An official website of the United States Government Here's how you know

Official websites use .gov

A .gov website belongs to an official government organization in the United States.

Secure .gov websites use HTTPS

A lock ( ) or https:// means you’ve safely connected to the .gov website. Share sensitive information only on official, secure websites.

व्हाइट हाउस
सितंबर 24, 2021

ओवल ऑफ़िस
पूर्वाह्न 11:17 ईडीटी

राष्ट्रपति बाइडेन:  स्वागतम। मैं अपने मित्र का – और हम एक दूसरे को बहुत समय से जानते हैं – एक बार फिर व्हाइट हाउस में स्वागत करना चाहता हूं। और, प्रधानमंत्री महोदय, हम अपनी मज़बूत साझेदारी का विस्तार करना जारी रखेंगे।

जब मैं यहां प्रधानमंत्री को उनकी सीट पर ले गया, तो मैंने बताया कि इस सीट पर लगभग हर दिन एक भारतीय अमेरिकी का क़ब्ज़ा रहता है।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति की मां भारत से थीं – जो एक वैज्ञानिक और असाधारण महिला थीं।

आपको मालूम होगा, प्रधानमंत्री महोदय, मैं अरसे से मानता आया हूं कि अमेरिका-भारत संबंध बहुत सारी वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में मददगार हो सकता है।

वास्तव में, 2006 में ही – तब मैं उपराष्ट्रपति था – मैंने यह उम्मीद ज़ाहिर कर दी थी, जब मैंने कहा था कि 2020 तक भारत और अमेरिका परस्पर दुनिया के सबसे करीबी देशों में से होंगे।

और शायद मुझे नहीं कहना चाहिए – ये मेरे पूर्वनिर्धारित बयान का हिस्सा नहीं है। लेकिन जब मैं मुंबई में था, उपराष्ट्रपति रहते हुए, तो मैंने चैंबर ऑफ कॉमर्स जैसे एक संगठन के साथ बैठक समाप्त की थी। और उसके बाद, भारतीय प्रेस ने मुझसे पूछा था कि क्या भारत में मेरा कोई रिश्तेदार है?

प्रधानमंत्री मोदी:  हां। (हंसते हैं।)

राष्ट्रपति बाइडेन:  और मैंने कहा, “मैं यक़ीन से नहीं कह सकता। लेकिन जब मैं 1972 में 29 साल के युवक के रूप में निर्वाचित हुआ था, मेरे शपथ ग्रहण से पहले, मुझे ‘बाइडेन’ नाम – कुलनाम – के एक व्यक्ति का पत्र मिला था – मुंबई से।”

और, मैंने कहा, “लेकिन मैं आगे इस बारे में कभी कोई पहल नहीं कर पाया।” अगली सुबह, रवाना होने से पहले मेरा संवाददाता सम्मेलन था, और भारतीय प्रेस के किसी प्रतिनिधि ने कहा, “यहां भारत में आपके पांच बाइडेन हैं।”

और हालांकि मैंने कभी स्वीकार नहीं किया, मज़ाक में, कि – मुझे पता चला कि कोई कैप्टन जॉर्ज बाइडेन थे, जो ईस्ट इंडिया टी कंपनी में कैप्टन थे। एक आयरिश व्यक्ति के लिए यह स्वीकार करना कठिन था।

मुझे आप सभी के साथ अनौपचारिक नहीं होना चाहिए – लेकिन मुझे आशा है कि आप इस विनोद को समझेंगे।

लेकिन – और अंतिम परिणति ये हुई कि वह जाहिर तौर पर वहीं रुक गए और एक भारतीय महिला से शादी कर ली। और मैं इस बारे में कभी पूरी जानकारी नहीं जुटा पाया। तो, इस बैठक का असल उद्देश्य है इसका पता लगाने में इनकी मदद लेना (अश्रव्य।) (हंसी।)

लेकिन हंसी-मज़ाक को अलग रखें, तो मुझे लगता है कि भारत और अमेरिका – दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र – के बीच संबंधों की नियति है अधिक मज़बूत, परस्पर अधिक क़रीब और अधिक घनिष्ठ होना। और मैं समझता हूं कि इससे पूरी दुनिया को फ़ायदा होगा।

और मुझे लगता है कि ऐसा होना शुरू हो चुका है। और, आज, हम अमेरिका-भारत संबंधों के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं, और हम हमारे समक्ष मौजूद कुछ कठिनतम चुनौतियों का मुक़ाबला कर रहे हैं, जिसकी शुरुआत कोविड महामारी को समाप्त करने की साझा प्रतिबद्धता से हुई है।

प्रधानमंत्री और मैं आज इस बारे में बात करने जा रहे हैं कि हम कोविड-19 से लड़ने, दुनिया के सामने मौजूद जलवायु संकट की चुनौतियों का सामना करने, और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता – अपने क्वाड साझेदारों को साथ लेते हुए – सुनिश्चित करने के लिए और क्या कर सकते हैं।

बेशक, हमारी साझेदारी हमारे द्वारा किए जाने वाले कार्यों से कहीं अधिक बड़ी है; यह हमारी पहचान से जुड़ी है। यह लोकतांत्रिक मूल्यों और विविधता के प्रति अपनी संयुक्त प्रतिबद्धता को क़ायम रखने की हमारी साझा ज़िम्मेदारी में निहित है, और यह पारिवारिक संबंधों के बारे में है, जिसमें शामिल हैं 4 मिलियन भारतीय अमेरिकी, जो अमेरिका को निरंतर मज़बूत बना रहे हैं।

अगले सप्ताह जब दुनिया महात्मा गांधी का जन्मदिन मनाएगी, हम सभी को याद रखना होगा कि अहिंसा, सम्मान और सहिष्णुता का उनका संदेश आज शायद पहले से कहीं अधिक मायने रखता है।

और इसलिए मैं प्रधानमंत्री के साथ अपनी बातचीत की प्रतीक्षा कर रहा हूं। और आपका धन्यवाद।

प्रधानमंत्री महोदय, अब यह मंच आपके हवाले है।


मूल स्रोत: https://www.whitehouse.gov/briefing-room/speeches-remarks/2021/09/24/remarks-by-president-biden-and-prime-minister-modi-of-the-republic-of-india-before-bilateral-meeting/

अस्वीकरण: यह अनुवाद शिष्टाचार के रूप में प्रदान किया गया है और केवल मूल अंग्रेज़ी स्रोत को ही आधिकारिक माना जाना चाहिए।

U.S. Department of State

The Lessons of 1989: Freedom and Our Future