दुनिया की दो-तिहाई आबादी रहती है। और वैश्विक अक्षय ऊर्जा बाज़ार के 2025 तक 2.15 ट्रिलियन डॉलर के स्तर तक पहुंचने का अनुमान है। यह अमेरिका में नवीकरणीय ऊर्जा के मौजूदा बाज़ार की तुलना में 35 गुना अधिक है। पहले से ही, सौर और पवन ऊर्जा तकनीशियनों की नौकरियां अमेरिका में सबसे तेज़ी से बढ़ते रोज़गार अवसरों में से हैं।

यदि हम अक्षय ऊर्जा क्रांति का नेतृत्व नहीं कर पाए तो अमेरिका के लिए चीन के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक प्रतिस्पर्धा को जीतने की कल्पना करना मुश्किल है। इस समय हम पिछड़ रहे हैं। चीन सौर पैनल, विंड टरबाइन, बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहनों का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। दुनिया के अक्षय ऊर्जा पेटेंट का लगभग एक तिहाई उसके पास है। यदि हमने उसकी बराबरी नहीं की तो अमेरिका दुनिया के जलवायु भविष्य को अपने हितों और मूल्यों के अनुरूप आकार देने का मौक़ा खो देगा, और हम अमेरिकी लोगों के लिए अनगिनत नौकरियों के अवसर से वंचित रह जाएंगे।

मैं बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहूंगा: हमारी जलवायु नीति का पहला लक्ष्य आपदा को रोकना है। हम हर देश, व्यापार और समुदाय का आह्वान कर रहे हैं कि वे उत्सर्जन में कटौती और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के खिलाफ़ तैयारी बढ़ाने के लिए अधिक प्रयास करें।

लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि अमेरिका में इन नवोन्मेषों को विकसित करने और उन्हें दुनिया में निर्यात करने में हमारा हित नहीं है। और इसका मतलब यह नहीं है कि हम विभिन्न देशों द्वारा उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल तैयारी करने की प्रक्रिया को आकार नहीं देना चाहते हैं। तो फिर हम ऐसा कैसे कर सकेंगे?

हम अपनी मिसाल की शक्ति के माध्यम से शुरुआत कर सकते हैं। अपने महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने की प्रक्रिया में निम्नलिखित मुख्य सिद्धांत हमारे रवैये को निर्देशित करेंगे।

हम स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान और विकास में अपने निवेश में भारी वृद्धि करेंगे, क्योंकि इसके ज़रिए ही हम अमेरिकी समुदायों को लाभ पहुंचाने और अमेरिकी नौकरियों का सृजन करने वाली सफलताओं के लिए उत्प्रेरित हो सकेंगे।

अपने सभी जलवायु निवेशों में, हम न केवल विकास को, बल्कि समता को भी बढ़ावा देंगे। हम समावेशी होंगे, जो पूरे देश में और विभिन्न समुदायों के अमेरिकियों को अच्छे वेतन और श्रमिक संघों के संरक्षण के विकल्प वाली नौकरियां प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

हम युवाओं को सशक्त करेंगे, केवल इसलिए नहीं कि उन्हें जलवायु परिवर्तन के परिणामों को सर्वाधिक भुगतना पड़ेगा, बल्कि इस संकट का सामना करने में उनके द्वारा प्रदर्शित तात्कालिकता, ईमानदारी और नेतृत्व के कारण भी।

हम राज्यों, शहरों, छोटे-बड़े व्यवसायों, सिविल सोसायटी और अन्य गठबंधनों को साझेदारों और आदर्श मॉडलों के रूप में सूचीबद्ध करेंगे। अन्य लोग भी इस क्षेत्र में लंबे समय से अभिनव काम कर रहे हैं। हम उन्हें बढ़ावा देंगे और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करेंगे।

और यह महत्वपूर्ण है: हम इस बात का ध्यान रखेंगे कि स्वच्छ ऊर्जा के लिए अपरिहार्य बदलाव से जुड़े तमाम अवसरों का हर अमेरिकी कामगार को तत्काल फ़ायदा नहीं मिलेगा। पुराने उद्योगों पर निर्भर कतिपय नौकरियों और समुदायों को चोट लगेगी। हम उन अमेरिकियों को पीछे नहीं रहने देंगे। हम अपने साथी अमेरिकियों को नए, स्थायी आजीविका के रास्ते पर लेकर आएंगे, और संक्रमण काल के दौरान उनकी सहायता करेंगे।

पद संभालने के तुरंत बाद, राष्ट्रपति बाइडेन ने कोयला और बिजली संयंत्रों पर निर्भर समुदायों और आर्थिक पुनरोद्धार को लेकर एक अंतरएजेंसी कार्य समूह का गठन किया था। यह कोयला, तेल, गैस और बिजली संयंत्रों पर निर्भर समुदायों की स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में जान डालने के लिए, तथा उन समुदायों में कामगारों की आय और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के वास्ते संघीय संसाधनों की पहचान और वितरण के ले समग्र सरकार के स्तर पर काम कर रही है। और अपनी अमेरिकी रोज़गार योजना के तहत, राष्ट्रपति ने बंद तेल और गैस के कुओं और खदानों को सुरक्षित बनाने के काम में लाखों लोगों को संघीय नौकरियां देने के लिए 16 बिलियन डॉलर के प्रत्यक्ष निवेश का प्रस्ताव किया है।

यदि हम अपने जलवायु लक्ष्यों को पूरा करते हुए इन सिद्धांतों के प्रति ईमानदार रहते हैं, तो हम एक ऐसा मॉडल विकसित कर सकेंगे जिसमें अन्य देश साझेदारी करना चाहेंगे और उसका अनुकरण करेंगे।

इन मूल्यों को ध्यान में रखते हुए, आइए इस बात पर विचार करते हैं कि अमेरिकी विदेश विभाग जलवायु के मामले में अमेरिकी लोगों को लाभांवित करने के लिए अपनी विदेश नीति का किस प्रकार उपयोग करेगा।

सबसे पहले, हम जलवायु संकट को अपनी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के केंद्र में रखेंगे, जैसा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने हमें कार्यालय में अपने पहले सप्ताह में करने का निर्देश दिया था। इसका अर्थ है इस बात का ध्यान रखना कि हमारी सभी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहभागिता – सभी नीतिगत निर्णय – दुनिया को सुरक्षित, अधिक धारणीय मार्ग पर रखने के हमारे लक्ष्य को किस तरह प्रभावित करेंगे। इसका अर्थ यह भी है कि हमारे राजनयिक दुनिया भर में हमारे संबंधों में जलवायु को प्राथमिकता देने के वास्ते प्रशिक्षित और दक्ष हों।

इसका मतलब यह नहीं है कि अन्य देश, जलवायु पर अपने यहां की गई प्रगति को एक मोहरे के रूप में इस्तेमाल करें, जिसका उपयोग वे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण अन्य मुद्दों पर अपने अनुचित व्यवहार की अनदेखी करवाने के लिए करना चाहें। बाइडेन-हैरिस प्रशासन इस पर एकमत है: जलवायु व्यापारिक की चीज़ नहीं है – यह हमारा भविष्य है।

मुझे विशेष रूप से खुशी है कि राष्ट्रपति बाइडेन ने मेरे मित्र जॉन केरी को जलवायु के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत के रूप में सेवा देने के लिए चुना है। अन्य देशों को अपने जलवायु संबंधी लक्ष्यों को बढ़ाने पर सहमत करने में कोई भी उनसे अधिक अनुभवी या प्रभावी नहीं है। हमें चाहेंगे कि पूरी दुनिया अभी, और वर्तमान दशक के दौरान, क़दम उठाने पर ध्यान दे ताकि हम 2050 तक नेट-ज़ीरो वैश्विक उत्सर्जन की उपलब्धि हासिल करने की दिशा में बढ़ सकें।

मैं इस प्रयास में 100 प्रतिशत जॉन के साथ हूं। अमेरिका सरकार की अन्य एजेंसियों के शीर्ष लोग भी साथ हैं। और विदेश विभाग में हमारे हर कार्य में जलवायु को शामिल करने के लिए उनका नेतृत्व अपरिहार्य होगा।

दूसरी बात, जैसे ही अन्य देश आगे आते हैं, विदेश विभाग उनके लिए हमारी सरकार, निजी क्षेत्र, ग़ैरसरकारी संगठनों और अनुसंधान वाले विश्वविद्यालयों से संसाधन, संस्थागत ज्ञान और तकनीकी विशेषज्ञता जुटाएगा। पिछले कुछ हफ्तों के दौरान ही, हमने बांग्लादेश में स्वच्छ ऊर्जा उद्यमिता और अधिक कुशल नवीकरणीय ऊर्जा बाज़ारों के लिए नए वित्तीय सहायता की घोषणा की है, और भारत के छोटे व्यवसायों को सौर ऊर्जा में निवेश करने में मदद की है। ये निवेश हमें अपने जलवायु लक्ष्यों की ओर ले जाते हैं और उन लोगों तक बिजली पहुंचाते हैं, जिनके पास यह पहले कभी नहीं थी।

तीसरे, हम उन देशों की मदद करने पर ज़ोर देंगे, जो जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं, जिनमें से अधिकांश के पास इसके अस्थिरकारी प्रभावों से बचने के लिए संसाधनों और क्षमता की कमी है। इसमें छोटे द्वीपीय विकासशील देश शामिल हैं, जिनमें से कई समुद्र के बढ़ते स्तर के कारण सचमुच समुद्र में डूब रहे हैं। 2020 में, जलवायु संबंधी वित्तीय सहायता का केवल 3 प्रतिशत इन देशों को दिया गया था। हमें इसे ठीक करना होगा। इसके लिए अमेरिका प्रशांत और कैरिबियन के जोख़िम वालेर द्वीपों के लिए विशेषज्ञ और प्रौद्योगिकी उपलब्ध करा रहा है, ताकि वे अग्रिम चेतावनी और प्रतिक्रिया प्रणालियों में सुधार कर सकें, और हम बुनियादी ढांचे और कृषि जैसे क्षेत्रों में सुदृढ़ता लाने के लिए भी निवेश कर रहे हैं।

चौथी बात, हमारे दूतावास देशों के बीच रहकर अगुआई करेंगे। वे पहले से ही कर रहे हैं – सरकारों को जलवायु-स्मार्ट नीतियों को डिज़ाइन करने और कार्यान्वित करने में मदद कर रहे हैं, साथ ही अमेरिका की सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों की अद्भुत क्षमताओं के इस्तेमाल के तरीक़े ढूंढ रहे हैं। पिछले महीने ही, अमेरिकी कंपनी सन अफ़्रीका ने अंगोला में दो बड़ी सौर ऊर्जा उपक्रमों की नींव डाली है, जिसमें बायोपियो स्थित 144 मेगावॉट क्षमता का संयंत्र शामिल है। पूरी होने पर, यह पूरे सहारावर्ती अफ़्रीका में सबसे बड़ी सौर परियोजना होगी। यह परियोजना 265,000 घरों के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराएगी और 440,000 गैलन कार्बन-सघन डीज़ल ईंधन का इस्तेमाल घटाएगी जो हर साल अंगोला आयात करता और जलाता है। साथ ही, इस परियोजना में अमेरिका से निर्यात होने वाले लगभग 150 मिलियन डॉलर के सौर ऊर्जा उपकरणों के इस्तेमाल होने की उम्मीद है। यह प्रयास अंगोला के लोगों के लिए अच्छा है, जलवायु के लिए अच्छा है, और अमेरिकी नौकरियों और व्यापार के लिए अच्छा है। और यह हमारे राजनयिकों के प्रयासों के कारण ही संभव हो पाया है।

पांचवां, हम अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में अमेरिका के स्वच्छ ऊर्जा नवोन्मेषकों को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए अपने पास मौजूद तमाम साधनों का इस्तेमाल करेंगे।

इनमें नवीनीकरण ऊर्जा के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए निर्यात-आयात बैंक की ओर से वित्तीय मदद जैसे साधनों का फ़ायदा उठाने के साथ-साथ राष्ट्रपति के अमेरिका में नौकरियों से जुड़ी योजना में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और भंडारण के लिए टैक्स क्रेडिट के प्रस्तावित विस्तार और अमेरिका निर्मित उत्पादों और सेवाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में संतुलन लाने की सरकार की कोशिशें शामिल हैं।

इस तरह की सहायताओं का ज़्यादा प्रभाव भी हो सकता है, ख़ासतौर पर इसलिए क्योंकि नवीनीकरणीय ऊर्जा का मौजूदा बाज़ार भावी बाज़ार का एक छोटा-सा हिस्सा भर ही है।

सौर पैनल, विंड टरबाइन, बैटरियों से अलग स्वच्छ ऊर्जा की 40 से अधिक अतिरिक्त श्रेणियां हैं, जिनमें स्वच्छ हाइड्रोजन, कार्बन कैप्चर और परिष्कृत भूतापीय ऊर्जा जैसे अगली पीढ़ी के नवीनीकरणीय ऊर्जा उपाय शामिल हैं।

अभी तक किसी ने भी इन भरोसेमंद तकनीकों के बारे में बढ़-चढ़कर दावा नहीं किया है। और हमारी घरेलू और विदेश नीति के समर्थन से ये सभी तकनीकें अमेरिका के नेतृत्व में और अमेरिका में निर्मित हो सकती हैं।

बोस्टन मेटल नामक मैसाच्युसेट्स के एक स्टार्टअप ने ये दिखाया है कि इसे कैसे हासिल किया जा सकता है। कंपनी ने एक नई प्रक्रिया के तहत ये रास्ता दिखाया है कि कैसे ज़्यादा प्रभावी तरीक़े और कम ख़र्च में स्टील और अन्य धातुओं का उत्पादन किया जा सकता है और साथ ही इससे कम प्रदूषण भी होगा।

अमेरिका में स्टील सेक्टर की ज़्यादातर कंपनियां पहले से ही स्वच्छ तकनीक का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन ब्राज़ील से आई इस कंपनी के सीईओ ने ब्राज़ील जैसे देशों में एक ऐसा बाज़ार देखा, जिसका अभी इस्तेमाल नहीं हुआ है। बोस्टन मेटल ने उद्योग जगत के साथ साझेदारी की है ताकि स्टील बनाने के पुराने और प्रदूषणयुक्त तरीक़े को ख़त्म किया जा सके। ये कंपनी अमेरिका में अच्छे वेतन और गुणवत्ता वाली नौकरी के अवसर उपलब्ध करा रही है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्टील 2.5 ट्रिलियन डॉलर का उद्योग है और दुनिया के कई उत्पादकों को ऐसे ही क़दम उठाने की आवश्यकता है। अमेरिका इसमें उनकी मदद कर सकता है।

छठा, हमारे राजनयिक उन देशों के काम करने के तरीक़ों को चुनौती देंगे, जिनके क़दमों से दुनिया पीछे जा रही है। जब देश अपनी ज़्यादातर ऊर्जा के लिए कोयले पर निर्भरता जारी रखेंगे या कोयले से संचालित नये उपक्रमों में निवेश करेंगे और व्यापक स्तर पेड़ों की कटाई की अनुमति देंगे, तो अमेरिका और उनके सहयोगी देश उन्हें बताएंगे कि ये क़दम कितने हानिकारक हैं।

और आख़िर में, हम अपने सहयोगी देशों और साझेदारों के साथ मिलकर और बहुपक्षीय संस्थानों के माध्यम से इस मुद्दे को उठाने के लिए हर मौक़े का फ़ायदा उठाएंगे। उदारहण के लिए नैटो में आम सहमति है कि जलवायु परिवर्तन से जुड़ी ज़रूरतों को देखते हुए हमें अपनी सैन्य तैयारी को उसी हिसाब से ढालना होगा और मित्र राष्ट्रों की सेनाओं की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करना होगा, जो अतिसंवेदनशील भी है और जो प्रदूषण का बड़ा स्रोत है। मैं जानता हूं कि नैटो के महासचिव जनरल स्टोल्टेनबर्ग जलवायु परिवर्तन को लेकर उतने ही गंभीर हैं, जितने हम हैं। उन्होंने जलवायु परिवर्तन को ख़तरे को कई गुना बढ़ाने वाला कारक बताया है।

अगले महीने जी-7 की बैठक में हम इस बारे में सख़्त संदेश देंगे, जिसके सदस्य दुनिया का एक चौथाई कार्बन उत्सर्जन करते हैं। अगले महीने आर्कटिक परिषद की मंत्रिस्तरीय बैछक में मैं भी अमेरिका का प्रतिनिधित्व करूंगा, जहां मैं जलवायु को लेकर अमेरिका के लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराऊंगा और आर्कटिक देशों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित भी करूंगा।

घरेलू मोर्चे पर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन सारी कोशिशों से हमें मज़बूती के साथ नेतृत्व करने का मौक़ा मिलेगा, जब नवंबर में ग्लासगो में संयुक्तराष्ट्र जलवायु सम्मेलन में दुनिया के देश इकट्ठा होंगे।

मैं अपने समय का बड़ा हिस्सा अमेरिका की सुरक्षा और हितों पर ख़तरों, रूस और चीन की आक्रामक कार्रवाइयों, कोविड-19 के प्रसार और दुनिया के लोकतांत्रिक देशों की चुनौतियों पर केंद्रित करता हूं।

लेकिन मैं उतना ही समय अमेरिकी लोगों पर गंभीर ख़तरे पर भी देता हूँ, जो लंबे समय से अस्तित्व में है, जो यहां चेसापीक बे पर दिख सकता है, जहां जलवायु परिवर्तन की लागत पहले से ही सबके सामने स्पष्ट है।

लेकिन यहां हम अमेरिकी नवोन्मेष और नेतृत्व का उदाहरण भी देख सकते हैं कि अगर हम इसे एक स्तर पर ले जाएं, तो इससे तबाही रुक सकती है और इससे अमेरिकी समुदायों और कामगारों को फ़ायदा हो सकता है।

मेरीलैंड ने 2030 तक प्रांत के उत्सर्जन में कम से कम 40 प्रतिशत कटौती और 2040 तक 100 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा अपनाने की प्रतिबद्धता जताई है। मेरीलैंड किसानों को मिट्टी की उर्वर शक्ति बरकरार रखने के लिए फसल लगाने हेतु प्रोत्साहन राशि भी देता है। इससे कार्बन डाइऑक्साइड कम करने में मदद मिलती है।

प्रांत के 40 प्रतिशत से अधिक किसान अब ऐसी ही फसलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अलावा अन्य कई लोग भी इस खाड़ी में जलवायु परिवर्तन के असर को रोकने के लिए अपनी भूमिका निभा रहे हैं और अक्सर इस प्रक्रिया में अमेरिकी नौकरियों के अवसर पैदा होते हैं।

इस मेरिल सेंटर बिल्डिंग के बारे में सोचिए, जहां से मैं बोल रहा हूं। 20 साल पहले जब ये इमारत खुली थी, ये पूरी दुनिया की पहली एलईईडी प्लैटिनम बिल्डिंग थी। जो ऊर्जा दक्षता के लिए एक अमेरिकी मानक है और उस समय से ये इमारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़ी मानक बन गई है।

इसकी ऊर्जा ज़रूरतों का एक तिहाई हिस्सा सौर शक्ति से आता है। इसके आकार की इमारतों में पानी की जितनी खपत है, यहां उससे 80 प्रतिशत कम पानी का इस्तेमाल होता है। इस इमारत की क़रीब आधी सामग्री 300 मील के दायरे से ही लाई गई है। सिर्फ़ ऊर्जा लागत के मामले में ही इस इमारत की डिज़ाइन से प्रतिवर्ष 50 हज़ार डॉलर की बचत होती है।

वर्ष 2014 में चेसापीक बे फ़ाउंडेशन ने एक नई इमारत बनाई है, जो और भी प्रभावशाली है और इससे अमेरिकी डिज़ाइन और निर्माण के क्षेत्र में प्रगति की बात सामने आती है।

ये इमारत जितनी ऊर्जा खपत करती है, उससे ज़्यादा पैदा करती है और यहां इस्तेमाल किए जाने वाला पानी बारिश से आता है। इसका सोलर पैनल ओरेगॉन से और विंड टरबाइन ओकलाहोमा से आया है। ये सोलर पैनल और विंड टरबाइन अमेरिकी डिज़ाइन हैं, अमेरिका में बने हैं और अमेरिकी स्वामित्व वाले हैं। दुनिया भर के लोग इन इमारतों का अध्ययन करने यहां आते हैं।

ऐसे बदलाव खाड़ी को इसके पुराने रूप में संरक्षित करने और इससे जुड़े समुदायों और आजीविका के संरक्षण में मददगार होंगे।

यही जलवायु पर अमेरिकी नेतृत्व का ब्लूप्रिंट है। यानि सरकार, निजी क्षेत्र, समुदायों और संगठनों के नवोन्मेष को एक साथ लाना। जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण के लिए सिर्फ़ लक्ष्य हासिल करना नहीं, बल्कि उन्हें इस तरह हासिल करना जो एक पारदर्शी प्रक्रिया है, जो एक अच्छा निवेश है और जो अमेरिकी कामगारों के लिए अवसर प्रदान करता है।

जिस जलवायु संकट का हम सामना कर रहे हैं, वो गंभीर है। इससे संबंधित लक्ष्यों को न पूरा करना प्रलयंकारी होगा। लेकिन अगर हम अपने उदाहरण की ताक़त के ज़रिए नेतृत्व करते हैं, अगर हम अपनी विदेश नीति का इस्तेमाल सिर्फ़ आवश्यक बदलाव के लिए अन्य देशों को प्रतिबद्ध बनाने के लिए नहीं, बल्कि उन बदलावों को लागू करने के लिए अमेरिका को उनका साझेदार बनाने में करते हैं, तो हम आने वाली पीढ़ियों की सबसे बड़ी चुनौती को उनके लिए सबसे बड़े अवसर में बदल सकते हैं।

मेरी बातों को सुनने के लिए धन्यवाद।


मूल स्रोत: https://www.state.gov/secretary-antony-j-blinken-remarks-to-the-chesapeake-bay-foundation-tackling-the-crisis-and-seizing-the-opportunity-americas-global-climate-leadership/

अस्वीकरण: यह अनुवाद शिष्टाचार के रूप में प्रदान किया गया है और केवल मूल अंग्रेज़ी स्रोत को ही आधिकारिक माना जाना चाहिए।

U.S. Department of State

The Lessons of 1989: Freedom and Our Future