व्हाइट हाउस
जून 10, 2021
टिप्पणी
ट्रेगेना कास्ल रिसार्ट
कॉर्नवाल, यूनाइटेड किंग्डम
6:28 P.M. BST
राष्ट्रपति बाइडेन: गुड ईवनिंग, सभी को। सबसे पहले तो मैं जिल और अपनी तरफ से महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय, पूरे शाही परिवार और यूनाइटेड किंग्डम के लोगों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं। आज प्रिंस फिलिप का सौंवा जन्मदिन होता और मैं जानता हूं कि बहुत सारे लोगों को आज उनकी अनुपस्थिति खल रही है।
साथ ही, मैं ये भी कहना चाहूंगा कि ब्रिटिश सरकार ने हमारा बेहतरीन स्वागत किया है। यहां यूके में हमारा पहला पूरा दिन अच्छा रहा है। प्रधानमंत्री जॉनसन के साथ मेरी बहुत अच्छी बातचीत हुई है। हमने अलग अलग मुद्दों पर बातचीत की जिस पर यूनाइटेड किंग्डम और अमेरिका घनिष्ठ सहयोग से काम कर रहे हैं।
हम अपने खास संबंधों – और ये बात मैं हल्के में नहीं कह रहा हूं- ये खास संबंध जो हम दोनों देशों के लोगों के बीच है उसका समर्थन करते हैं। हमने इस प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया है कि हम दोनों ही देश जिन लोकतांत्रिक मूल्यों को मानते हैं उन्हें बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं- (गला खखारते हुए)- और ये हमारे बीच एक मजबूत- माफ कीजिएगा- हमारी भागेदारी की मजबूत नींव है।
अस्सी साल पहले, प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल और राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसे अटलांटिक चार्टर के तौर पर जाना जाता है। यह एक बयान था पहले सिद्धांतों का- एक वादा कि यूनाइटेड किंग्डम और अमेरिका अपने समय की चुनौतियों का सामना करेंगे और मिलकर करेंगे।
आज, हमने उसी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए अटलांटिक चार्टर को अपडेट किया है ताकि इस सदी की प्रमुख चुनौतियों-साइबर सुरक्षा, नई टेक्नोलॉजी, वैश्विक स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन का सीधे सामना करते हुए हम उस वादे को निभाएं।
हमने चर्चा की अपने लक्ष्यों की जो जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए महत्वाकांक्षी कदमों को आगे बढ़ाएंगे। अप्रैल में मैंने क्लाइमेट लीडर्स समिट की मेजबानी की थी, वह कुछ हद तक इसी दिशा में कदम आगे बढ़ाना था कि हम महत्वपूर्ण दस्तावेज सीओपी 26 की तरफ बढ़ें जिसकी मेजबानी इसी साल यूनाइटेड किंग्डम में ग्लासगो करेगा।
हमने बात की अपनी सेनाओं के साझा बलिदानों की जो उन्होंने अफ़गानिस्तान में अपने अपने पक्षों की तरफ से दिए हैं, बीस सालों में। यूके शुरू से ही हमारे साथ रहा, जैसा कि वो हमेशा रहता है, आतंकवादी खतरों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध और हम अब अफगानिस्तान से वापसी भी साथ में कर रहे हैं समन्वय से।
और जाहिर है कि हमने बात की कि दोनों देश कैसे साथ में कोविड- 19 के खिलाफ़ लड़ाई की अगुआई कर सकते हैं। यह ब्रिटेन के नेतृत्व में जी-7 में प्रमुख मुद्दा रहा है, खास कर पूरी दुनिया में टीकाकरण के लिए कैसे संसाधनों का समन्वय किया जाए।
और आज रात, मैं ये ऐतिहासिक घोषणा कर रहा हूं कोविड-19 के खिलाफ़ लड़ाई में अमेरिकी नेतृत्व के बारे में. अमेरिका को इस महामारी की विभीषिका का अनुभव है। हमारे यहां- हमारे यहां अमेरिका में दुनिया में किसी भी देश से अधिक लोग मरे हैं: 600,000 से अधिक अमेरिकी- माता, पिता, बेटे, बेटियां, भाई, बहन, दादा-दादी। पहले विश्व युद्ध, दूसरे विश्व युद्ध, विएतनाम युद्ध और 11सितंबर की घटनाओं को मिलाकर भी अमेरिका में उतनी मौतें नहीं हुई जितनी मौतें कोविड—19 के कारण हुई। इस विभीषिका को हम समझते हैं।
लेकिन हम इससे निकलने का रास्ता भी जानते हैं। अमेरिका ने अब अपने 64 प्रतिशत वयस्कों को कम से कम टीके की एक खुराक दे दी है। सिर्फ साढ़े चार महीने पहले, हम मात्र पांच प्रतिशत लोगों को ही एक खुराक दे पाए थे।
यह एक बहुत ही कठिन प्रयास था सरकार की तरफ से कि वो सबसे बड़े, मैं कहूंगा कि, हमारे इतिहास की सबसे जटिल चुनौती से निपटे, साजो सामान के मामले में। वैज्ञानिकों की समझ, दशकों से हो रहे शोध से हम वैक्सीन तैयार कर पाए। अमेरिकी कंपनियों की हर क्षमता का उपयोग कर के ही लगातार वैक्सीन का उत्पादन और डिलीवरी सुनिश्चित हो पाई।
और इसका परिणाम ही है कि महामारी के पहले दिन के बाद से अब हम हर दिन होने वाली मौतों की संख्या के सबसे निचले स्तर पर हैं। हमारी अर्थव्यवस्था फिर से बेहतर हो रही है। हमारे टीकाकरण कार्यक्रम ने हज़ारों ज़िंदगियां बचा ली हैं और हर दिन ये संख्या बढ़ रही है। और इस काम ने लाखों अमेरिकियों को अपने रोजमर्रा के जीवन की तरफ वापस लौटने में मदद की है।
राष्ट्रपति के रूप में मेरे कार्यकाल की शुरूआत से ही हमारी दृष्टि स्पष्ट थी कि हमें पूरी दुनिया में इस वायरस का सामना करना है। यह हमारी ज़िम्मेदारी है- हमारा मानवीय कर्तव्य है कि हम जितना संभव हो उतनी जानें बचाएं- हमारी जिम्मेदारी है अपने मूल्यों के प्रति।
हम सभी लोगों के जीवन का सम्मान करते हैं। परेशानियों के समय, अमेरिकियों ने हमेशा मदद का हाथ बढ़ाया है और मदद की है। हम ऐसे ही हैं।
और जब हम दुनिया में कहीं भी लोगों को कष्ट में और परेशानी में देखते हैं तो हम कोशिश करते हैं कि उनकी हरसंभव मदद करें। यही कारण है कि, रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक राष्ट्रपतियों के तहत भी अमेरिका ने हमेशा वैश्विक स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए बदलाव की प्रतिबद्धता जाहिर की है- राष्ट्रपति बुश के तहत पीईपीएफएआर की प्रतिबद्धता जिसने एचआईवी/एड्स के खिलाफ लड़ाई को बदल दिया। और आज इस समय, हमारे मूल्य हमसे ये कहते हैं कि हम पूरी दुनिया में टीकाकरण करें कोविड-19 के खिलाफ़।
यह अमेरिका के अपने हित में भी है। जब तक यह वायरस कहीं भी रहेगा, ये रिस्क है कि उसमें बदलाव होते रहें और वो हमारे लोगों को परेशान करे।
हम जानते हैं कि दूसरे देशों में फैलता कोविड-19 वैश्विक वृद्धि को रोक रहा है, अस्थिरता बढ़ रही है और सरकारें कमज़ोर हो रही हैं। और जैसा कि हमने अमेरिका में देखा है इसका सबूत हर दिन, देशों के खुलने और अर्थव्यवस्था की बेहतरी का तरीका है कि लोगों को टीका लगाया जाए।
हमारे टीकाकरण कार्यक्रम ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को इस सदी के सबसे खराब आर्थिक संकट से उबरने में मदद की है। पिछले चार महीने में जब से मैं राष्ट्रपति बना हूं, दो मिलियन से अधिक नौकरियां सृजित हुई हैं। व्यवसाय दोबारा खुले हैं और अर्थव्यवस्था की अनुमानित विकास दर 9 प्वाइंट- माफ कीजिएगा, 6.9 प्वाइंट है- जो पिछले चार दशक के अमेरिका में सबसे तेज़ है।
जैसे जैसे अमेरिकी अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है, ये हम सब के हित में है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था भी वापस पटरी पर लौटे। और ये तब तक नहीं होगा जब तक कि हम इस महामारी पर पूरी दुनिया में नियंत्रण न कर लें।
यही कारण है कि, मैंने अप्रैल में कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि अमेरिका कोविड 19 के खिलाफ़ टीकों से लड़ने का हथियार बनेगा – जैसा कि अमेरिका दूसरे विश्व युद्ध के दौरान लोकतंत्र के हित में हथियार बना था।
पिछले चार महीनों में, हमने कई कदम उठाए हैं इस ऐतिहासिक प्रयास की तरफ। हमने कोवैक्स में किसी भी देश से अधिक योगदान किया है- कोवैक्स एक साझा वैश्विक प्रयास है पूरी दुनिया में कोविड-19 के टीके उपलब्ध कराने का।
हमने टीकों के उत्पादन के प्रयासों को समर्थन दिया है जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ साझेदारी के तहत- जिसे हम “क्वाड” के नाम से जानते हैं। हमने टीके की खुराकें दी हैं अपने पड़ोसी कनाडा और मेक्सिको को।
साथ ही, तीन हफ्ते पहले, अमेरिकी वैक्सीन- अमेरिकी वैक्सीन आपूर्ति ने ये सुनिश्चित कर लिया है पूरे विश्वास के साथ ही हमारे पास हर अमेरिकी के लिए टीका है जो टीका लेना चाहे, हमने घोषणा की है कि हम अपने टीके की 80 मिलियन खुराकें- जो हमारे पास हैं- वो दुनिया को जून के अंत तक देंगे। कई खुराकें इस समय दूसरे देशों में जा रही हैं जब मैं ये बात कह रहा हूं।
और आज, हम एक बड़ा कदम उठा रहे हैं जो इस महामारी के खिलाफ लड़ाई को और मज़बूत कर देगा। मेरे निर्देश पर, अमेरिका फाइजर टीकों की अतिरिक्त आधा अरब (500 मिलियन) खुराकें खरीदेगा- जो वो कम आय और मध्यम आय वाले 100 देशों को दान करेगा। वो देश इससे लाभ उठा सकेंगे।
मैं फिर से ये बात दोहराता हूं: अमेरिका फाइजर कोविड-19 वैक्सीन की आधा अरब (500 मिलियन) खुराकें खरीदेगा और उन्हें करीब 100 देशों को दान करेगा जिन्हें इस महामारी से लड़ने के लिए इन खुराकों की ज़रूरत है। ये एक ऐतिहासिक कदम है। ये किसी भी समय में एक देश द्वारा सबसे बड़ी मात्रा में कोविड-19 वैक्सीन खरीदने और दान करने की घटना होगी।
महत्वपूर्ण बात ये है कि, ये एक एमआरएनए वैक्सीन है जो कि कोविड-19 के खिलाफ अत्यंत प्रभावी साबित हुआ है हर उस वैरिएंट के खिलाफ जो हम अभी तक जान पाए हैं।
ये आधी अरब (500 मिलियन) खुराकें अगस्त के महीने से दूसरे देशों में भेजी जानी शुरू होंगी जैसे जैसे उनका उत्पादन होगा। इस साल दो सौ मिलियन खुराकें डिलीवर होंगी, और अगले साल यानी 2022 के पहले छह महीनों में बाकी तीन सौ मिलियन खुराकें भेज दी जाएंगी।
मैं थोड़ा और स्पष्ट करता हूं: जैसा कि पहले हमने 80 मिलियन खुराकों की घोषणा की थी, उसी तर्ज पर इन आधी अरब खुराकों के लिए किसी देश के समक्ष कोई शर्त नहीं रखी जाएगी। मैं दोबारा कहता हूं- कोई शर्त नहीं होगी किसी देश के लिए।
वैक्सीन का हमारे दान का किसी तरह के राजनीतिक दबाव या कोई लाभ लेने से लेना देना नहीं है। हम जानें बचाने के लिए ये कर रहे हैं ताकि महामारी खत्म हो। और कुछ नहीं।
मैं शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि अल्बर्ट बोरला का, जो फाइजर के सीईओ और चेयरमैन हैं, जो आज मेरे साथ हैं। हम पिछले कुछ महीनों में एक दूसरे को जान पाए हैं. उन्होंने और उनकी पूरी टीम ने सच में- महामारी के खिलाफ लड़ाई के कठिन दौर में बहुत कमाल काम किया है।
और ये योजना है कि जो आधी अरब खुराकें हम दुनिया के अलग अलग देशों को भेजेंगे उनका उत्पादन अमेरिका में ही होगा, जिसमें मिशीगन के कालामाज़ू में मौजूद फाइजर के मैनुफैक्चरिंग प्लांट में भी ये उत्पादन होगा।
अस्सी साल पहले, डेट्रायट इलाके के कालामाज़ू प्लांट के पास ही अमेरिकी कामगारों ने टैंक और विमान और वाहन बनाए थे जिसने दूसरे विश्व युद्ध में फासिस्टों को हराने में मदद की थी। उन्होंने जो बनाया वही “लोकतंत्र के हथियार” के रूप में जाना गया।
अब, अमेरिका के पुरूषों और महिलाओं की एक नई पीढ़ी, आज की नई तकनीक के साथ काम करते हुए, एक ऐसा हथियार बना रही है जो कोविड-19 को हराएगी- कोविड जो दुनिया में शांति, स्वास्थ्य और स्थायित्व का दुश्मन है।
फरवरी के महीने में जब मैं कालामाज़ू प्लांट गया था तो अल्बर्ट भी वहां थे। पूरे प्लांट का दौरा करते हुए मैंने समझा कि कितनी मेहनत से, कितने ध्यान से और कितनी सुरक्षा से एक एक खुराक तैयार की जाती है।
खास तौर पर, जब आप वहां होते हैं तो, आप महसूस कर सकते हैं कि हर काम करने वाले को कितना गौरव है- इस बात का गौरव कि वो क्या कर रहे हैं। मैं बहुत सारे प्लांटों में गया हूं। मैंने काम किया है- मैं तो यूनियन वाला रहा हूं। प्लांटों का दौरा मैंने अपने पूरे करियर में कई बार किया है। लेकिन उस प्लांट में लोगों के चेहरे देखकर आप कह सकते थे कि वो खुद पर गर्व करते हैं। मैं बिल्कुल सच कह रहा हूं कि उन्हें इस बात का गौरव है कि वो जो कर रहे हैं। उन्हें पता है कि वो क्या कर रहे हैं।
अमेरिका के लोग अब वैक्सीन का उत्पादन कर रहे हैं जो अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन देशों में लोगों की जानें बचाएगा। ऐसे लोग जिनसे वो कभी नहीं मिलेंगे, ऐसी जगहें जहां जाने का उन्हें शायद ही कभी मौका मिला हो लेकिन वहां भी जानें बचेंगीं अमेरिकी नेतृत्व और अमेरिकी कामगारों के कठिन श्रम और उनके मूल्यों के कारण।
मैं अपनी बात इससे खत्म करता हूं: ये एक अभूतपूर्व प्रतिबद्धता है अमेरिकी लोगों की। जैसा कि मैंने कहा, हम ऐसे लोगों का देश हैं जो दूसरे मनुष्यों को मदद की ज़रूरत पड़ने पर आगे आता है, देश में भी और देश से बाहर भी। हम परफेक्ट नहीं हैं लेकिन हम खुद को बेहतर करते हैं।
लेकिन हम इस काम में अकेले नहीं हैं, यही वो बात है जो मैं कहना चाहता हूं। हम दुनिया की मदद करेंगे कि वो इस महामारी से बाहर निकल सके, अपने वैश्विक साझीदारों के साथ काम करते हुए।
यूके की अध्यक्षता में जी7 देशों के साथ दुनिया भर के लोकतांत्रिक देश भी अपना काम करेंगे। दुनिया को टीका लगाने के इस मिले जुले प्रयास की नींव में अमेरिका का योगदान होगा।
ब्रिटिश सरकार, प्रधानमंत्री ने पूरे देश में टीकाकरण के लिए मजबूत अभियान चलाया है और मैं शुक्रगुज़ार हूं कि वो भी अपने स्तर पर दान कर रहे हैं।
कल जी7 देश हमारी प्रतिबद्धताओं का विवरण देंगे- हमारी यानी जी7 की। और मैं शुक्रिया करना चाहूंगा जी 7 के साझीदारों का जो इस मौके पर अपनी जिम्मेदारी समझते हुए मदद के लिए आगे आए हैं। मैं आने वाले दिनों में अपने सहयोगियों के साथ काम करने को लेकर उत्साहित हूं।
एक आखिरी बात मैं साफ करना चाहता हूं: यह अंत नहीं है हमारे प्रयासों का दुनिया को टीका लगाने या कोविड 19से लड़ने में। हमें उत्पादन करना है- हमें उत्पादित खुराकों को लोगों और समुदायों तक पहुंचाना है कि उनको ये खुराकें मिल जाएं।
यही कारण है कि अमेरिका आखिरी समय में वैक्सीन देने के प्रयासों के लिए लाखों डॉलर की मदद मुहैया करा रहा है, जिसमें अमेरिकी राहत योजना के तहत कांग्रेस से नई मदद मांगी गई है जिसे लैटिन अमेरिका, एशिया और अफ्रीका में चल रहे कार्यक्रमों में लगाया जाएगा।
हम टीकों का उत्पादन करते रहेंगे, दान करते रहेंगे, टीके लीजिए- जैसा कि यूके में कहते हैं- अपनी बांहों पर, जब तक कि हम इस दुनिया से वायरस को न हटा दें।
मैं आप सब का शुक्रिया अदा करता हूं। अब मैं अपने मित्र और फाइजर के सीईओ और चेयरमैन, एवर—अल—अल्बर्ट बोरला को आमंत्रित करता हूं।
अल्बर्ट आप आएं और हां मैं आपको व्यक्तिगत तौर पर भी आपके काम के लिए शुक्रिया कहता हूं।
मिस्टर बोरला- शुक्रिया, मिस्टर प्रेसिडेंट।
प्रेसिडेंट- शुक्रिया।
मिस्टर बोरला- बहुत बहुत शुक्रिया।
शुक्रिया मिस्टर प्रेसिडेंट। और जाहिर है कि ये मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है, आपके साथ आज यहां होना इस ऐतिहासिक घोषणा के लिए।
जी 7 देश इस महत्वपूर्ण सम्मेलन के लिए यहां हैं और दुनिया की नज़रें टिकी हुई हैं इन ताकतवर देशों के नेताओं पर कि वो कोविड19 के संकट को खत्म करने में मदद करें। कई विकसित देशों में बहुत अच्छी प्रगति हुई है लेकिन दुनिया अब जी 7 के नेताओं से कह रही है कि वो सभी देशों के लोगों को टीका लगाने की जिम्मेदारी निभाने के लिए आगे आएं।
मिस्टर प्रेसिडेंट, हमारी बातचीत से मैं यह जानता हूं कि हम इस बात पर सहमत हैं कि इस पृथ्वी पर हर आदमी, औरत, बच्चा अपनी वित्तीय स्थिति, नस्ल, धर्म और भौगोलिक स्थिति के आधार पर भेदभाव के बिना वैक्सीन डिजर्व करता है।
और एक बार फिर, अमेरिका ने इस चुनौती का जवाब दिया है और हम शुक्रगुज़ार हैं कि आपने और आपके प्रशासन ने इस मामले में आगे बढ़कर नेतृत्व दिया है।
आज हम फाइजर-बायोएनटेक्स वैक्सीन की 500 मिलियन खुराकें दुनिया के गरीब देशों को दे रहे हैं। इस कदम से हमारी क्षमता बढ़ेगी कि हम अगले 18 महीनों में कम और मध्यम आय वाले देशों को दो अरब खुराकें मुहैया कर पाएंगे जो हमारा लक्ष्य है।
शुक्रिया उन बहुत सारे वैज्ञानिकों का जिनके शोध और उन कामगारों का जिन्होंने लगातार उत्पादन किया है जिस कारण आज हम इस महामारी के बाद एक उम्मीद की किरण देख पा रहे हैं। मैं आपको आश्वस्त करता हूं मिस्टर प्रेसिडेंट कि हम इस महामारी को खत्म करने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखेंगे।
इस हफ्ते में हमने शुरू किया है 5 से 11 साल के बच्चों के टीके के लिए दूसरे और तीसरे चरण की स्टडी। इस दिशा में हम गर्भवती महिलाओं से जुड़ी स्टडी भी जारी रखेंगे।
हम बहुत ध्यान से नज़र रख रहे हैं इस बीमारी के नए वैरिएंट्स की भी और नए वैरिएंट्स पर वैक्सीन के असर का परीक्षण भी कर रहे हैं, और हम पूरी दुनिया में स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहे हैं कि इन पर नज़र रखी जाए।
अब तक जो डाटा मिले हैं उससे स्पष्ट है कि अब तो जो भी वैरिएंट्स हैं उनमें से एक भी हमारी वैक्सीन की सुरक्षा को तोड़ नहीं पाया है। मैं रिपीट करता हूं- एक भी नहीं।
फिर भी हमने एक प्रक्रिया बनाई है कि अगर ज़रूरत पड़ी तो 100 दिन में हम नया वैक्सीन बना सकें। भगवान न करे कि ऐसी ज़रूरत पड़े।
हमारे वैज्ञानिक कोविड19 के खिलाफ मुंह से दी जाने वाली खुराकों पर भी काम कर रहे हैं। शुरूआती संकेत उत्साहजनक हैं। और अगर सब ठीक रहा तो हम साल के खत्म होने से पहले ही इसके अप्रूवल के लिए आवेदन करेंगे।
लेकिन मैं अपनी बात खत्म करना चाहता हूं- उस घोषणा के महत्व पर आकर जो आज की गई है, मिस्टर प्रेसिडेंट. महामारी के दौरान, हर कोई उतना ही सुरक्षित हो सकता है जितना उसका पड़ोसी चाहे वो आपकी गली में रहता है या फिर दुनिया भर में आपके पड़ोसी देश।
आज की अमेरिकी सरकार की घोषणा हमें अपने लक्ष्य की तरफ ले जाती है और दुनिया भर में और भी अधिक जानें बचाने की हमारी क्षमता को बढ़ाती है।
मिस्टर प्रेसिडेंट, मैं आपको आपके नेतृत्व, दृष्टि और सहयोग के लिए शुक्रिया कहना चाहता हूं। हम आपके प्रशासन के साथ काम कर रहे हैं और ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोविड19 के खिलाफ़ लड़ाई में विज्ञान की जीत हो।
थैंक्यू।
प्रेसिडेंट बाइडेन- थैंक्यू।
मिस्टर बोरला- थैंक्यू।
मिस्टर प्रेसिडेंट- थैंक्यू सभी को।
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अस्वीकरण : यह अनुवाद शिष्टाचार के रूप में प्रदान किया गया है और केवल मूल अंग्रेज़ी स्त्रोत को ही आधिकारिक माना जाना चाहिए।