An official website of the United States Government Here's how you know

Official websites use .gov

A .gov website belongs to an official government organization in the United States.

Secure .gov websites use HTTPS

A lock ( ) or https:// means you’ve safely connected to the .gov website. Share sensitive information only on official, secure websites.

अमेरिकी विदेश विभाग
प्रवक्ता का कार्यालय
उप विदेश मंत्री वेंडी शरमन का संबोधन
मई 13, 2023

नमस्ते, और प्रधानमंत्री हसीना एवं विदेश मंत्री मोमिन को हिंद महासागर सम्मेलन 2023 की मेज़बानी करने तथा इस विशिष्ट समूह को संबोधित करने हेतु मुझे आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद। हर साल इस कार्यक्रम के आयोजन में भागीदारी के लिए विदेश मंत्री जयशंकर, भारत के विदेश मंत्रालय और इंडिया फ़ाउंडेशन को भी धन्यवाद।

काश मैं ढाका में आप सभी के बीच मौजूद होती, लेकिन मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि बैठक में हमारे प्रतिनिधिमंडल की अगुआई कर रहीं उप सहायक विदेश मंत्री आफ़रीन अख़्तर के साथ अमेरिका का अच्छा प्रतिनिधित्व है।

मैं इस अनूठे मंच – जो अफ़्रीका से लेकर दक्षिण एशिया और प्रशांत द्वीप समूहों तक, हिंद महासागर क्षेत्र के देशों को एक साथ लाता है – को संबोधित करने और यह सरल संदेश देने का अवसर प्रदान करने के लिए आभारी हूं: अमेरिका हिंद महासागर क्षेत्र से अपना जुड़ाव बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

दुनिया का भविष्य काफी हद तक इस बात से तय होगा कि इस क्षेत्र में क्या होता है। हिंद महासागर क्षेत्र 2.7 बिलियन लोगों – दुनिया की आबादी के एक तिहाई से अधिक – का घर है और, 30 वर्ष की औसत आयु के मद्देनज़र, यह प्रतिशत बढ़ेगा ही।

इस क्षेत्र के आर्थिक महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता। हिंद महासागर दुनिया की कुल समुद्री सतह का पांचवां हिस्सा है, और यह दुनिया भर के लोगों और अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ता है। इसके विशाल तटीय इलाक़ों में होर्मुज जलडमरूमध्य से लेकर मलक्का जलडमरूमध्य तक दुनिया के सर्वाधिक महत्वपूर्ण नौवहन मार्ग शामिल हैं। दुनिया की 80 प्रतिशत समुद्री तेल ढुलाई हिंद महासागर के ज़रिए होती है। दुनिया के सर्वाधिक अहम मत्स्यन क्षेत्रों में से अनेक यहीं हैं, और वे इस क्षेत्र में लोगों को रोज़गार देने और दुनिया भर के लोगों का पेट भरने की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।

इसलिए हिंद महासागर क्षेत्र के शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्य में हम सभी की रुचि मुनासिब है। हम सभी इस वर्ष के सम्मेलन की थीम में सन्निहित दृष्टि को साझा करते हैं… एक सुदृढ़ भविष्य के लिए शांति, समृद्धि और साझेदारी। जैसा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा है, अमेरिका “दीर्घावधि के लिए प्रतिबद्ध है, तथा मित्रों और साझेदारों के साथ मिलकर क्षेत्र के सकारात्मक भविष्य की हमारी संकल्पना को साकार करने के लिए तैयार है।”

लेकिन इसी के साथ, यह क्षेत्र गंभीर चुनौतियों का भी सामना कर रहा है। जलवायु संकट हम सभी को प्रभावित करता है, लेकिन हिंद महासागर के देशों पर इसका असमानुपातिक प्रभाव पड़ता है। कुछ के लिए, विशेष रूप से द्वीपीय देशों के लिए, जलवायु परिवर्तन एक अस्तित्वगत खतरे के समान है। साथ ही, जलदस्यु गिरोह, शस्त्र डकैती और मानव तस्करी समुद्री सुरक्षा को कमज़ोर करती है। और अवैध, गुपचुप, एवं अनियंत्रित मत्स्यन से नीली अर्थव्यवस्थाओं को खतरा है, जिन्हें भविष्य की पीढ़ियों को समृद्ध बनाने के लिए धारणीय बनाने की आवश्यकता है।

इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए एक साझा और सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है – हमारे देशों, आईओआरए जैसे बहुपक्षीय निकायों, सिविल सोसायटी और लोगों के बीच। और अमेरिका अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसीलिए हमने पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में ऐसे कार्यक्रमों के लिए 165 मिलियन डॉलर देने की घोषणा की है जो जलवायु परिवर्तन से जुड़े अनुकूलन और दुष्प्रभाव न्यूनीकरण प्रयासों को बढ़ावा देते हैं, जिसमें स्वच्छ ऊर्जा केंद्रित भविष्य की दिशा में प्रगति भी शामिल है।

यही कारण है कि हम अमेरिकी कांग्रेस के सहयोग से बांग्लादेश, भारत, मालदीव और श्रीलंका के साथ साझेदारी में क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा प्रयासों के लिए  6 मिलियन डॉलर उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहे हैं। यह फ़ंडिंग हिंद महासागर के दक्षिण एशियाई उपक्षेत्र में पाबंदियों और क़ानून प्रवर्तन क्षमता को बढ़ाएगी। समुद्री सुरक्षा के लिए साझेदारी महत्वपूर्ण है, और मैं इस क्षेत्र में भारत के नेतृत्व की सराहना करना चाहूंगी… विशेष रूप से जलदस्यु विरोधी प्रयासों, ईईज़ेड निगरानी और आपदा राहत के क्षेत्र में।

टिकाऊ नीली अर्थव्यवस्थाओं में निवेश प्रभाव विस्तारक का काम करता है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है और यह प्रदर्शित होता है कि कैसे पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास एक-दूसरे को परस्पर मज़बूत करते हैं। यूएसएआईडी के माध्यम से, अमेरिका टिकाऊ मत्स्यन को बढ़ावा देने और समुद्री जैव विविधता के संरक्षण के लिए प्रत्येक वर्ष 15 देशों में 33 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश करता है। और इस क्षेत्र में, हम विकासमान टिकाऊ नीली अर्थव्यवस्थाओं पर केंद्रित विकास सहायता के लिए अवसरों की पहचान कर रहे हैं, जिसमें बांग्लादेश भी शामिल है।

हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हिंद महासागर क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इस क्षेत्र की पूरी क्षमता के दोहन के लिए हम सभी को साथ आने की ज़रूरत है। और जहां हम साझा चुनौतियों के समाधान के लिए कार्रवाई कर रहे हैं, हमें यहां अन्य भागीदारों को सुनना भी है। मुझे आशा है कि आप उप सहायक विदेश मंत्री अख़्तर और हमारे प्रतिमंडल के अन्य लोगों से इस बारे में अपने विचार साझा करेंगे कि अमेरिका हमारी साझेदारी को कैसे और विकसित कर सकता है।

आने वाले महीनों में, हम इस सप्ताह की आपकी बातचीत से उत्पन्न संवेग को बढ़ाने के तरीकों की तलाश करेंगे। और हम अपनी साझा संकल्पना को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे ताकि हम एक अधिक शांतिपूर्ण, समृद्ध और सुदृढ़ हिंद महासागर क्षेत्र का निर्माण कर सकें… साथ मिलकर।

आज मुझे संबोधन के लिए आमंत्रित करने हेतु फिर से धन्यवाद, और मैं आप सभी को एक सफल सम्मेलन के लिए शुभकामनाएं देती हूं।


मूल स्रोत: https://www.state.gov/remarks-for-deputy-secretary-sherman-indian-ocean-conference/

अस्वीकरण: यह अनुवाद शिष्टाचार के रूप में प्रदान किया गया है और केवल मूल अंग्रेज़ी स्रोत को ही आधिकारिक माना जाना चाहिए।

U.S. Department of State

The Lessons of 1989: Freedom and Our Future