Homeहिन्दी ...फ़ैक्ट शीट: अमेरिका और भारत – सक्रिय वैश्विक नेतृत्व hide फ़ैक्ट शीट: अमेरिका और भारत – सक्रिय वैश्विक नेतृत्व हिंदी में अनुवाद 24 सितम्बर 2021 व्हाइट हाउस सितंबर 24, 2021 राष्ट्रपति बाइडेन ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेज़बानी करते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दो प्रमुख शक्तियों, अमेरिका और भारत के संबंधों को और घनिष्ठ बनाने का काम किया है। दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों के रूप में, अमेरिका और भारत स्वतंत्रता, बहुलवाद, खुलेपन और मानवाधिकारों के सम्मान के मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध हैं। विश्व मंच पर परस्पर सहयोग · अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएड) महामारी की शुरू होने के बाद से कोविड संबंधी स्वास्थ्य प्रशिक्षण, जोखिम कम करने और टीकों संबंधी जानकारी, और आवश्यक उपकरणों के ज़रिए 56 मिलियन से अधिक भारतीयों तक पहुंच चुकी है। · आधी सदी से भी अधिक समय से, अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं निवारण केंद्र (सीडीसी) भारत की जनस्वास्थ्य प्राथमिकताओं के क्षेत्र में भारत सरकार के साथ सफलतापूर्वक सहयोग कर रहा है। सीडीसी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन, संयुक्तराष्ट्र बाल कोष, और अन्य साझेदारों के सहयोग से भारत में कोविड-19 विरोधी प्रयासों के लिए मार्च 2020 के बाद से लगभग 16 मिलियन डॉलर आवंटित किए हैं, जिसके तहत देशव्यापी समन्वय, महामारी नियंत्रण एवं निगरानी, रोगियों का प्रबंधन, संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण, तथा टेस्टिंग एवं अन्य तकनीकी क्षेत्रों में समर्थन के प्रयास शामिल हैं। · क्वाड के तहत, अमेरिका और भारत कोविड-19 विरोधी प्रयासों और महामारी के खिलाफ़ तैयारी, बुनियादी ढांचे, अंतरिक्ष, स्वच्छ ऊर्जा, मानवीय सहायता/आपदा राहत, साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा, सुदृढ़ सप्लाई चेन, मुक्त और परस्पर संचालनीयता वाले नेटवर्क पर आधारित 5जी ढांचे के निर्माण तथा अहम एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में मिलकर काम कर रहे हैं। · अमेरिका और भारत साइबर सुरक्षा पर निरंतर साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं, और अहम बुनियादी ढांचों को मज़बूत करने तथा रैंसमवेयर जैसे साइबर अपराधों और साझा साइबर ख़तरों का मिलकर सामना करने की दिशा में सहयोग कर रहे हैं, जिसमें कार्यबल तैयार करने, साझा साइबर मानक निर्धारित करने और सुरक्षित सॉफ्टवेयर विकास को बढ़ावा देने के प्रयास शामिल हैं। · अमेरिका आपदारोधी अवसंरचना (सीडीआरआई) के गठबंधन में निरंतर सहयोग के लिए तत्पर है तथा अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया और उससे परे स्थायी बुनियादी ढांचे में निवेश को बढ़ाने के लिए ब्लू डॉट नेटवर्क का लाभ उठाने हेतु भारत के साथ सहयोग के अवसरों का स्वागत करता है। यूएसएड ने इस क्षेत्र में सीडीआरआई के वैश्विक नेतृत्व का समर्थन करने के लिए 9 मिलियन डॉलर से अधिक के योगदान की प्रतिबद्धता जताई है। · पिछले साल भर के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) ने भारतीय साझेदारों की भागीदारी वाले लगभग 200 शोध कार्यों का वित्तपोषण किया है। पिछले चार वर्षों में, भारत के साथ स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग वाले कार्यक्रमों की संख्या 200 से बढ़कर लगभग 330 हो गई है, और एनआईएच-वित्तपोषित अनुसंधान में भागीदारी करने वाले भारतीय अनुसंधान संगठनों की संख्या लगभग 100 से बढ़कर 200 से अधिक हो गई है। · 28-29 अक्टूबर 2021 को, अमेरिका और भारत चौथे वार्षिक हिंद-प्रशांत व्यापार मंच (आईपीबीएफ) की सहमेज़बानी करेंगे, जो पूरे भारत से सरकार, उद्योग, मीडिया और गैरलाभकारी क्षेत्रों के अग्रणी लोगों को एकजुट करेगा। वाणिज्यिक कूटनीति के इस प्रमुख आयोजन से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक आर्थिक एजेंडे के लिए हमारी संयुक्त प्रतिबद्धता रेखांकित होती है। यह नीतिगत विकास को आगे बढ़ाने, नए निवेश लाने, तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में निजी क्षेत्र और सरकारों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करने वाला कार्यक्रम है। धरती का संरक्षण और भविष्य के लिए ऊर्जा की व्यवस्था · अमेरिका और भारत दोनों इस वर्ष के अंत में ग्लासगो में आयोजित 26वें संयुक्तराष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप26) को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए, अमेरिका ने 2030 में अपने अर्थव्यवस्था-व्यापी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 2005 के स्तर से 50-52 प्रतिशत तक कम करने हेतु अपनी राष्ट्रीय ऊर्जा महात्वाकांक्षा को बढ़ाने की घोषणा की है। · अमेरिका 2030 तक 450 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता तैयार करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को साकार करने में भारत के साथ सक्रिय सहयोग कर रहा है, जिसमें अमेरिका-भारत जलवायु एवं स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 साझेदारी के तहत हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष जलवायु दूत के नेतृत्व में आरंभ क्लाइमेट एक्शन एंड फ़ाइनेंस मोबलाइज़ेशन डायलॉग, और अमेरिकी ऊर्जा मंत्री के नेतृत्व में संशोधित स्ट्रैटेजिक क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप (एससीईपी) के ज़रिए किए जा रहे प्रयास शामिल हैं। ये दोनों कार्यक्रम स्वच्छ ऊर्जा तंत्र में भारत के संक्रमण को तेज़ करने में मददगार साबित होंगे। · एससीईपी के तहत, अमेरिकी ऊर्जा विभाग ने भारतीय समकक्षों के साथ मिलकर एक नए सार्वजनिक-निजी हाइड्रोजन टास्कफोर्स के साथ-साथ एक जैव ईंधन टास्कफोर्स को भी शुरू किया है। ये प्रयास ऊर्जा क्षेत्र को कार्बनमुक्त करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के उपयोग का विस्तार करने में सहायक होंगे। · पिछले पांच वर्षों के दौरान, यूएसएड ने पूरे भारत में पांच गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता के निर्माण में योगदान किया है, जिसने 2020 में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 30 मिलियन टन की कमी को संभव किया, 3.3 मिलियन घरों को रोशन किया, और निजी क्षेत्र से 1.1 बिलियन डॉलर का स्वच्छ ऊर्जा निवेश जुटाने में मदद की। . · अमेरिकी व्यापार और विकास एजेंसी ने अमेरिका-भारत जलवायु प्रौद्योगिकी कार्यसमूह (सीटीएजी) की स्थापना की है। सीटीएजी उन पहलों पर निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के प्रयासों को एकीकृत करेगा जोकि जलवायु पर वैश्विक कार्रवाई, नवीनतम जलवायु सक्षम प्रौद्योगिकियों पर अमेरिकी उद्योग जगत के योगदान, स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र के विकास में तेज़ी लाने हेतु भारतीय बाज़ार से अमेरिकी व्यापार मॉडल के साझाकरण और भारत में जलवायु अनुकूल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए पूंजी जुटाने में सहायक हो सकते हैं। · अमेरिका ने भारत को जलवायु पर कृषि नवाचार मिशन (एम फ़ॉर क्लाइमेट) में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया, जिसे नवंबर में कॉप26 में लॉन्च किया जाएगा। एम फ़ॉर क्लाइमेट का लक्ष्य जलवायु अनुकूल प्रयासों के तहत कृषि और खाद्य प्रणालियों पर वैश्विक नवाचार को विस्तारित और तेज़ करना है। · अमेरिका भारत के कोव्वाडा में छह वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक कंपनी एपी-1000 परमाणु रिएक्टरों के निर्माण के अनुबंध को अंतिम रूप देने की दिशा में भारत के साथ काम करने को तत्पर है, और जल्दी ही एक पूर्ण तकनीकी-वाणिज्यिक प्रस्ताव की आशा करता है। पूरा हो जाने पर, वेस्टिंगहाउस परियोजना लाखों भारतीयों के लिए स्वच्छ और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। · अमेरिकी कंपनी फ़र्स्ट सोलर ने घोषणा की है कि वह दक्षिण भारत में एक पूरी तरह एकीकृत सौर मॉड्यूल निर्माण संयंत्र में 684 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी, जोकि सीधे तौर पर भारत की ऊर्जा सुरक्षा और द्विपक्षीय जलवायु लक्ष्यों का समर्थन है। इस निवेश में अमेरिका से प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता का निर्यात शामिल होगा, जिसके तहत अंततः 60 प्रतिशत स्थानीय मूल्यवर्धित सामग्री के साथ मॉड्यूलों का उत्पादन हो सकेगा, जिससे दोनों देशों में रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। · सितंबर में, अमेरिकी कंपनी 24एम टेक्नोलॉजीज़ इन्कॉर्पोरेटेड ने चेन्नई स्थित लुकास टीवीएस लिमिटेड के साथ लाइसेंस और सेवा समझौते पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की, जिसके तहत बैटरी स्टोरेज प्लेटफॉर्म तकनीक का उपयोग करके भारत के पहले गीगा संयंत्रों में से एक का निर्माण किया जाएगा। पहला संयंत्र चेन्नई के पास स्थापित किया जाएगा, जबकि ऊर्जा भंडारण समाधानों के लिए बढ़ते बाज़ार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पूरे भारत में अतिरिक्त संयंत्रों के निर्माण की उम्मीद है। रोज़गार और पारस्परिक समृद्धि का सृजन · आगामी व्यापार नीति मंच के तहत, अमेरिका व्यापार चिंताओं को दूर करने और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए भारत के साथ काम करने को उत्सुक है। अमेरिका हमारे दोनों देशों के बीच व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ाने के लिए अमेरिका-भारत वाणिज्यिक संवाद और सीईओ फ़ोरम की अगली बैठक आयोजित करने के लिए भी उत्सुक है। · 2021 तक, अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त निगम (जीएफ़सी) का भारत में निवेश 2.5 बिलियन डॉलर से अधिक का हो चुका है, जिसमें अक्षय ऊर्जा, विनिर्माण, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, निजी इक्विटी, आवास और बीमा सहित कई क्षेत्रों की परियोजनाएं शामिल हैं। अगले वित्तीय वर्ष में नई परियोजनाओं में अतिरिक्त 900 मिलियन डॉलर लगाए जाने की उम्मीद है। · प्रौद्योगिकी और साइबर सुरक्षा में अमेरिकी निजी क्षेत्र की पहलों, जिनमें साइबर सुरक्षा और डिजिटल साक्षरता के विस्तार की पहल शामिल है, साइबर सुरक्षा पर अमेरिका और भारत सरकार के सहयोग को मज़बूत कर रही है। गूगल अपने वीमन विल कार्यक्रम के तहत डिजिटल साक्षरता और संबंधित कौशल से एक मिलियन महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने हेतु भारत के स्थानीय संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है। अमेरिकी कंपनी आईबीएम अगले पांच वर्षों में भारत में 500,000 लोगों को साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण प्रदान करेगी। अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट साइबर सुरक्षा और डेटा गोपनीयता के क्षेत्र में 5,000 मास्टर प्रशिक्षकों को ट्रेनिंग देने के लिए भारत में एक संकाय विकास कार्यक्रम शुरू करने की तैयारी कर रही है, जिसके तहत आगे चलकर भारत में 200,000 युवाओं को साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने हेतु प्रशिक्षित किया जाएगा। · डीएफ़सी, एचडीएफ़सी बैंक और मास्टरकार्ड के साथ साझेदारी में, डिजिटलीकरण में रुचि रखने वाले छोटे व्यवसायों, विशेष रूप से महिलाओं के नेतृत्व वाले और स्वामित्व वाले उद्यमों, के लिए भारत में 100 मिलियन डॉलर की क्रेडिट सुविधा शुरू करने हेतु तत्पर है। यह निवेश 2एक्स वीमंस इनिशिएटिव का समर्थन करता है, जिसके माध्यम से डीएफ़सी महिलाओं के स्वामित्व वाली, महिलाओं के नेतृत्व वाली परियोजनाओं में निवेश करता है, या महिलाओं को सशक्त बनाने वाले उत्पाद या सेवाएं प्रदान करता है। · अगस्त 2021 में, अमेरिकी कंपनी जीई एविएशन ने भारत के स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमानों के लिए 99 उन्नत जीई-404 जेट इंजनों की आपूर्ति के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 716 मिलियन डॉलर का अनुबंध किया। यह सौदा 4,000 अमेरिकी नौकरियों का समर्थन करेगा, विशेष रूप से मैसाचुसेट्स और ओहायो के जीई संयंत्रों में। · भारत ने अगस्त 2021 में पशु चारा के एक अभिन्न घटक सोयाबीन मील के आयात की मंज़ूरी दी, और अमेरिकी सोयाबीन निर्यातक पहले ही भारतीय फ़ीड मिलों को अच्छी ख़ासी मात्रा में इसकी आपूर्ति कर चुके हैं। · अमेरिका 2025 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण स्तर तक पहुंचने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में इथेनॉल ईंधन के आयात की अनुमति देने पर भारत के साथ काम करने को तत्पर है। · पिछले पांच वर्षों में, अमेरिकी कंपनी बोइंग ने भारत में अपने ग्राहकों को 43 नए वाणिज्यिक विमानों की आपूर्ति की, जिनका संयुक्त मूल्य 6.6 अरब डॉलर है – यानि भारत को अमेरिका में बने विमानों का सालाना 1 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात। अगले 20 वर्षों में, भारत में कुल 390 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के 2,290 नए वाणिज्यिक विमानों की अनुमानित मांग होगी, जो भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक उड्डयन बाजार बना देगा। हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उससे परे सुरक्षा का विस्तार · अमेरिका और भारत आगामी आतंकवादरोधी संयुक्त कार्यसमूह और होमलैंड सिक्योरिटी वार्ता के लिए तत्पर हैं ताकि आतंकवादियों की स्क्रीनिंग, सूचना साझाकरण, विमानन सुरक्षा, इंटरनेट के आतंकवादी द्वारा उपयोग, आतंकवादियों पर प्रतिबंध और संयुक्त क्षमता निर्माण जैसे मुद्दों पर सहयोग बढ़ाया जा सके। · अमेरिका अवैध नशीले पदार्थों के उत्पादन और उससे संबंधित रसायनों की सप्लाई चेन से निपटने के संयुक्त प्रयासों को मज़बूत करने हेतु यूएस-इंडिया काउंटर नारकोटिक्स वर्किंग ग्रुप को क़ायम रखने, तथा क़ानून प्रवर्तन पर सहयोग बढ़ाने, नशीली दवा की मांग को घटाने, और नशीली दवा नियंत्रण संबंधी सूचनाओं का साझाकरण जारी रखने के लिए एक नया द्विपक्षीय ढांचा विकसित करने हेतु तत्पर है। · 2016 के बाद से रक्षा संबंधी चार प्रमुख समझौते करने के बाद, अमेरिका और भारत ने प्रमुख रक्षा साझेदारों के रूप में महत्वपूर्ण प्रगति की है और दोनों देश सूचना साझाकरण, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सैनिक अभ्यास, समुद्री सुरक्षा सहयोग, संपर्क अधिकारी संबंधी सहयोग और रसद पर सहयोग बढ़ाने के लिए तत्पर हैं। · यूएस-इंडिया डिफ़ेंस टेक्नोलॉजी एंड ट्रेड इनिशिएटिव (डीटीटीआई) को आगे बढ़ाते हुए, अमेरिका और भारत ने जुलाई में हवाई-लॉन्च वाले मानवरहित विमानों के सह-विकास के लिए 22 मिलियन डॉलर की परियोजना पर सहमति व्यक्त की है। डीटीटीआई में वर्तमान में चार कार्यसमूह शामिल हैं, और इस वर्ष के अंत में वरिष्ठ अधिकारियों की अगली बैठक के ज़रिए रक्षा उद्योग संबंधी सहयोग का और विस्तार किया जाएगा। · अमेरिका भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है, और हमने अत्याधुनिक रक्षा उत्पादों की पेशकश की है, जैसे एफ़/ए-18, एफ़-15ईएक्स, और एफ़-21 लड़ाकू विमान; एमक्यू-9बी मानवरहित विमान; आईएडीडब्ल्यूएस मिसाइल प्रणाली; और अतिरिक्त पी-8एल समुद्री गश्ती विमान। · भारत की अग्रणी रणनीतिक एयरलिफ्ट क्षमताएं इसकी सेनाओं को हिंद महासागर क्षेत्र और उससे परे अहम मानवीय राहत और निकासी अभियान चलाने में सक्षम बनाती हैं। · अमेरिकी वायु सेना और अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन (एलएम) ने हाल ही में भारत के सी-130जे परिवहन विमान बेड़े के रखरखाव हेतु 329 मिलियन डॉलर का अनुबंध किया है। यह सौदा भारत की रणनीतिक एयरलिफ्ट क्षमताओं को बढ़ाते हुए दोनों देशों में नौकरियों के अवसर पैदा कर सकेगा। · भारतीय वायु सेना अमेरिका के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े सी -17 बेड़े का संचालन करती है। उसने हाल ही में अमेरिकी कंपनी बोइंग के साथ 637 मिलियन डॉलर के विस्तारित रखरखाव अनुबंध पर हस्ताक्षर किया है जो दोनों देशों में नौकरियों के अवसर पैदा करेगा। · जून में, एलएम ने भारत को पहले दो एमएच-60आर मल्टीमिशन समुद्री हेलीकॉप्टर डिलीवर किए। इन्हें ट्रॉय, अलबामा, साथ ही स्ट्रैटफ़ोर्ड, कनेक्टिकट में एसेंबल, जबकि ओवेगो, न्यूयॉर्क में एकीकृत किया गया था, और इस सौदे के तहत भारत को मल्टीरोल हेलीकॉप्टर वैश्विक सप्लाई चेन से जुड़ने की अनुमति दी गई है। · दुनिया में पी-8एल पोसीडॉन समुद्री गश्ती विमान के दूसरे सबसे बड़े संचालक के रूप में, भारत हिंद-प्रशांत और उससे परे क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण समुद्री साझेदार है। अमेरिकी कंपनी बोइंग ने जुलाई 2021 में भारतीय नौसेना को दसवां पी-8एल विमान सौंपा और 11वें विमान की डिलीवरी अक्टूबर में होने की उम्मीद है। · 2020 में, भारत और अमेरिका ने भारत के ग्लोबल सेंटर फॉर न्यूक्लियर एनर्जी पार्टनरशिप और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी जैसे बहुपक्षीय साझेदारों के माध्यम से पूरी दुनिया में प्रभावी परमाणु सुरक्षा के समर्थन की अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत किया। हम परमाणु सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए संयुक्त प्रयास जारी रखेंगे। अंतरिक्ष अन्वेषण · अमेरिका अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने के अवसरों का स्वागत करता है, बाह्य अंतरिक्ष पर्यावरण की दीर्घकालिक स्थिरता में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की अहम भूमिका को स्वीकार करता है, और ये मानता है कि अंतरिक्षीय क्षमताएं संपूर्ण मानवता को अहम लाभ प्रदान करती हैं, जिसमें जलवायु परिवर्तन के खिलाफ़ लड़ाई और पृथ्वी पर सतत विकास सुनिश्चित करना शामिल है। हमारे परस्पर सहयोग में कई क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिसमें सुदूर अंतरिक्ष में संचार सहयोग, अंतरिक्ष विज्ञान, भारत के चंद्रयान मिशनों के लिए समर्थन और बाह्य अंतरिक्ष गतिविधियों की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने हेतु सहयोग शामिल हैं। · नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की अंतरिक्ष और पृथ्वी विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग की एक लंबी परंपरा रही है, और हाल ही में दोनों ने नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (एनआईएसएआर) उपग्रह पर सहयोग किया है जो हमें धरती की सबसे जटिल प्रणालियों और वैश्विक पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन प्रेरित परिवर्तनों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा। एनआईएसएआर को भारत से 2023 में लॉन्च किया जाना है। · अमेरिका, आर्टेमिस और आर्टेमिस सिद्धांतों पर संभावित सहयोग के ऊपर भारत द्वारा विचार किए जाने का स्वागत करता है। ये सिद्धांत चंद्रमा और उससे आगे अंतरिक्ष के सुरक्षित और पारदर्शी अन्वेषण का समर्थन करने से संबंधित हैं। विज्ञान, शिक्षा, नवाचार और जनता के स्तर पर संबंधों में मज़बूती · अमेरिका को 2021 में अब तक भारतीय छात्रों को रिकॉर्ड 62,000 वीज़ा जारी करने पर गर्व है। अमेरिका में पढ़ाई कर रहे लगभग 200,000 भारतीय छात्र अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सालाना 7.7 बिलियन डॉलर का योगदान करते हैं। · दुनिया भर में हम फ़ुलब्राइट कार्यक्रम की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह कार्यक्रम 71 वर्ष पहले भारत में शुरुआत के बाद से अमेरिकियों और भारतीयों को परस्पर साथ लाने का काम कर रहा है। 2008 में, हमने अमेरिका के साथ इस फ़ेलोशिप को संयुक्त रूप से वित्तपोषित करने के भारत के निर्णय का स्वागत किया, और कार्यक्रम का नाम बदलकर फुलब्राइट-नेहरू फ़ेलोशिप प्रोग्राम कर दिया। इस एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत 20,000 से अधिक फेलोशिप और अनुदान प्रदान किए गए हैं, और अमेरिका इन सफलताओं को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर है। · पार्टनरशिप 2020 कार्यक्रम आर्थिक विकास और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा सहयोग को निरंतर जारी रख रहा है। ओमाहा के नेब्रास्का विश्वविद्यालय के सहयोग से, यह कार्यक्रम उन्नत इंजीनियरिंग, कृत्रिम बुद्धि, सार्वजनिक स्वास्थ्य और ऊर्जा के क्षेत्र में अमेरिकी और भारतीय विश्वविद्यालयों में 15 शोध साझेदारियों का वित्तपोषण करता है। · शीघ्र शुरू हो रहा यूएस-इंडिया एलायंस फॉर वीमेंस इकोनॉमिक एम्पावरमेंट – जोकि विदेश विभाग, यूएसएड, यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फ़ोरम और जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय के बीच एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी है – भारत में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में सहयोग बढ़ाने में मदद करेगा। · अमेरिका द्वारा वित्तपोषित स्टार्टअप और इनोवेशन हब नेक्सस अमेरिकी और भारतीय उद्यमों में नवाचार और प्रौद्योगिकी व्यावसायीकरण के सर्वश्रेष्ठ उदाहरणों का प्रदर्शन करता है। नेक्सस उद्यमियों, नवोन्मेषकों, शिक्षा संकायों, उद्यमियों, तथा भारतीय स्टार्टअप और स्थानीय उद्यम पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने में रुचि रखने वाले फ़ंडिंग संगठनों के लिए एक केंद्र बिंदु के रूप में कार्य करता है। 2016 से, नेक्सस के 138 लाभार्थियों ने बाहरी फ़ंडिंग में 19 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए हैं, और प्रमुख भारतीय और अमेरिकी कंपनियों के साथ 70 से अधिक सौदे किए हैं। · अमेरिकी राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन महासागर और मत्स्य विज्ञान, मौसम विज्ञान, और धरती के अध्ययन जैसे क्षेत्रों में भारतीय समकक्षों के साथ मिलकर काम करता है। यह सहयोग हमें बेहतर मौसम मॉडलिंग और सूचना साझाकरण के माध्यम से जलवायु परिवर्तन को ठीक से समझने और जीवन बचाने में मदद करता है। · अमेरिकी कृषि विभाग फसलों, पशुधन और मत्स्य पालन पर रणनीतिक अनुसंधान के ज़रिए कृषि से संबंधित जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के साथ सहयोग करने के लिए तत्पर है। · यूएसएड यूएस-इंडिया गांधी-किंग डेवलपमेंट फाउंडेशन की स्थापना पर भारत सरकार के साथ काम करने के लिए तत्पर है, जो दोनों दूरदर्शी नेताओं के सम्मान में पहलक़दमियों और एक्सचेंज कार्यक्रमों को बढ़ावा दे सकेगा। मूल स्रोत: https://www.whitehouse.gov/briefing-room/statements-releases/2021/09/24/fact-sheet-the-united-states-and-india-global-leadership-in-action/ अस्वीकरण: यह अनुवाद शिष्टाचार के रूप में प्रदान किया गया है और केवल मूल अंग्रेज़ी स्रोत को ही आधिकारिक माना जाना चाहिए।