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व्हाइट हाउस
सितंबर 19, 2023
संयुक्तराष्ट्र मुख्यालय
न्यूयॉर्क सिटी, न्यूयॉर्क
पूर्वाह्न 10:17 ईडीटी

राष्ट्रपति: अध्यक्ष महोदय, महासचिव महोदय, और मेरे साथी नेताओं, लगभग एक सप्ताह पहले मैं दुनिया के दूसरे छोर पर वियतनाम की उस ज़मीन पर खड़ा था जो कभी युद्ध से रक्तरंजित हुई थी।

वहां मैं अमेरिकी और वियतनामी पूर्व सैनिकों के एक छोटे समूह से मिला, और मैंने उस युद्ध से जुड़ी निजी यादगार चीज़ों – पहचान पत्र और एक डायरी – का आदान-प्रदान देखा। वियतनामी और अमेरिकी सैनिकों की प्रतिक्रियाओं को देखना बहुत मार्मिक अनुभव था।

यह युद्ध की दर्दनाक स्मृतियों को पीछे छोड़ शांति एवं बेहतर भविष्य की दिशा में मिलकर काम करने का विकल्प चुनने के लिए दोनों पक्षों की 50 वर्षों की कड़ी मेहनत का परिणाम था।

उस यात्रा के बारे में कुछ भी अपरिहार्य नहीं था। दशकों तक, एक अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए हनोई में एक वियतनामी नेता के साथ खड़ा होना और दोनों देशों के बीच उच्चतम स्तर की साझेदारी की पारस्परिक प्रतिबद्धता की घोषणा करना अकल्पनीय रहा होगा। लेकिन यह इस बात का ज़ोरदार सबूत है कि हमारे भविष्य को अतीत से निर्देशित होने की आवश्यकता नहीं है।

मज़बूत नेतृत्व और सावधानीपूर्ण प्रयासों से, विरोधी भी साझेदार बन सकते हैं, गंभीर चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है, और गहरे घाव भरे जा सकते हैं।

इसलिए हमें इस बात को कभी नहीं भूलना चाहिए। जब हम एक साथ खड़े होने का निर्णय लेते हैं और संपूर्ण मानवता को परस्पर जोड़ने वाली साझा आशाओं को महत्व देते हैं, तो फिर हमारे हाथों में इतिहास की दिशा को मोड़ने की ताक़त होती है।

मेरे साथी नेताओं, एक बार फिर हम विश्व इतिहास के एक अहम मोड़ पर एकत्रित हुए हैं और आप सभी पर, हम सभी पर, विश्व की निगाहें टिकी हुई हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में, मैं जानता हूं कि मेरे देश का दायित्व है इस अहम क्षण में नेतृत्व प्रदान करना; साझा उद्देश्यों से जोड़ते हुए प्रत्येक क्षेत्र के देशों के साथ काम करना; उन साझेदारों के साथ जुड़ना जो दुनिया के भविष्य के बारे में समान दृष्टिकोण रखते हैं, ऐसी दुनिया जहां हमारे बच्चे भूखे न रहें और सभी को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो, जहां श्रमिक सशक्त हों और हमारा पर्यावरण संरक्षित हो, जहां किसी भी जगह के उद्यमियों और नवप्रवर्तकों को हर जगह मौक़े मिलते हों, जहां संघर्षों को शांतिपूर्वक हल किया जाता हो और देश अपना रास्ता खुद चुन सकते हों।

अमेरिका सबके लिए अधिक सुरक्षित, अधिक समृद्ध, अधिक न्यायसंगत दुनिया चाहता है – क्योंकि हम जानते हैं कि हमारा भविष्य आपके भविष्य से जुड़ा है। मैं इसे फिर से दोहराना चाहता हूं: हम जानते हैं कि हमारा भविष्य आपके भविष्य से जुड़ा है।

और कोई भी राष्ट्र आज की चुनौतियों का अकेले मुक़ाबला नहीं कर सकता।

हमसे पहले की पीढ़ियों ने इस निकाय, संयुक्तराष्ट्र, की स्थापना की थी, और अपने दौर की चुनौतियों का सामना करने हेतु अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों तथा बहुपक्षीय और क्षेत्रीय निकायों का निर्माण किया था।

ये निकाय हमेशा दोषमुक्त नहीं रहे थे। लेकिन साथ मिलकर काम करते हुए, दुनिया ने कतिपय क्षेत्रों में उल्लेखनीय और निर्विवाद प्रगति की जिससे सबका जीवन बेहतर हुआ।

हमने वैश्विक संघर्ष की दोबारा शुरुआत से बचते हुए एक बिलियन से अधिक लोगों को घोर गरीबी के चंगुल से बाहर निकाला।

हमने साथ मिलकर लाखों बच्चों तक शिक्षा की पहुंच का विस्तार किया।

हमने लाखों लोगों की ज़िंदगियां बचाई, जो अन्यथा खसरा, मलेरिया, तपेदिक जैसी रोकथाम लायक और उपचार योग्य बीमारियों के कारण नष्ट हो जातीं।

एचआईवी/एड्स संक्रमण और उनसे होने वाली मौतों में आई भारी गिरावट में 55 से अधिक देशों में PEPFAR के प्रयासों का कम योगदान नहीं है, जिसके कारण 25 मिलियन से अधिक लोगों की जान बचाई गई।

यह इस बात का ठोस सबूत है कि जब हम कठिन चुनौतियों का मिलकर सामना करते हैं तो हम क्या कुछ हासिल कर सकते हैं, और यह हमारे लिए एक चेतावनी भी है कि हमें अपनी प्रगति को तत्काल तेज़ करना चाहिए ताकि कोई भी पीछे नहीं छूटे, क्योंकि बहुत से लोग पीछे छूट रहे हैं।

दूसरे विश्वयुद्ध के अंत के बाद हमने मिलकर जो संस्थाएं बनाईं, वे हमारी प्रगति का स्थायी आधार हैं और अमेरिका उन्हें बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

और इस वर्ष, हमें यूनेस्को में फिर से शामिल होने पर गर्व है। लेकिन हम यह भी मानते हैं कि नई चुनौतियों का सामना करने के लिए, दुनिया के साथ कदम मिलाकर चलने के लिए, हमारे दशकों पुराने संस्थानों और तौर-तरीकों को अद्यतन किया जाना चाहिए।

हमें और अधिक नेतृत्व और क्षमताएं सामने लानी होगी जो हर जगह मौजूद हैं, खासकर उन क्षेत्रों से जो हमेशा पूर्ण भागीदार नहीं बनाए गए। हमें उन चुनौतियों से निपटना होगा जो परस्पर अधिक संबद्ध और अधिक जटिल हैं। और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम केवल कुछ क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि हर जगह लोगों के कल्याण के लिए काम करें। हर जगह।

सरल शब्दों में कहें, तो 21वीं सदी में साथ मिलकर आगे बढ़ने के लिए ठोस परिणामों की सख्त ज़रूरत है। इसकी शुरुआत संयुक्तराष्ट्र से होती है – यहीं इसी कक्ष से।

पिछले साल, इस निकाय को संबोधित करते हुए, मैंने घोषणा की थी कि अमेरिका सुरक्षा परिषद के विस्तार का, इसके स्थायी और गैरस्थायी सदस्यों की संख्या में वृद्धि का समर्थन करेगा।

अमेरिका ने कई सदस्य देशों के साथ गंभीर परामर्श किया है। हम और अधिक सुधार के प्रयासों को आगे बढ़ाने, सहमति के साझा बिंदुओं की तलाश करने और आगामी वर्ष में इस दिशा में प्रगति को लेकर अपनी भूमिका निभाते रहेंगे।

हमें उस गतिरोध को ख़त्म करने में सक्षम होने की आवश्यकता है जो अक्सर प्रगति को बाधित करता है और परिषद के बारे में आम सहमति को रोकता है। हमें निर्णायक समूह में अधिक विविधता वाले स्वरों और दृष्टिकोणों की आवश्यकता है।

संयुक्तराष्ट्र को शांति बनाए रखने, संघर्ष रोकने और मानवीय पीड़ा को कम करने का काम जारी रखना चाहिए। और हम उन देशों का स्वागत करते हैं जो नए तरीकों से नेतृत्व करने और कठिन मुद्दों के नए समाधान तलाशने के लिए आगे आ रहे हैं।

उदाहरण के लिए, हैती के मामले में, कैरेबियाई समुदाय हैतियन समाज के भीतर आंतरिक संवाद की प्रक्रिया में सहयोग कर रहा है।

मैं कीनिया के राष्ट्रपति रूटो को संयुक्तराष्ट्र समर्थित सुरक्षा सहायता मिशन में अग्रणी राष्ट्र की भूमिका निभाने हेतु उनकी तत्परता के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं। मैं सुरक्षा परिषद से इस मिशन को तत्काल अधिकृत करने का आह्वान करता हूं। हैती के लोग अब अधिक इंतज़ार नहीं कर सकते।

अमेरिका वैश्विक संस्थानों को अधिक संवेदनशील, अधिक प्रभावी और अधिक समावेशी बनाने के लिए व्यापक स्तर पर काम कर रहा है।

उदाहरण के लिए, हमने विश्व बैंक में सुधार और उसके विस्तार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए इसकी वित्तपोषण क्षमता को बढ़ाया है ताकि यह सतत विकास के लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में प्रगति को बढ़ावा दे सके और जलवायु परिवर्तन एवं अस्थिरता जैसी परस्पर जुड़ी चुनौतियों का बेहतर समाधान कर सके।

विश्व बैंक के नए अध्यक्ष के तत्वाधान में, परिवर्तन शुरू भी हो चुका है।

पिछले महीने, मैंने अमेरिकी कांग्रेस से विश्व बैंक की वित्तपोषण क्षमता में 25 बिलियन डॉलर तक के विस्तार के लिए अतिरिक्त धनराशि की मांग की थी। और जी20 में, हमने और भी अधिक धन जुटाने के लिए दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एकजुट किया। सामूहिक रूप से, हम विश्व बैंक की ऋण देने की क्षमता का परिवर्तनकारी विस्तार कर सकते हैं।

और चूंकि बहुपक्षीय विकास बैंक विकासशील देशों में पारदर्शी और उच्च गुणवत्ता वाला निवेश जुटाने के हमारे सबसे अच्छे साधनों में से एक हैं, इसलिए इन संस्थानों में सुधार परिवर्तनकारी साबित हो सकता है।

इसी तरह, हमने यह सुनिश्चित करने का प्रस्ताव किया है कि विकासशील देशों को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में मज़बूत आवाज़ और प्रतिनिधित्व मिले।

हम विश्व व्यापार संगठन में सुधार करते हुए प्रतिस्पर्धा, खुलापन, पारदर्शिता और क़ानून के शासन को संरक्षित करने के अपने प्रयासों को जारी रखेंगे, साथ ही, इसे स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में संक्रमण, श्रमिकों की सुरक्षा, समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देने जैसी मौजूदा दौर की आवश्यकताओं से बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए तैयार कर रहे हैं।

और इस महीने, हमने अफ्रीकी संघ का एक स्थायी सदस्य के रूप में स्वागत कर एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में जी20 को मज़बूत किया।

लेकिन हमारे संस्थानों को उन्नत और मज़बूत बनाने का काम, केवल आधी तस्वीर पेश करता है। हमें नई साझेदारियां भी बनानी होंगी, और नई चुनौतियों का सामना करना होगा।

उभरती प्रौद्योगिकियों, जैसे कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), में अपार संभावनाएं और भारी खतरा दोनों ही हैं। हमें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि उनका उपयोग नए अवसरों के साधनों के रूप में किया जाए, न कि उत्पीड़न के उपकरणों के रूप में।

दुनिया भर के नेताओं के साथ मिलकर, अमेरिका नियमों और नीतियों को मज़बूत करने का काम कर रहा है ताकि एआई प्रौद्योगिकियों को सार्वजनिक किए जाने से पहले सुरक्षित बनाया जा सके; ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम इस तकनीक को नियंत्रित करें, नकि ये हमें नियंत्रित करे।

और मैं इस संस्थान और अन्य अंतरराष्ट्रीय निकायों के माध्यम से और दुनिया भर के नेताओं, जिसमें हमारे प्रतिस्पर्धी भी शामिल हैं, के साथ सीधे काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता की शक्ति का उपयोग अच्छे कामों के लिए करें, और साथ ही अपने नागरिकों को इसके गंभीर जोखिमों से बचा सकें।

इसमें हम सभी को योगदान करना होगा। मैं इस पर कुछ समय से काम कर रहा हूं, जैसा कि आपमें से कई लोग भी कर रहे हैं। इसे सही रूप देने के लिए हम सभी को जुटना होगा।

दुनिया के हर क्षेत्र में, अमेरिका हमारी साझा चुनौतियों के प्रति नए दृष्टिकोणों को सामने लाने के लिए मज़बूत गठबंधन बना रहा है, बहुमुखी साझेदारियां कर रहा है, साझा उद्देश्य तय कर रहा है, सामूहिक कार्रवाइयां कर रहा है।

यहां पश्चिमी गोलार्ध में, हमने प्रवासन एवं संरक्षण पर लॉस एंजिल्स घोषणा के समर्थन में 21 देशों को एकजुट करते हुए एक क्षेत्रव्यापी चुनौती के लिए एक क्षेत्रव्यापी पहल शुरू की है ताकि क़ानूनों का बेहतर कार्यान्वयन तथा प्रवासियों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में, हमने टीकों से लेकर समुद्री सुरक्षा तक हर मुद्दे पर क्षेत्र के लोगों के लिए ठोस प्रगति सुनिश्चित करने के वास्ते भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ अपनी क्वाड साझेदारी को बढ़ाया है।

कल ही, दो वर्षों के परामर्श और कूटनीति के बाद, अमेरिका ने एक नई अटलांटिक सहयोग साझेदारी शुरू करने के वास्ते चार महाद्वीपों के दर्जनों देशों को एकजुट किया ताकि तटीय अटलांटिक देश विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पर्यावरण संरक्षण और सतत आर्थिक विकास पर बेहतर सहयोग कर सकें।

हमने फ़ेंटानिल और सिंथेटिक दवाओं की विभीषिका का मुकाबला करने और इसकी मानवीय क़ीमत को कम करने के लिए बने वैश्विक गठबंधन में लगभग 100 देशों को साथ लाने का काम किया है। और यह वास्तविक है।

और आतंकवादी ख़तरों की बदलती प्रकृति तथा नए स्थानों तक उसके प्रभावों के विस्तार के मद्देनज़र हम आतंकवादियों की साज़िशों को बाधित करने, उनके नेटवर्क को कमज़ोर करने और लोगों की रक्षा करने के लिए साझेदारों के साथ मिलकर कार्रवाई कर रहे हैं।

इसके अतिरिक्त, हमने लोकतांत्रिक संस्थानों को मज़बूत करने, भ्रष्टाचार को समूल नष्ट करने और राजनीतिक हिंसा को ख़ारिज करने के लिए लोकतंत्र शिखर सम्मेलन आयोजित किए हैं।

और इस समय जब पश्चिम और मध्य अफ्रीका में एक-एक कर लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को गिराया जा रहा है, हमें इस बात का अहसास है कि यह काम पहले की तरह ही ज़रूरी और महत्वपूर्ण है।

हम संवैधानिक शासन के समर्थन में अफ्रीकी संघ, एकोवास और अन्य क्षेत्रीय संगठनों के साथ खड़े हैं। हम उन मूल्यों से पीछे नहीं हटेंगे जो हमें मज़बूत बनाते हैं। हम लोकतंत्र की रक्षा करेंगे – जो दुनिया भर में हमारे सामने आने वाली चुनौतियों का मुक़ाबला करने का हमारा सबसे अच्छा साधन है। और हम यह दिखाने के लिए काम कर रहे हैं कि लोकतंत्र कैसे वो सब काम कर सकता है जोकि लोगों के जीवन के लिए मायने रखते हैं।

वैश्विक अधोसंरचना और निवेश साझेदारी निम्न और मध्यम आय वाले देशों, विशेष रूप से अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों, में बुनियादी ढांचे में निवेश की भारी आवश्यकता और अवसरों को पूरा करती है।

रणनीतिक और लक्षित सार्वजनिक निवेश के माध्यम से, हम निजी क्षेत्र की वित्तपोषण क्षमता का बड़े स्तर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।

जी7 ने 2027 तक अधोसंरचना परियोजनाओं के वित्तपोषण हेतु सामूहिक रूप से 600 बिलियन डॉलर जुटाने के लिए विभिन्न पक्षों के साथ काम करने का संकल्प लिया है। अमेरिका अब तक 30 बिलियन डॉलर से अधिक जुटा भी चुका है।

हम उन परियोजनाओं के साथ शीर्ष पर पहुंचने की होड़ शुरू कर रहे हैं जिनमें श्रमिकों, पर्यावरण और बौद्धिक संपदा के लिए उच्च मानदंड तय किए जाने के साथ ही असंपोषणीय ऋण की जकड़ से भी बचा जा रहा है।

हम आर्थिक गलियारों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो हमारे सामूहिक निवेश के प्रभाव का अधिकतम विस्तार करेंगे तथा कई देशों और क्षेत्रों के लिए परिवर्तनकारी परिणाम देंगे।

उदाहरण के लिए, अफ्रीका में अंगोला के पश्चिमी बंदरगाह से डीआरसी होते हुए ज़ाम्बिया तक विस्तृत लोबितो कॉरिडोर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा और अफ्रीका में वाणिज्य और खाद्य सुरक्षा को मज़बूती प्रदान करेगा।

इसी तरह, जी20 में हमने जिस अभूतपूर्व प्रयास की घोषणा की थी, वह भारत को संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, जॉर्डन और इज़रायल होते हुए यूरोप से जोड़ेगा, और दोनों महाद्वीपों में अवसरों और निवेश का विस्तार करेगा।

यह गलियारा अधिक धारणीय और एकीकृत मध्य पूर्व के निर्माण के हमारे प्रयास का हिस्सा है। यह दर्शाता है कि जब हम इज़रायल और फ़लस्तीनियों के बीच एक न्यायपूर्ण और स्थायी शांति – दो समुदायों के लिए दो राष्ट्र – हेतु अथक प्रयास कर रहे हैं, कैसे इज़रायल द्वारा अपने पड़ोसियों के साथ व्यापक संबंध सामान्यीकरण और आर्थिक संबद्धता के सकारात्मक और व्यावहारिक प्रभाव दिख रहे हैं।

यहां मैं स्पष्ट कर दूं कि इनमें से कोई भी साझेदारी किसी भी देश को घेरने से संबंधित नहीं है। इनका संबंध हमारे साझा भविष्य के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण से है।

जब चीन की बात आती है, तो मैं स्पष्ट और सुसंगत रहना चाहता हूं। हम दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा का ज़िम्मेदारीपूर्ण प्रबंधन चाहते हैं ताकि यह संघर्ष में न बदले। मैंने पहले भी कहा है, “हम जोखिम कम करने के पक्ष में हैं, नकि चीन से अलगाव के पक्ष में।”

हम आक्रामकता और धमकियों का विरोध करेंगे तथा सर्वमान्य नियमों की रक्षा करेंगे, नौवहन और उड़ान की स्वतंत्रता से लेकर आर्थिक प्रतिस्पर्धा के एकरूप मानकों तक, जिन्होंने दशकों से सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित की हैं।

लेकिन हम उन मुद्दों पर चीन के साथ मिलकर काम करने के लिए भी तैयार हैं जहां प्रगति हमारे साझा प्रयासों पर निर्भर करती है।

यह तेज़ होते जलवायु संकट से अधिक किसी और क्षेत्र में महत्व नहीं रखता। हम इस संकट को हर जगह देख रहे हैं: अमेरिका और चीन में रिकॉर्डतोड़ गर्मी; उत्तर अमेरिका और दक्षिणी यूरोप में तबाही मचाती जंगल की आग; हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका क्षेत्र में लगातार पांचवें वर्ष पड़ा सुखाड़; लीबिया में बाढ़ की दुखद घटना – मेरी संवेदनाएं लीबिया के लोगों के साथ हैं – जिसने हज़ारों लोगों की जान ले ली है।

सम्मिलित रूप से, ये उदाहरण एक गंभीर दृश्य पेश करते हैं कि अगर हम जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता को कम करने और दुनिया को जलवायु सुरक्षित बनाने की शुरुआत करने में विफल रहे तो हमारा सामना कैसी विभीषिकाओं से होगा।

पहले दिन से ही, जब से हमने सत्ता संभाली है, मेरे प्रशासन ने, अमेरिका ने, इस संकट को न केवल हमारे लिए बल्कि पूरी मानवता के लिए एक अस्तित्वगत ख़तरे के रूप में लिया है।

पिछले साल, मैंने अमेरिका में जलवायु संकट से निपटने और वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्वच्छ ऊर्जा भविष्य की दिशा में ले जाने के लिए विश्व इतिहास के अब तक के सबसे बड़े निवेश को क़ानून का रूप दिया।

साथ ही, हम विकासशील देशों को उनके जलवायु लक्ष्यों तक पहुंचने और जलवायु प्रभावों के अनुकूल ढलने में मदद हेतु अपने जलवायु वित्तपोषण क्षमता को चौगुना करने के लिए अमेरिकी संसद के साथ काम कर रहे हैं।

और इस वर्ष, दुनिया पेरिस समझौते के तहत प्रस्तावित जलवायु निधि के वायदे – सामूहिक रूप से 100 बिलियन डॉलर जुटाने – को पूरा करने की राह पर है। लेकिन हमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों ही से अधिक निवेश की आवश्यकता है, खासकर उन क्षेत्रों के लिए जिन्होंने वैश्विक उत्सर्जन में बहुत कम योगदान दिया है लेकिन जिन्हें जलवायु परिवर्तन के गंभीरतम प्रभावों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि प्रशांतीय द्वीप समूह के देश।

अमेरिका जलवायु प्रभावों के प्रति इन देशों की अनुकूलन क्षमता और दृढ़ता बढ़ाने हेतु सीधे प्रशांतीय द्वीप समूह फ़ोरम के साथ काम कर रहा है, साथ ही हम वैश्विक चुनौतियों का चौतरफा मुक़ाबला करने वाली अभिनव, नई साझेदारियां बनाने के प्रयास का नेतृत्व कर रहे हैं।

फ़र्स्ट मूवर्स कोएलिशन, जो कंक्रीट, शिपिंग, विमानन और ट्रकिंग जैसे कार्बन-सघन क्षेत्रों में हरित उत्पादों की मांग पैदा करने के लिए निजी क्षेत्र की अरबों डॉलर की निवेश प्रतिबद्धताओं के लिए काम कर रहा है; से लेकर जलवायु के लिए कृषि नवाचार मिशन, जो किसानों को जलवायु समाधान का हिस्सा बना रहा है और हमारी खाद्य आपूर्ति को जलवायु झटकों के प्रति अधिक सशक्त बना रहा है; और वैश्विक मीथेन संकल्प तक, जिसे अब 150 से अधिक देशों का समर्थन प्राप्त है और जो हमारे कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों से परे इस दशक में वायुमंडल में संभावित ग्रीनहाउस गैसों को 30 प्रतिशत तक कम करने के उद्देश्य पर केंद्रित है; ये सारे लक्ष्य हमारी क्षमताओं के अधीन हैं।

हमें 2030 के सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने हेतु मिलकर काम करते समय भी ऐसी ही प्रतिबद्धता, तत्परता और महत्वाकांक्षा लाने की आवश्यकता है। इन लक्ष्यों को 2015 में संयुक्तराष्ट्र ने दुनिया भर में जीवन में बेहतरी लाने के लिए एक रोडमैप के रूप में अपनाया गया था।

लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि दशकों की प्रगति के बावजूद, दुनिया ने बीते वर्षों में कोविड-19, संघर्षों और अन्य संकटों के कारण अपना आधार गंवाया है।

इस मुद्दे पर अमेरिका हमें वापस पटरी पर लाने हेतु अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।

कुल मिलाकर, मेरे प्रशासन के पहले दो वर्षों में, अमेरिका ने खाद्य सुरक्षा को मज़बूत करने, दुनिया भर में शिक्षा की उपलब्धता बढ़ाने, तथा स्वास्थ्य तंत्रों को मज़बूत करने और बीमारियों से लड़ने की दिशा में प्रगति के लिए 100 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है। और हमने इनमें निवेश हेतु निजी क्षेत्र से अरबों डॉलर जुटाने में मदद की है।

लेकिन सतत विकास के लक्ष्यों की दिशा में अपनी प्रगति तेज़ करने के लिए हम सभी को और अधिक प्रयास करने होंगे। हमें नई साझेदारियां बनाने की ज़रूरत है जो इस चुनौती से निपटने के तरीकों को बदलते हुए सभी स्रोतों का उपयोग कर विकास के लिए खरबों डॉलर का अतिरिक्त निवेश जुटा सके। हमें कमियों को पाटने और महामारी के कारण उजागर हमारे मौजूदा तंत्र की विफलताओं को दूर करने की ज़रूरत है।

हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हमारी प्रगति से महिलाओं और बालिकाओं को पूरा लाभ मिले।

हमें क़र्ज़ के उस बोझ से निपटने के लिए भी और अधिक प्रयास करना चाहिए जो कई निम्न और मध्यम आय वाले देशों को आगे बढ़ने नहीं दे रहा। जब राष्ट्रों को अपने लोगों की ज़रूरतों को पूरा करने से अधिक अधारणीय ऋणों के भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाता है, तो उनके लिए अपने भविष्य में निवेश करना कठिन हो जाता है।

और जब हम वैश्विक झटकों से उबरने के लिए मिलकर काम करते हैं, अमेरिका दुनिया में अभूतपूर्व सहायता ज़रूरतों के इस क्षण में मानवीय मदद के लिए सबसे बड़ा एकल दाता देश बना रहेगा।

लोग, सहयोग, साझेदारी – ये हम सभी को प्रभावित करने वाली चुनौतियों के खिलाफ़ प्रगति की कुंजी, और ज़िम्मेदार वैश्विक नेतृत्व के आधार हैं।

हथियार नियंत्रण, जो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की आधारशिलाओं में से एक है, जैसे मुद्दों पर आगे बढ़ते रहने के लिए हमें हर बात पर सहमत होने की आवश्यकता नहीं है।

अप्रसार संधि के तहत 50 से अधिक वर्षों की प्रगति के बाद, रूस लंबे समय से जारी हथियार नियंत्रण समझौतों को ख़त्म कर रहा है, जिसमें न्यू स्टार्ट संधि के निलंबन की उसकी घोषणा और यूरोप में पारंपरिक बलों संबंधी संधि से उसका बाहर निकलना शामिल है।

मैं इसे गैरज़िम्मेदाराना मानता हूं, और उसका ये रवैया पूरी दुनिया को कम सुरक्षित बनाता है।

अमेरिका महाविनाश के हथियारों के ख़तरे को कम करने और अपनी मिसाल के ज़रिए नेतृत्व करने का सद्भावनापूर्ण प्रयास जारी रखेगा, चाहे दुनिया में और कुछ भी हो रहा हो।

इस वर्ष, हमने रासायनिक हथियारों से मुक्त दुनिया के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए अमेरिकी भंडार में मौजूद अंतिम रासायनिक हथियारों को सुरक्षित रूप से नष्ट कर दिया।

और हम उत्तर कोरिया द्वारा संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के लगातार उल्लंघन की निंदा करते हैं, लेकिन कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु निरस्त्रीकरण सुनिश्चित करने हेतु कूटनीति के लिए प्रतिबद्ध हैं।

और हम ईरान की क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा को ख़तरे में डालने वाली अस्थिरकारी गतिविधियों के मुक़ाबले के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और ईरान को कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम हैं।

अब, भले ही हम अपने संस्थानों में सुधार कर रहे हैं और नई रचनात्मक साझेदारियां विकसित कर रहे हैं, लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहूंगा: हमारी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के कुछ सिद्धांत अलंघनीय हैं।

संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, मानवाधिकार – ये संयुक्तराष्ट्र चार्टर के मूल सिद्धांत हैं, राष्ट्रों के बीच शांतिपूर्ण संबंधों के स्तंभ हैं, जिनके बिना हम अपने किसी भी लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते।

उनमें बदलाव नहीं हुआ है, और उनमें बदलाव होने भी नहीं चाहिए।

फिर भी, लगातार दूसरे वर्ष, संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए समर्पित यह महासभा युद्ध की छाया से अंधकारमय हो गई है – आधिपत्य का एक अवैध युद्ध, जो रूस द्वारा अपने पड़ोसी यूक्रेन के खिलाफ़ बिना किसी उकसावे के छेड़ा गया है।

दुनिया के हर देश की तरह, अमेरिका भी चाहता है कि यह युद्ध समाप्त हो। यूक्रेन से ज़्यादा कोई देश नहीं चाहता कि ये युद्ध ख़त्म हो।

और हम एक कूटनीतिक समाधान, जो न्यायसंगत और स्थायी शांति प्रदान करने वाला हो, के लिए यूक्रेन के प्रयासों का दृढ़ समर्थन करते हैं ।

लेकिन इस युद्ध की ज़िम्मेदारी अकेले रूस पर है। अकेले रूस के पास ही इस युद्ध को तुरंत ख़त्म करने की क्षमता है। और ये रूस ही है जो शांति के रास्ते में खड़ा है, क्योंकि शांति के लिए रूस द्वारा तय क़ीमत है यूक्रेन का आत्मसमर्पण, यूक्रेन की ज़मीन और यूक्रेन के बच्चे।

रूस का मानना है कि दुनिया थक जाएगी और उसे बिना परिणाम भुगते यूक्रेन पर बर्बरता ढाने देगी।

लेकिन मैं आपसे ये पूछता हूं: यदि हम एक हमलावर को खुश रखने के लिए संयुक्तराष्ट्र चार्टर के मूल सिद्धांतों को त्याग देते हैं, तो क्या इस निकाय का कोई भी सदस्य राष्ट्र अपने सुरक्षित होने को लेकर आश्वस्त महसूस करेगा? यदि हम यूक्रेन को खंडित किए जाने की अनुमति देते हैं, तो क्या किसी भी राष्ट्र की स्वतंत्रता सुरक्षित रह जाती है?

मैं सम्मानपूर्वक कहूंगा कि इसका उत्तर है: नहीं।

हमें आज इस खुली आक्रामकता के ख़िलाफ़ खड़ा होना होगा और भविष्य के अन्य आक्रांताओं को रोकना होगा।

इसीलिए अमेरिका, दुनिया भर में अपने सहयोगी देशों और साझेदारों के साथ, अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता और अपनी स्वतंत्रता की रक्षा कर रहे यूक्रेन के बहादुर लोगों के साथ खड़ा रहेगा। (तालियां।)

यह न केवल यूक्रेन के भविष्य में, बल्कि हर उस देश के भविष्य में निवेश है जो उन बुनियादी नियमों द्वारा शासित दुनिया चाहता है जो सभी देशों पर समान रूप से लागू होते हैं और हर देश के अधिकारों को क़ायम रखते हैं, चाहे देश कितना भी बड़ा या छोटा क्यों न हो। संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता – इस महान संस्था की पक्की नींव हैं, और सार्वभौमिक मानवाधिकार इसका निर्देशक सिद्धांत। हम इनमें से किसी का त्याग नहीं कर सकते।

पचहत्तर साल पहले, मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा ने सामूहिक आशा को स्वर देने का उल्लेखनीय काम किया था – और मैं इसे फिर से कहता हूं – सामूहिक आशा – विभिन्न क्षेत्रों, धर्मों, दर्शनों का प्रतिनिधित्व करने वाली एक समिति द्वारा तैयार की गई घोषणा, जिसे संपूर्ण महासभा ने अपनाया था। उस घोषणा में निहित अधिकार बुनियादी और स्थायी हैं।

और जबकि हम अभी भी सबके एकसमान और अहरणीय अधिकारों को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वे हमेशा की तरह स्थायी और सच्चे हैं।

चाहे शिनजियांग हो, तेहरान हो, दारफ़ुर हो या कोई और जगह, हम दुर्व्यवहारों की अनदेखी नहीं कर सकते।

हमें यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत रहना होगा कि महिलाओं और बालिकाओं को समाज में समान अधिकार और समान भागीदारी मिले। कि आदिवासी समूहों; नस्लीय, जातीय, धार्मिक अल्पसंख्यकों; विकलांगों को संस्थागत भेदभाव के ज़रिए उनकी क्षमताओं के पूर्ण इस्तेमाल से नहीं रोका जाए। कि एलजीबीटीक्यूआई+ लोगों को उनकी अलग पहचान की वजह से प्रताड़ित नहीं किया जाए या उन्हें हिंसा का निशाना नहीं बनाया जाए।

ये अधिकार हमारी साझा मानवता के अंश हैं। जब वे कहीं भी अनुपस्थित होते हैं, तो उनकी क्षति हर जगह महसूस की जाती है। वे हमें एकजुट करने वाली मानव प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक हैं।

मेरे साथी नेताओं, मैं यहीं अपनी बात समाप्त करना चाहूंगा। इतिहास के इस मोड़ पर, हमारा मूल्यांकन इस आधार पर किया जाएगा कि हम अपने आप से, एक-दूसरे से, सबसे कमज़ोर लोगों से, और उन सभी से जोकि भविष्य में हमारे द्वारा निर्मित दुनिया में रहेंगे, किए गए वादों पर खरे उतर रहे हैं या नहीं, क्योंकि हमें वही करना है।

क्या हम अपने भीतर वो सब करने का साहस ला पाएंगे जो धरती को संरक्षित रखने, मानवीय गरिमा की रक्षा करने, हर जगह लोगों को अवसर प्रदान करने, और संयुक्तराष्ट्र के सिद्धांतों की रक्षा के लिए किए जाने चाहिए?

इस प्रश्न का केवल एक ही उत्तर हो सकता है: हमें लाना होगा, और हम लाएंगे।

आगे का रास्ता लंबा और कठिन है। लेकिन अगर हम लगे रहे, तो हम जीतेंगे – यदि हम स्वयं पर भरोसा रखें, तो हम दिखा सकेंगे कि क्या कुछ संभव है।

आइए मिलकर ये काम करें। आइए सभी के लिए प्रगति सुनिश्चित करें। आइए दुनिया के कल्याण के लिए इतिहास को नई दिशा दें, क्योंकि हम ऐसा करने में सक्षम हैं।

मुझे सुनने के लिए धन्यवाद। आप भले लोग हैं। (तालियां।)

पूर्वाह्न 10:44 ईडीटी


मूल स्रोत: https://www.whitehouse.gov/briefing-room/speeches-remarks/2023/09/19/remarks-by-president-biden-before-the-78th-session-of-the-united-nations-general-assembly-new-york-ny/ 

अस्वीकरण: यह अनुवाद शिष्टाचार के रूप में प्रदान किया गया है और केवल मूल अंग्रेज़ी स्रोत को ही आधिकारिक माना जाना चाहिए।

U.S. Department of State

The Lessons of 1989: Freedom and Our Future