अमेरिकी विदेश विभाग
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मीडिया नोट
अप्रैल 8, 2021
जलवायु मामलों पर राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन केरी ने इस सप्ताह भारत की यात्रा की और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाक़ात की। उन्होंने जलवायु संकट से निपटने के लिए अमेरिका-भारत सहयोग तथा जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा 22-23 अप्रैल को आयोजित लीडर्स समिट, इसी साल बाद में होने वाले जलवायु परिवर्तन पर संयुक्तराष्ट्र फ्रेमवर्क संधि के पक्षकारों के 26वें सम्मेलन (कॉप26) और उससे भी आगे के लिए वैश्विक लक्ष्यों को बढ़ाने पर चर्चा की।
राष्ट्रपति के विशेष दूत केरी और प्रधानमंत्री मोदी ने पुष्टि की कि जलवायु परिवर्तन का मुक़ाबला करने की दोनों देशों की समान इच्छा और परस्पर पूरक क्षमताओं को देखते हुए, अमेरिका और भारत 2030 के लिए धरती के अनुकूल स्वच्छ एवं हरित प्रौद्योगिकियों संबंधी एजेंडे पर रचनात्मक सहयोग कर सकते हैं। दोनों देशों के अधिकारी इस महत्वपूर्ण दशक में जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा पर परस्पर साझेदारी को और मज़बूत करने के तरीक़ों पर विचार करेंगे।
राष्ट्रपति के विशेष दूत केरी ने भारत के साथ स्थायी समग्र वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को राष्ट्रपति बाइडेन के समर्थन तथा जलवायु संबंधी प्रयासों में दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साझा नेतृत्व के महत्व की चर्चा की। राष्ट्रपति के विशेष दूत केरी ने कहा कि अमेरिका 2020 के दशक के लिए तय जलवायु प्रयासों संबंधी भारत के महत्वाकांक्षी एजेंडे, विशेषकर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दशक के अंत तक 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने की घोषणा, का समर्थन करता है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के सर्वाधिक बुरे प्रभावों से बचने के ख़ातिर तापमान में बढ़ोत्तरी को पेरिस समझौते में तय सीमा के भीतर रखने के उद्देश्य से इस अहम दशक में सभी देशों द्वारा अपनी राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुरूप महत्वाकांक्षी जलवायु प्रयासों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। राष्ट्रपति के विशेष दूत केरी ने स्वच्छ ऊर्जा क्रांति लाने तथा अच्छी पगार एवं श्रमिक संघों के संरक्षण वाली लाखों नौकरियां सृजित करने के लिए ऐतिहासिक अमेरिकी निवेश की राष्ट्रपति बाइडेन की परिकल्पना पर प्रकाश डाला।
इन बैठकों में विभिन्न क्षेत्रों में अधिक द्विपक्षीय सहयोग के महत्व पर व्यापक सहमति नज़र आई, जिसमें बड़े पैमाने पर स्वच्छ ऊर्जा कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए धन जुटाने के प्रयास; जलवायु संकट के अनुकूलन और मुक़ाबले को लेकर सहयोग; तथा ऊर्जा भंडारण, हरित हाइड्रोजन, स्वच्छ औद्योगिक प्रक्रियाओं, और धारणीय शहरीकरण एवं कृषि संबंधी उभरती प्रौद्योगिकियों से जुड़े नवाचार और उन्हें व्यापक बनाने के लिए सहयोग के विषय शामिल हैं। सेक्रेटरी केरी ने जलवायु पर लीडर्स समिट में प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी तथा ग्लासगो में होने वाले कॉप26 सम्मेलन को सफल बनाने हेतु अमेरिका और भारत के बीच रचनात्मक सहयोग का राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा स्वागत किए जाने का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के अलावा, राष्ट्रपति के विशेष दूत केरी ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर; वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण; विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर; पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान; ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री राज कुमार सिंह; रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल; प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव प्रमोद कुमार मिश्रा; और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत से भी मुलाक़ात की। साथ ही, राष्ट्रपति के विशेष दूत केरी ने व्यवसाय जगत और सिविल सोसायटी के अग्रणी लोगों के साथ गोलमेज़ बैठकों में भाग लिया, जिनमें ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रों की अग्रणी महिला नेताओं के साथ गोलमेज़ सम्मेलन शामिल था।
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