An official website of the United States Government Here's how you know

Official websites use .gov

A .gov website belongs to an official government organization in the United States.

Secure .gov websites use HTTPS

A lock ( ) or https:// means you’ve safely connected to the .gov website. Share sensitive information only on official, secure websites.

व्हाइट हाउस
21 सितंबर, 2021

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय
न्यूयॉर्क, न्यूयॉर्क
10.01 A.M. EDT

राष्ट्रपति: आदरणीय अध्यक्ष, आदरणीय महासचिव, मेरे साथी प्रतिनिधियों और वो सभी जो अपनी प्रतिबद्धता के साथ समर्पित हैं इस सम्मानित मिशन के लिए जो इस संस्था का है: ये मेरा सौभाग्य है कि मैं आज पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर आपसे मुखातिब हूं।

हम इस साल एक ऐसे क्षण में मिल रहे हैं—जिसमें गहरा दुख और अभूतपूर्व संभावनाएं घुली मिली हुई हैं। हमने बहुत कुछ खोया है इस विभीषिका में—इस भयावह महामारी में जो कि पूरी दुनिया में अभी भी लोगों की जान ले रही है और हमारे अस्तित्व को प्रभावित कर रही है।

हम शोक कर रहे हैं उन 4.5 मिलियन मौतों का—जो हर देश के हर पृष्ठभूमि के लोगों की हुई हैं। हर एक मौत एक व्यक्तिगत क्षति भी है। लेकिन साझेदारी का यह दुख हमें याद दिलाता है कि हमारा सामूहिक भविष्य इस बात पर टिका है कि हम अपनी साझी मानवता और एक साथ काम करने की अपनी क्षमता को कितना समझ पाते हैं।

लेडीज़ एंड जेंटलमैन, यह एक स्पष्ट और आवश्यक चुनौती है जो हमारे सामने खड़ी है एक ऐसे दशक की शुरुआत में जो दुनिया के लिए निर्णायक साबित हो सकती है—एक दशक जो बिल्कुल स्पष्ट तौर पर हमारा भविष्य निर्धारित करेगी।

वैश्विक समुदाय के रूप में, हमारे सामने चुनौती है कि हम इस संकट में उन अपार संभावनाओं देख पाएं—अगर—-अगर—–हम अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत कर लें और इन संभावनाओं का लाभ उठा पाएं।

क्या हम जानें बचाने के लिए एक साथ मिलकर काम करेंगे, कोविड-19 को हर जगह हरा पाएंगे और ऐसे ज़रूरी कदम उठा पाएंगे जो हमें तैयार करेगा अगली किसी महामारी को रोकने में? क्योंकि जाहिर है कि अगली कोई न कोई महामारी फिर आएगी। या फिर हम असफल रहेंगे उन औजारों का इस्तेमाल करने में जो हमारे पास हैं और नए खतरनाक प्रकार के वायरस वैरिएंट हमें अपने कब्ज़े में ले लेंगे?

क्या हम चुनौतीपूर्ण जलवायु के खतरे का सामना कर पाएंगे—चुनौतियों से भरपूर पर्यावरण को हम पुरी दुनिया में महसूस कर पा रहे हैं खतरनाक मौसमों के रूप में? या फिर हम दिनों दिन भयावह होते जा रहे सूखे, बाढ़, जंगलों की आग, चक्रवाती तूफान, लंबे समय चलने वाली लू, समुद्र के बढ़ते स्तर के खतरों के कष्टों से जूझते ही रहेंगे?

क्या हम मानवीय सम्मान और मानवाधिकार के मूल्यों को बचाए रख पाएंगे जिसकी सुरक्षा के लिए देशों ने सात दशकों से अधिक समय पहले इस संस्थान का निर्माण किया था?

क्या हम अंतरराष्ट्रीय व्यस्था के मूलभूत अवयवों को लागू कर पाएंगे, उन्हें मजूबत कर पाएंगे—अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था जिसमें संयुक्त राष्ट्र चार्टर और मानवाधिकारों की वैश्विक घोषणा शामिल है, ऐसे समय में जब हम सामने आ रही नई प्रौद्योगिकी को आकार देना चाहते हैं और नए खतरों को रोकना चाहते हैं? या फिर हम इन वैश्विक — इन वैश्विक सिद्धांतों को विशुद्ध राजनीतिक ताकत की चाह में तोड़ेंगे मरोड़ेंगे और उसे रौंदे जाने देंगे?

मेरे विचार से, हम इस समय इन सवालों का कैसे जवाब देते हैं—हम अपने साझे भविष्य के लिए लड़ना चुनते हैं या नहीं—इसकी गूंज आने वाली पीढ़ियां महसूस करेंगी।
अगर सीधे कहा जाए: मेरे विचार से हम एक ऐतिहासक मोड़ पर खड़े हैं। और मैं यहां आज आपसे ये साझा करने के लिए हूं कि अमेरिका अपने सहयोगियों और साथियों के साथ इन सवालों के जवाब देने के लिए किस तरह से काम करना चाहता है और नए प्रशासन की प्रतिबद्धता जताने के लिए कि वो दुनिया को शांति की तरफ ले जाने और सभी लोगों के बेहतर भविष्य की तरफ मदद करने के लिए तैयार है।

अतीत के युद्धों को जारी रखने की बजाय, हम अपनी निगाहें सुनिश्चित कर रहे हैं, अपने संसाधनों को उन चुनौतियों पर लगाने की, जो हमारे साझे भविष्य की चाबी साबित होने वाली हैं: इस महामारी को खत्म करना; जलवायु परिवर्तन का सामना करना; वैश्विक सत्ता संरचना में बदलते आयामों को देखना; व्यापार, साइबर और नई तकनीकों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर दुनिया के नए नियमों को आकार देना और आतंकवाद के खतरों का सामना करना जो खतरे आज हमारे सामने हैं।

हमने अफगानिस्तान में बीस साल से चला आ रहा युद्ध खत्म किया है। और हमने इस लगातार चले आ रहे युद्ध के समय को खत्म करने के साथ ही एक नए युग की शुरुआत की है लगातार कूटनीति की; विकास से जुड़ी अपनी मदद का नए तरीकों से निवेश करने की ताकि दुनिया भर में लोगों का जीवन बेहतर हो सके; लोकतंत्र को बचाने और बढ़ाए जा सकने की; ये तय करने की कि चुनौतियां चाहे कितनी बड़ी हों या जटिल हों हमारे सामने, ये साबित करने की कि, लोगों के द्वारा चुनी और लोगों दवारा बनाई गई सरकार ही लोगों के भले के लिए सबसे बेहतर काम कर सकती हैं।

और अब जब अमेरिका अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है दुनिया के अलग अलग क्षेत्रों पर मसलन एशिया-प्रशांत क्षेत्र, जो कि सबसे महत्वपूर्ण है आज और आगे के भविष्य के लिए, हम अपने सहयोगियों और साझीदारों के साथ, सहयोग और बहुस्तरीय संगठनों जैसे संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर अपनी साझी ताकत, तेज़ी को बढ़ाएंगे और इन वैश्विक चुनौतियों से निपटने में प्रगति करेंगे।

यह 21वीं सदी का मूलभूत सत्य है हर देश और वैश्विक समुदाय के लिए भी कि हमारी सफलता जुड़ी हुई है बाकी और लोगों की सफलता से।

हमे अपने लोगों की सेवा करने के लिए भी ज़रूरी है कि बाकी दुनिया के साथ भी हम जुड़े रहें।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारा अपना भविष्य बेहतर हो, हमें अपने साझीदारों के साथ मिलकर काम करना होगा—भविष्य के लिए, जो साझा होगा।

हमारी सुरक्षा, हमारी समृद्धि और हमारी आज़ादी भी अब एक दूसरे से गहरे जुड़ी हुई है पहले से कहीं अधिक, ऐसा मेरा मानना है। और इसी कारण मेरा विश्वास है कि हमें पहले से कहीं अधिक साथ मिलकर काम करने की ज़रूरत है।

पिछले आठ महीनों में, मैंने संधियों को नए सिरे से बनाने पर ज़ोर दिया है, साझेदारियों को पुख्ता किया है और ये समझा है कि अमेरिका की सुरक्षा और समृद्धि के लिए ये आवश्यक और केंद्रीय भूमिका में हैं।

हमने पुष्टि की है कि आर्टिकल पांच की प्रतिबद्धता के तहत नैटो के साथ हमारी संधि पवित्र है। हम अपने सहयोगियों के साथ नई सामरिक अवधारणाओं पर काम कर रहे हैं जिससे हम नई पनप रही भविष्य की चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपट सकें।

हमने यूरोपीय संघ के साथ अपने संबंधों को दोबारा शुरू किया है, जो कि दुनिया के सामने मौजूद महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटने में एक ज़रूरी सहयोगी है।

हमने अपनी क्वाड पार्टनरशिप को ऊंचा किया है जिसमें ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका हैं जो कि स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु, और नई प्रौद्योगिकी से जुड़ी चुनौतियों पर काम करेगी।

हम क्षेत्रीय संस्थानों के साथ भी काम कर रहे हैं—आसियान से लेकर अफ्रीकन यूनियन और ऑर्गेनाइजेशन ऑफ अमेरिकन स्टेट्स के साथ – ताकि लोगों की आवश्यक ज़रूरतों पर ध्यान केंद्रित किया जा सके और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य और बेहतर आर्थिक सुविधाएं मुहैया हों।

हम अंतरराष्ट्रीय मंचों पर वापस आ चुके हैं, खास कर संयुक्त राष्ट्र में ताकि हम अपना ध्यान दे सकें साझा चुनौतियों से निपटने में वैश्विक कार्रवाई को बढ़ाने में।

हमने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ दोबारा काम करना शुरू किया है और कोवैक्स के साथ साझेदारी में काम कर रहे हैं ताकि पूरी दुनिया में जान बचाने वाली वैक्सीन को भेजा जा सके।

हम पेरिस जलवायु समझौते में भी जुड़े हैं और हम अगले साल संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार काउंसिल में अपनी सीट के लिए भी रेस में है।
और जब अमेरिका पूरी दुनिया को एक्शन में लाना चाहता है तो हम सिर्फ ताकत के बल पर ही नेतृत्व नहीं कर पाएंगे बल्कि भगवान ने चाहा तो हम जैसा कर पाएंगे वही एक उदाहरण हमारी ताकत बन जाएगा।

लेकिन हमें समझने में कोई गलती न करे : अमेरिका अपनी रक्षा करना जारी रखेगा, अपने सहयोगियों और अपने हितों की रक्षा करेगा किसी भी हमले के खिलाफ, जिसमें आतंकवादी चुनौतियां भी शामिल हैं, हम तैयार हैं ताकत का इस्तेमाल करने के लिए अगर ज़रूरत पड़े तो, अमेरिका के राष्ट्रीय हितों का बचाव करने हेतु, मौजूदा और संभावित खतरों के खिलाफ।

लेकिन हमारा मिशन स्पष्ट और प्राप्त कर सकने वाला होना चाहिए, जो कि अमेरिकी लोगों की जानकारी और मर्जी से तय हो और जहां संभव हो, सहयोगियों के साथ साझेदारी में।

अमेरिकी सैन्य ताकत हमारा आखिरी विकल्प होना चाहिए, न कि पहला और इसे दुनिया की हर समस्या का जवाब भी नहीं समझा जाना चाहिए।

जाहिर है कि आज भी, हमारी कई बड़ी चिंताएं सेना के ज़रिए न तो सुलझाई जा सकती हैं और न ही उन पर इस तरह से सोचा ही जा सकता है। बम और गोलियों से हम कोविड-19 या भविष्य के उसके नए वेरिएंट्स का सामना नहीं कर सकते हैं।

इस महामारी से लड़ने के लिए, हमें ज़रूरत है सामूहिक रूप से वैज्ञानिक और राजनीतिक इच्छाशक्ति की। ज़रूरत है कि हम जितनी जल्दी हो सके लोगों को टीके लगा पाएं और पूरी दुनिया में लोगों तक ऑक्सीजन, टेस्ट-किट और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा पाएं।

और भविष्य के लिए, ज़रूरत है कि हम वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा व्यवस्था के लिए धन जुटाने की कोई प्रणाली बनाएं जो कि इस समय मौजूद हमारी विकास संबंधी वित्तीय मदद पर आधारित हो और एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती काउंसिल बने —-काउंसिल जिसके पास वो औजार हो जिससे वो नई महामारियों का निरीक्षण और पहचान कर पाए और समय रहते तत्काल कार्रवाई कर सके।

अमेरिका ने वैश्विक कोविड रिस्पांस के लिए 15 अरब डॉलर की राशि सुनिश्चित कर दी है। हमने अब तक दुनिया के दूसरे देशों को 160 मिलियन से अधिक टीकों की खुराक भेजी है। इसमें 130 मिलियन वो खुराकें शामिल हैं जो हमारी अपनी थीं और साथ ही फाइज़र वैक्सीन की आधा अरब खुराकें जो हमने खरीद कर कोवैक्स को दान में दी हैं।
अमेरिका से वैक्सीन लेकर विमान दुनिया के 100 से अधिक देशों में लैंड कर चुके हैं, जो इन देशों के लोगों के लिए “आशा की खुराक” बने हैं जैसा कि एक अमेरिकी नर्स ने मुझे बताया। “एक खुराक आशा की” सीधे अमेरिका के लोगों की तरफ से—और सबसे ज़रूरी बात कि इसके एवज में हमने कोई शर्त नहीं रखी है।

और कल, ग्लोबल 19—कोविड-19 सम्मेलन जिसे अमेरिका आयोजित कर रहा है, उसमें भी मैं नई प्रतिबद्धताओं की घोषणा करूंगा ताकि हम कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ा सकें और अपनी जवाबदेही भी तय कर सकें तीन निश्चित चुनौतियों के प्रति: जान बचाना, दुनिया को टीका लगाना और बेहतर तरीके से खड़े हो पाना।

यह साल किसी भी सीमा को न मानने वाले जलवायु संकट की तरफ से भी भयावह मौतें और विनाश को लेकर आया है। हमने दुनिया के सभी हिस्सों में खराब मौसम देखा है—और आप सब जानते हैं और महसूस कर चुके हैं – जिसे महासचिव ने सही चिन्हित किया है- “मानवता के लिए कोड रेड.” वैज्ञानिक और विशेषज्ञ हमसे कह चुके हैं कि हम बहुत तेज़ी से ऐसी स्थिति में पहुंचने वाले हैं जहां से “वापस लौटना संभव नहीं हो पाएगा।“

वैश्विक गर्मी को 1.5 डिग्री से नीचे रखने के महत्वपूर्ण लक्ष्य को पाने के लिए ज़रूरी है कि हर देश अपने सबसे बड़े और संभव हो सकने वाली महत्वाकांक्षा के साथ बातचीत के लिए आए जब हम कॉप-26 बैठक के लिए ग्लासगो में मिलेंगे और फिर उस साझी महत्वाकांक्षा को धीरे धीरे आगे बढ़ाते रहें।

अप्रैल में मैंने घोषणा की थी कि पेरिस समझौते के तहत अमेरिका का नया महत्वकांक्षी लक्ष्य है कि वो वर्ष 2030 तक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन का स्तर 50 से 52 प्रतिशत घटाकर वर्ष 2005 के स्तर तक ले जाएगा क्योंकि हम स्वच्छ ऊर्जा वाली अर्थव्यवस्था की तरफ अग्रसर हो रहे हैं और 2050 तक ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन शून्य तक ले जाना चाहते हैं।

और मेरा प्रशासन कांग्रेस के साथ इस मामले में मिलकर काम कर रहा है ताकि उन आधारभूत संरचनाओं में निवेश हो जो स्वच्छ हैं, और बिजली से चलने वाले वाहन पर निवेश हो ताकि हम अपने देश में होने वाली प्रगति को अपने जलवायु संबंधी लक्ष्यों के साथ रख सकें।

और इसमें सबसे बढ़िया बात ये है कि: ऐसे महत्वकांक्षी निवेश करना न केवल एक बेहतरीन जलवायु नीति है बल्कि इससे हम देशों को ये मौका भी मिलता है कि हम अपने लोगों में निवेश कर सकें और अपने भविष्य को बेहतर कर पाएं। यह एक बहुत बड़ा मौका है कि हम अच्छी तनख्वाहों वाली नौकरियां सृजित कर पाएंगे अपने देशों के कामगारों के लिए और लंबे समय में आर्थिक विकास भी सुनिश्चित कर पाएंगे जो हमारे लोगों का जीवन स्तर अच्छा करेगा।

हमें उन देशों को भी समर्थन करना है और उन लोगों को भी जो इस समस्या से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और उनके पास इनसे निपटने के लिए सबसे कम संसाधन हैं।

अप्रैल में, मैंने घोषणा की थी कि अमेरिका जलवायु संकट से निपटने के लिए विकासशील देशों को दी जाने वाली अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहायता को दुगुना कर रहा है। और आज मैं गर्व से घोषणा करता हूं कि हम कांग्रेस के साथ मिलकर इस सहायता को फिर से दुगुना कर रहे हैं जिसमें वो प्रयास शामिल होंगे जिसके ज़रिए लोग इस संकट के लिए खुद को तैयार कर पाएंगे।

इसके साथ ही सार्वजनिक रूप से जलवायु से जुड़ी वित्तीय मदद करने में अमेरिका अग्रणी देश हो जाएगा। और हमारी बाकी की मदद, साथ में निजी मदद और अन्य तरह के सपोर्ट से- बाकी दानकर्ताओं के कारण, हम विकासशील देशों में जलवायु संकट से जुड़ी कार्रवाई के लिए 100 अरब डॉलर की रकम जुटाने के अपने लक्ष्य को भी प्राप्त कर लेंगे।

जैसे जैसे हम इन संकटों से निपट रहे हैं, हम एक नए युग में भी प्रवेश कर रहे हैं—एक ऐसा युग जो नई तकनीक और संभावनाओं का है जिसमें मनुष्य के अस्तित्व के हर पहलू को बदल पाने की पूरी संभावना मौजूद है। और यह हमारे ऊपर है कि हम ये तय करें कि क्या ये तकनीकें मनुष्य को मजबूत करेंगी या फिर दमन को बढ़ावा देंगी।

जैसा कि नई तकनीक आगे बढ़ रही है, हम अपने लोकतांत्रिक सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं यह सुनिश्चित करने के लिए कि बायोटेक्नोलॉजी, क्वांटम कंप्यूटिंग, फाइव-जी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में हो रही नई प्रगति का इस्तेमाल लोगों के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए, समस्याओं को सुलझाने के लिए और मानवीय आजादी को आगे बढ़ाने के लिए हो न कि दमन करने और अल्पसंख्यक समुदायों को टारगेट करने के लिए।

अमेरिका की मंशा है कि वो रिसर्च और इनोवेशन में बड़ा निवेश करे और देशों के साथ आर्थिक विकास के हर चरण में मिलकर काम करते हुए तकनीक से नए टूल्स विकसित करे जो 21 वीं सदी के दूसरी चौथाई में आने वाली चुनौतियों का सामना कर सके।
हम साइबर हमलों और रैन्समवेयर नेटवर्क के खिलाफ अपने महत्वपूर्ण आधारभूत ढांचों को और मजबूत कर रहे हैं और सभी देशों के लिए स्पष्ट नियमों को बनाने के रास्ते पर हैं जो कि साइबरस्पेस से जुड़ी होंगी।

हम साइबर हमले, जो हमारे लोगों, सहयोगियों और हितों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के अपने अधिकार को सुरक्षित रखते हैं।

हम वैश्विक व्यापार और आर्थिक विकास के नए नियमों की तरफ अग्रसर रहेंगे जो कि हर देश के लिए एक समान जमीन तैयार करे न कि कृत्रिम रूप से किसी एक देश के पक्ष में हो जिससे दूसरे का नुकसान हो जाए क्योंकि हर देश का अधिकार है कि उसे समान मौका मिले।

हम मूलभूत श्रमिक अधिकार, पर्यावरण से सुरक्षा और बौद्धिक संपदा की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं ताकि भूमंडलीकरण के लाभ समाज के हर वर्ग के साथ साझा किए जा सकें।

हम उन सभी नियमों और तौर तरीकों को बनाए रखने के हिमायती रहेंगे जो हमने दशकों से बनाए हैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी से निपटने के मामले में जो कि पूरी दुनिया में देशों के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं— इसका आधार मूलभूत प्रतिबद्धताएं हैं आवाजाही की आज़ादी, अंतरराष्ट्रीय कानून और नियमों का पालन, हथियारों की रेस पर नियंत्रण के लिए उठाए जाने वाले कदमों का समर्थन जो कि खतरे को कम करता है और पारदर्शिता बढ़ाता है।

हमारा रूख पूरी तरह से संयुक्त राष्ट्र के मिशन और उनके मूल्यों के साथ जुड़ा हुआ है और हम सहमत हुए हैं इस बात पर जब हमने चार्टर का मसौदा तैयार किया था। ये प्रतिबद्धताएं हमने की हैं और हम सब इसे मानने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

और जैसे जैसे हम इन चुनौतियों से निपटने के लिए कोशिश कर रहे हैं, चाहे वो लंबे समय की हों या नई उठ रही चुनौतियां, हमें एक दूसरे के साथ भी रहना है।

दुनिया के सभी प्रमुख ताकतों का यह कर्तव्य है, मेरे विचार से कि वो एक दूसरे के साथ अपने संबंधों को बहुत ध्यानपूर्वक बनाए रखें ताकि वो जिम्मेदारी से भरी प्रतियोगिता की जगह संघर्ष में न तब्दील हो जाए।

अमेरिका प्रतियोगिता के लिए तैयार है और हम पूरी मेहनत से सामना करेंगे और अपने मूल्यों और मज़बूती से नेतृत्व करेंगे।

हम अपने सहयोगियों के लिए खड़े होंगे और अपने मित्रों के लिए और ताकतवर देशों के प्रयासों का विरोध करेंगे अगर वो कमज़ोर देशों पर प्रभुत्व करना चाहेंगे तो, चाहे वो ताकत के जरिए जमीन हथियाना हो, आर्थिक दबाव हो, तकनीक के ज़रिए दमन हो या सूचना के ज़रिए प्रभाव जमाना हो।

लेकिन हम नहीं चाहते हैं कि— मैं दोहराता हूं – हम नहीं चाहते हैं कि कोई शीत युद्ध हो या दुनिया किन्ही खांचों में बंटे।

अमेरिका किसी भी देश के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है जो साझा चुनौतियों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रयास करने को तैयार है, अगर बाकी दूसरे क्षेत्रों में हमारी गहरी असहमतियां हो तो भी — क्योंकि हमारी असफलता के परिणाम सबको भुगतने होंगे अगर हमने साथ आकर कोविड-19 या जलवायु परिवर्तन या परमाणु हथियारों के प्रसार जैसी समस्याओँ पर विचार नहीं किया तो।

अमेरिका प्रतिबद्ध है कि ईरा—ईरान परमाणु हथियार विकसित न कर पाए। हम पी 5+1 देशों के साथ मिल कर काम कर रहे हैं ताकि ईरान से कूटनीतिक बातचीत हो और वो जेसीपीओए में वापस लौटें। हम तैयार हैं हर तरह से काम करने को अगर ईरान भी ऐसा करता है तो।

साथ ही हम गंभीर और लगातार कूटनीति के ज़रिए कोरिया प्रायद्वीप के परमाणु असैन्यीकरण को लेकर भी प्रतिबद्ध हैं।

हम चाहते हैं कि एक ठोस प्रक्रिया हो किसी योजना की तरफ जिसमें पूरी की जा सकने वाली प्रतिबद्धताएं हों जिससे प्रायद्वीप और क्षेत्र में स्थायित्व बढ़े और साथ ही डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोरिया के लोगों का जीवन भी बेहतर हो सके।

हमें साथ ही सतर्क रहना होगा आतंक—-आतंकवाद के खतरों के प्रति भी जो हम सभी देशों के लिए है, चाहे वो दूर दराज के क्षेत्रों से हो या फिर हमारे अपने ही देशों के भीतर हो।

हम जानते है कि आतंकवाद का डंक एक यथार्थ है और हम सबने इसका अनुभव किया है।

पिछले महीने, हमने तेरह अमेरिकी हीरो खोए हैं और करीब 200 निर्दोष अफगान नागरिक मारे गए हैं काबुल एयरपोर्ट पर हुए आतंकवादी हमले में।

जो लोग ऐसी आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देते हैं हमारे खिलाफ, उन्हें अमेरिका के रूप में एक मजबूत दुश्मन हमेशा मिलेगा।

आज की दुनिया वर्ष 2001 की दुनिया नहीं है, और न ही अमेरिका वो देश रहा जो बीस साल पहले था जब हम पर नौ सितंबर के दिन हमला हुआ था।

आज हम आतंकवादी खतरों को पहचान पाने और रोकने में कहीं बेहतर तरीके से सक्षम हैं और उसे रोकने की हमारी क्षमताएं कहीं अधिक मज़बूत हो चुकी हैं।

हम जानते हैं कि कैसे प्रभावी साझेदारी बनाई जाती है जिसके ज़रिए आंतकवादी नेटवर्कों को ध्वस्त किया जा सकता है उनके वित्तीय और सपोर्ट सिस्टम को लक्ष्य करके, उनके प्रोपेगेंडा का सामना कर के, उनकी यात्राएं रोक कर और साथ ही हमलों की योजना को ध्वस्त कर के।

हम आज आने वाली आतंकवादी चुनौतियों से निपटेंगे और भविष्य की चुनौतियों से भी क्योंकि उसके लिए हमारे पास पर्याप्त हथियार मौजूद हैं जिसमें स्थानीय पार्टनरों के साथ काम करना भी शामिल है जिससे हमें बड़े पैमाने पर सैनिकों की तैनाती न करनी पड़े।

एक बहुत महत्वपूर्ण तरीका है सुरक्षा को बेहतर और प्रभावशाली बनाने का और हिंसा को कम करने का कि हम पूरी दुनिया में लोगों के जीवन स्तर को बेहतर करें जो ये देख रहे हैं कि उनकी सरकारें उनकी ज़रूरतों पर ध्यान नहीं दे रही हैं।

भ्रष्टाचार से असमानता आती है और किसी भी देश के संसाधन गलत हाथों में जाते हैं, समस्या सीमाओं के पार फैलती है और लोग परेशान होते हैं। यह 21वीं सदी में किसी राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे से कम नहीं है।

पूरी दुनिया में हम लगातार देख रहे हैं कि नागरिक अपनी नाराज़गी व्यक्त कर रहे हैं कि धनी और अच्छे नेटवर्कों वाले लोग लगातार और धनी होते जा रहे हैं, घूस ले रहे हैं, कानून को नहीं मान रहे हैं जबकि बड़ी संख्या में लोग नौकरी और दो जून के खाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं या फिर अपना छोटा मोटा व्यवसाय तक नहीं शुरू कर पा रहे हैं या बच्चों को स्कूल नहीं भेज पा रहे हैं।

लोग सड़कों पर आ गए हैं हर क्षेत्र में और मांग कर रहे हैं अपनी सरकारों से कि वो लोगों की मूलभूत ज़रूरतों को पूरा करे, उन्हें बराबर का हक दे सफल होने का और भगवान द्वारा मिले उनके अधिकारों की सुरक्षा हो।

और कई भाषाओं में उठती इन सामूहिक आवाज़ों में हम एक बात पाते हैं, सम्मान की बात—सम्मान। नेताओं के रूप में हमारा यह कर्तव्य है कि हम इस बात को सुनें, इसे चुप न करें।

अमेरिका प्रतिबद्ध है अपने संसाधनों का इस्तेमाल करने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इन आवाज़ों का समर्थन करने को, उन्हें सुनने को, उनसे साझेदारी करने और वो तरीके खोजने को जिससे पूरी दुनिया में मानवीय सम्मान सुनिश्चित किया जा सके।

उदाहरण के लिए, विकासशील देशों में आधारभूत ढांचे को ठीक करने की बेहद ज़रूरत है, लेकिन जो आधारभूत ढांचा, घटिया क्वालिटी का है या फिर जिसे बनाने में भ्रष्टाचार होता है या पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है वो देशों के लिए लंबे समय में चुनौतियों को ही बढ़ाने वाला है।

ठीक से काम किए जाने पर, पारदर्शिता के साथ, परियोजनाओं में सतत निवेश करने से जो कि देश की ज़रूरतों के अनुसार हो और स्थानीय लोगों को अच्छे वेतन और पर्यावरण स्टैंडर्ड के हिसाब से काम मिले तो आधारभूत ढांचा एक ऐसी मजबूत नींव हो सकती है जो कम और मध्यम आय वाले देशों के विकास और समृद्धि में बड़ी भूमिका निभा सकती है।

यह आइडिया है बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड के पीछे का।

और प्राइवेट सेक्टर और हमारे जी-7 पार्टनर देशों के साथ हम इस आधारभूत ढांचे के आइडिया में सैकड़ों अरब डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखते हैं।

हम दुनिया में मानवीय सहायता के मामले में सबसे बड़े दानकर्ता भी बने रहेंगे ताकि भोजन, पानी, आवास, आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य महत्वपूर्ण जीवनरक्षक सहायता पहुंचा सकेंगे उन लाखों लोगों को जो ज़रूरतमंद हैं।

जब कोई भूकंप आए, या चक्रवाती तूफान, या कोई आपदा पूरी दुनिया में तो अमेरिका उसमें दिखे। हम मदद को तैयार हों।

और ऐसे समय में जब दुनिया के हर तीन में से एक आदमी को पर्याप्त भोजन तक सुलभ नहीं है—अमेरिका ने पिछले साल अपने सहयोगियों के साथ मिलकर प्रतिबद्धता जताई है कि वो कुपोषण के खिलाफ काम करेंगे और ये सुनिश्चित करेंगे कि हम अगले दशकों में दुनिया के लिए भोजन उपलब्ध करा सकें।

इस लक्ष्य के लिए, अमेरिका ने 10 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है ताकि भूख को खत्म किया जा सके और घरेलू एवं विदेशों में फूड प्रणाली में निवेश किया जा सके।

2000 के बाद अमेरिकी सरकारों ने 140 अरब डॉलर से अधिक की रकम स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए खर्च की है और हम इस मामले में अपना नेतृत्व जारी रखेंगे ताकि इस महत्वपूर्ण निवेश को आगे बढ़ाया जाए और हर दिन लोगों के जीवन को बेहतर किया जा सके। उन्हें बेहतर जगह मिल सके।

और जैसे जैसे हम उनका जीवन बेहतर करने की तरफ बढ़ेंगे, हमें यह काम भी करना होगा कि हम संघर्षों को खत्म करें जो पूरी दुनिया में इतना कष्ट और दुख पैदा कर रहा है।

हमें अपने कूटनीतिक प्रयासों को दुगुना करना होगा और राजनीतिक वार्ताओं के लिए प्रतिबद्ध होना होगा न कि हिंसा को पहला कदम बनाना होगा, पूरी दुनिया में मौजूद तनाव को कम करने के लिए।

हमें एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित भविष्य की ओर अग्रसर होना है मध्य पूर्व के लोगों के लिए।

अमेरिका प्रतिबद्ध है इसराइल की सुरक्षा को लेकर और इस पर कोई सवाल नहीं है। और हम समर्थन करते हैं बिना शर्त—एक स्वतंत्र यहूदी राष्ट्र का भी।

लेकिन मैं हमेशा से ये मानता रहा हूं कि दो राष्ट्रों का समाधान ही इस बात को सुनिश्चित करेगा कि इसराइल—इसराइल का भविष्य, शांतिपूर्ण माहौल में रहने वाले लोकतांत्रिक देश के रूप में संभव है एक संप्रभु, लोकतांत्रिक फलस्तीनी राष्ट्र के साथ।

हम इस लक्ष्य से बहुत दूर हैं इस समय लेकिन हमें प्रगति की संभावना को कभी भी खारिज नहीं करना चाहिए।

हम इथियोपिया और यमन में गृह युद्धों की स्थिति को सुलझाने से पीछे नहीं हट सकते हैं—जहां लड़ने वाले गुटों के कारण अकाल पैदा हो रहा है—भयावह हिंसा, नागरिकों के खिलाफ मानवाधिकार हनन की घटनाएं हो रही हैं,जहां रेप का इस्तेमाल युद्ध के हथियार के रूप में किया जा रहा है।

हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिल कर शांति के लिए दबाव बनाना जारी रखेंगे और इस स्थिति को खत्म करने के लिए काम करते रहेंगे।

कूटनीतिक प्रयासों को चारों तरफ जारी रखते हुए, अमेरिका लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढ़ाता रहेगा जो कि एक देश और अमेरिकी होना दर्शाता है: आज़ादी, समानता, मौके और सभी लोगों के वैश्विक अधिकारों में विश्वास।

यह सारी बातें एक राष्ट्र के तौर पर हमारे डीएनए में हैं और ये मूल्य संयुक्त राष्ट्र के डीएनए में भी शामिल हैं—हम कभी कभी ये बात भूल जाते हैं।

मैं मानवाधिकारों पर वैश्विक घोषणा के ये शुरूआती शब्द आपको सुनाता हूं: “ मानव परिवार के सभी सदस्यों के लिए समान और अविच्छेद अधिकार ही दुनिया में आजादी, न्याय और शांति की नींव हैं।”

संयुक्त राष्ट्र के निर्माण की मूल बातें हमारी प्रणाली में लोगों के अधिकारों को केंद्र में रखती हैं और इस स्पष्टता और दृष्टि को न तो नज़रअंदाज़ किया जाना चाहिए और न ही इसका गलत मतलब निकाला जाना चाहिए।

अमेरिका अपनी भूमिका अदा करता रहेगा लेकिन हम तभी सफल होंगे और प्रभावशाली हो पाएंगे जब हम सभी देश इस पूरे मिशन के लिए काम करेंगे जिसके लिए हम सब यहां जुटे हैं।

इसी कारण सौ से अधिक देश एकत्र हुए हैं—एक साझा बयान जारी करने को और सुरक्षा परिषद ने एक प्रस्ताव माना है जिसमें ये रूपरेखा है कि हम कैसे अफगानिस्तान के लोगों को आगे बढ़ने में मदद करेंगे, जिसमें उन उम्मीदों को चिन्हित किया गया है जिन पर हम तालिबान को परखेंगे जब वैश्विक मानवाधिकार के सम्मान की बात आएगी तो।

हम सभी को महिलाओं के अधिकारों की हिमायत करनी चाहिए—महिलाओं के अधिकार और बच्चियों को हिंसा और धमकी से परे, उनकी प्रतिभा के अनुरूप आर्थिक रूप से, राजनीतिक रूप से और सामाजिक रूप से योगदान देने की, सपने देखने की आजादी होनी चाहिए—सेंट्रल अमेरिका से लेकर मध्य पूर्व और अफ्रीका से लेकर अफगानिस्तान तक –जहां कहीं भी ऐसी नहीं हो रहा हो दुनिया में।

हम सभी को आवाज़ उठानी चाहिए और निंदा करनी चाहिए जहां नस्ल के आधार पर या धार्मिक अल्पसंख्यकों को परेशान किया जा रहा हो—चाहे वो शिनजियांग में हो रहा हो या उत्तरी इथियोपिया में या दुनिया के किसी और कोने में।

हम सभी को एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों के अधिकारों का बचाव करना चाहिए ताकि वो रह सकें और प्रेम कर सकें खुल कर बिना किसी डर के चाहे वो चेचन्या में हों, कैमरून में हों या फिर दुनिया में किसी और जगह।

जैसे जैसे हम अपने देशों को इस ऐतिहासिक मोड़ तक ले जाएंगे और काम करेंगे आज की तेजी से बदलती अलग अलग तरह की चुनौतियों के लिए, मैं स्पष्ट कर दूं : मैं निराशावादी नहीं हूं उस भविष्य को लेकर जो हम अपनी दुनिया के लिए चाहते हैं।

ये भविष्य उन्हीं लोगों का है जो मानवीय सम्मान को अपनाएंगे, न कि उनका जो इसे कुचलेंगे।

भविष्य उन्हीं का होगा जो अपने लोगों की क्षमताओं को आगे बढ़ने देंगे न कि उनका जो इसे रोके रखेंगे।

भविष्य उन्हीं का है जो जो अपने लोगों को आज़ाद रहने देंगे न कि उनका जो अपने लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे होंगे।

अधिनायकवाद—दुनिया में अधिकनायकवादी सरकारें भले ही लोकतांत्रिक युग की समाप्ति की घोषणाएं करते फिरें लेकिन वो गलत हैं।

सच ये है: लोकतांत्रक दुनिया हर तरफ है। यह भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ताओं में है, मानवाधिकार के लिए आवाज़ उठाने वालों में है, पत्रकारों में है, बेलारूस, सीरिया, क्यूबा, बर्मा, वेनेजुएला और जहां कहीं भी संघर्ष हो रहा हो वहां शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों में है।

यह रहता है सूडान की साहसी महिलाओं में जो हिंसा और दमन के खिलाफ आवाज़ उठाते हुए नरसंहार को अंजाम देने वाले एक तानाशाह को सत्ता से बेदखल कर देती हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बचाव के लिए हर दिन काम कर रही हैं।

यह रहता है स्वाभिमानी मोलडोवियन लोगों में जिन्होंने लोकतंत्र का समर्थन करते हुए उसे जिताया है अपने देश में, जहां सरकार को जनादेश मिला है भ्रष्टाचार को खत्म करने और अर्थव्यवस्था को बेहतर करने का।

यह रहता है ज़ाम्बिया के युवाओं में जो पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए रिकार्ड संख्या में घर से बाहर निकले और भ्रष्टाचार को खत्म करते हुए अपने देश के लिए उन्होंने नया रास्ता बनाया है।

कोई भी लोकतंत्र परफेक्ट नहीं है और इसमें अमेरिका भी शामिल है—जो लगातार संघर्ष कर रहा है कि उच्च आदर्शों पर बना रहे और अपने अंदर भेदभावों को खत्म करे, और हमने हिंसा और विद्रोह भी देखा है—फिर भी लोकतंत्र सबसे बेहतरीन औजार है अपने लोगों की क्षमता को आगे बढाने का।

मेरे साथी नेतागण, यह एक क्षण है जब हम यह साबित कर सकते हैं कि हम उनके बराबर हैं जो हमसे पहले आए थे, जिन्होंने एक दृष्टि, मूल्यों और एक भरोसे के साथ हमारे साझे भविष्य के लिए संयुक्त राष्ट्र को बनाया, युद्ध और तबाही के चक्र को रोका और एक नींव रखी जिसमें सात दशकों तक अपेक्षाकृत शांति रही है और दुनिया समृद्ध हुई है।

आज हम सभी को एक बार फिर साथ आकर ये सुनिश्चित करना है कि मानवता जो हम सब को एक करती है वो किसी भी बाहरी भेदभाव या असहमतियों से बड़ी है।

हमें चुनना होगा कि हम अधिक करने को चुनें न कि अकेले काम करने को ताकि हम वो हासिल कर सकें जो करना ज़रूरी है, साथ में: महामारी को खत्म करना और ये तय करना कि हम अगली के लिए बेहतर तरीके से तैयार हों ; जलवायु परिवर्तन को रोकना और इसके प्रभावों से, जो हम देख ही रहे हैं, खुद को बचाना; एक ऐसा भविष्य सुनिश्चित करना जहां तकनीक मानवीय चुनौतियों को सुलझाने का औजार बने और मानव की क्षमताओं को बेहतर करने का न कि दमन को बढ़ावा देने का हथियार बन जाए।

ये सारी चुनौतियां हैं जो ये तय करेंगी कि दुनिया हमारे बच्चों और हमारे बच्चों के बच्चों के लिए कैसी होगी और उन्हें हम क्या देकर जाएंगे। हम भविष्य को बेहतर कर के ही उन्हें कुछ बेहतर दे सकते हैं।

मैं आज यहां खड़ा हूं। बीस सालों में पहली बार जब अमेरिका किसी के साथ युद्ध नहीं कर रहा है। हमने इतिहास का एक पन्ना बदल दिया है।

हमारे देश की सारी ताकत, ऊर्जा, प्रतिबद्धता, इच्छाशक्ति और सारे संसाधान अब पूरी तरह से उन मुद्दों पर केंद्रित हैं जो हमारे आगे हैं न कि उन पर जो हमने पीछे छोड़ दिए हैं।

मैं जानता हूं: जब हम आगे देखते हैं तो हम नेतृत्व करते हैं। हम नेतृत्व करेंगे हर उस बड़ी चुनौती का जो हमारे समय की हैं—कोविड से लेकर जलवायु, शांति और सुरक्षा, मानवीय सम्मान और मानवाधिकार का। लेकिन हम ये काम अकेले नहीं करेंगे।

हम साथ में नेतृत्व करेंगे अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ, उन सबके साथ जिनका उन बातों में भरोसा है जिनमें हमारा भरोसा है और जो मानते हैं कि हमारे पास वो ताकत है कि हम उन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं, एक बेहतर भविष्य बनाने के लिए जो हम सब लोगों का जीवन बेहतर करे और इस पृथ्वी को बचाए।

लेकिन इनमें से कुछ भी अपरिहार्य नहीं है; यह चुनाव की बात है। और मैं कह सकता हूं कि अमेरिका कहां खड़ा है: हम एक बेहतर भविष्य के निर्माण को चुनेंगे। हम- आप और मैं—हमारे पास इच्छाशक्ति है और क्षमता है बेहतर करने की।

लेडीज़ एंड जेंटलमैन, हम और समय नष्ट करना गवारा नहीं कर सकते। काम करना होगा। चलें मिलकर भविष्य को बेहतर करने के काम में लग जाएं।

हम ये कर सकते हैं। यह हमारी ताकत और क्षमता में है।

शुक्रिया और भगवान आप सबका भला करे।

10. 34 A.M. EDT


मूल स्त्रोत: https://www.whitehouse.gov/briefing-room/speeches-remarks/2021/09/21/remarks-by-president-biden-before-the-76th-session-of-the-united-nations-general-assembly/ 

अस्वीकरण: यह अनुवाद शिष्टाचार के रूप में प्रदान किया गया है और केवल मूल अंग्रेज़ी स्त्रोत को ही आधिकारिक माना जाना चाहिए।

U.S. Department of State

The Lessons of 1989: Freedom and Our Future